अपनी बात

झारखण्ड में विधि-व्यवस्था को लेकर घड़ियाली आंसू बहाने से अच्छा है कि बाबूलाल मरांडी भाजपा विधायकों के अत्याचार से त्रस्त जनता को मुक्ति दिलाने का प्रयास करें

बाबूलाल मरांडी जी इस फोटो को ध्यान से देखिये और पहचानिये, यह फोटो 18 अप्रैल 2022 का है। इस महिला का नाम है – कुन्ती देवी, जो अपने पूरे परिवार के साथ धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर आपके विधायक सच पूछिये तो आपका ही आविष्कार बाघमारा का विधायक ढुलू महतो के अत्याचार का शिकार हो गई। ढुलू महतो ने इसी के दुकान के सामने अपना टैंकर महीनों तक लगाकर खड़ाकर दिया। जिससे इसका दुकान ही बंद हो गया।

इसके पूरे परिवार पर आजीविका का संकट आ खड़ा हुआ। ये दो रोटी कमाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए, ढुलू के अत्याचार से खुद को बचाने के लिए, उस टैंकर को अपने दुकान के सामने से हटाने के लिए उस वक्त के भाजपा के सभी बड़े नेता, पुलिस महानिदेशक, धनबाद के उपायुक्त, एसएसपी, एसपी, एसडीओ के सामने जाकर गुहार लगाई, पर किसी ने इसकी नहीं सुनी।

जब इसे पता चला कि आप खुद धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर कुछ दिन के बाद पहुंचे हैं तो वो आप से भी मिली, क्या आप बता सकते है कि आपने अपने ही विधायक ढुलू महतो के अत्याचार से इसे मुक्ति दिलाने में कितने कामयाब हुए?

अब इस फोटो को देखिये, जब भूमाफिया व भाजपा विधायक ढुलू महतो की दादागिरी से त्रस्त होकर बाघमारा के किसानों ने अपनी 91 एकड़ जमीन को वापस कराने के लिए 23 मार्च 2022 को रांची आकर राजभवन के समक्ष अर्द्धनग्न प्रदर्शन किया। नतीजा क्या निकला। भाजपा के कोटे से बने राज्यपाल रमेश बैस ने भी इन बेचारों की आवाज ही नहीं सुनी।

अब ये फोटो देखिये, 26 सितम्बर 2018 की है। जब भाजपा विधायक ढुलू महतो के अत्याचार से आजिज होकर धनबाद के इंडस्ट्रीज एंड कामर्स एसोसिएशन के व्यवसायियों ने बाघमारा के लोडिंग प्वाइंटों से कोयला उठाने के लिए मांगी जा रही रंगदारी से दुखी होकर मीटिंग कर डाली और भाजपा विधायक ढुलू महतो के खिलाफ मैदान में उतर गये।

बाबूलाल मरांडी जी आप तो विजय झा को जानते ही होंगे, क्या आप बता सकते है कि भाजपा का वो कौन विधायक था, जिसने एक महिला को आगे कर, विजय झा के बेटे पर एक झूठी बलात्कार की कतरास थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी थी। वो तो भगवान का शुक्र था कि विजय झा के घर पर सीसीटीवी लगा था और जिस समय का जिक्र वो महिला कर रही थी, उस समय सीसीटीवी बता रहा था कि विजय झा का बेटा घर में हैं।

जिसके कारण वो सलामत बच गया, नहीं तो विजय झा और उनके बेटे पर कितनी बड़ी विपत्ति आती। उनके परिवार पर कितना बड़ा संकट आता, जीवन भर की कमाई उनकी इज्जत लेने का प्रबंध किसने किया था, वो कौन सी पार्टी थी। ऐसे भी वो बच्चा, विजय झा और उनका पूरा परिवार उस दौरान जिस प्रकार की संकट को झेला, उस संकट को मेरे से बेहतर और कौन समझ सकता है।

ऐसे तो कई कारनामें, आपके प्रिय विधायक ढुलू महतो के हैं, जिनके यहां कुछ दिन बाद आप संकल्य यात्रा लेकर पहुंचेगे और जनसभा भी करेंगे और वहां भी वहीं डायलॉग बोलेंगे, जो डॉयलॉग आपने झरिया में बोला। वो डॉयलॉग आपको मैं फिर सुनाता हूं, पढ़ लीजिये … ‘आज अपराधी बेलगाम हैं। रोज हत्या, लूट, अपहरण, डकैती की घटनाएं हो रही। बहन-बेटियों की इज्जत सुरक्षित नहीं। पिछले छः महीनों में 23 व्यापारियों की हत्या हुई है जिसने नौ व्यक्तियों ने लिखित रूप में सुरक्षा की गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री एसआईटी गठित कर इसकी जांच कराएं, दोषियों पर कारवाई करें नही तो 2024 में भाजपा की सरकार इसकी जांच अवश्य कराएगी।’

कल ही सुनने में आया है कि झरिया में धनबाद में बिगड़ी हुई विधि-व्यवस्था को लेकर धनबाद जिला मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष कृष्णा अग्रवाल ने आपको एक ज्ञापन दिया है। जिसमें आपसे उन्होंने धनबाद की विधि-व्यवस्था को लेकर आपसे मदद मांगी है। उनकी मदद करने में आपको क्या दिक्कत आ रही है। पहले आप अपने घर से उक्त गदंगी को दूर करिये न। पर आप नहीं करेंगे, क्योंकि आपके पास वो ताकत नहीं।

कल आपने झरिया में रघुवर शासनकाल की बड़ाई की। पर सच्चाई यही है कि रघुवर शासनकाल में धनबाद ही नहीं, बल्कि राज्य के अनेक जगहों पर विधि-व्यवस्था चौपट थी। नहीं तो आप भाजपा ज्वाइन करने के पहले का अपना ही बयान किसी अखबार में आपका छपा हो तो पढ़ लीजिये, नहीं तो आप हमसे संपर्क करिये। हम आपको बता देंगे, अखबार भी उपलब्ध करा देंगे।

हां, आप तो वरिष्ठ पत्रकार सुनील तिवारी को लेकर बहुत चिन्तित रहते हैं। कई जगहों पर पत्र भी भेजे हैं। जरा कभी आपके मित्र, हाथी उड़ानेवाले पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास मिलें तो उनसे पूछियेगा कि उन्होंने किस पत्रकार पर जूल्म करने के लिए सारी इंतेहा पार कर दी थी और अगर उत्तर नहीं मिले, तो उस उत्तर के लिए भी विद्रोही24 के पास आ जाइयेगा। मिल जायेगा।

धनबाद के ही एक सज्जन ने आपके इस रवैये को देख बहुत अच्छी टिप्पणी की है। टिप्पणी है – साधुवाद ! एक सत्य , •••••• यदि हर नेता – हर पार्टी अपने अपने दल के भीतर के अपराधी तत्वों पे लगाम लगा दे तो, या पार्टी से निष्कासित कर दे, या राजनीतिक संरक्षण नहीं दे तो तो धनबाद से रंगदारी स्वतः समाप्त हो जाएगा, ऐसा मेरा दृढ़ विश्वास है, यक़ीन न हो तो, हर दल और नेता आज़मा कर देख ले इस फार्मूला को •••••