राजनीति

चचा को तो उन्हीं के लिए यहां बैठाया गया है कि भतीजा बोले और वे राष्ट्रपति शासन लगा दें, सभी जान लें कि यहां गाजर-मूली की सरकार नहीं, आंदोलनकारियों की सरकार है – सुप्रियो

सच पुछिये तो राष्ट्रपति शासन भाजपा पर लागू होना चाहिए, जिसने पूरी संसदीय परम्परा को ही समाप्त कर दिया। इस पार्टी का निबंधन समाप्त हो जाना चाहिए, जो सरकार को यह नहीं बता पा रही कि वो अपना विधायक दल का नेता क्यों नहीं चुन पा रही, जिसके कारण संवैधानिक संस्थाओं का गठन तक नहीं हो पा रहा। विधानसभा व सरकार को भी नहीं बात रही कि आखिर वो ऐसा कर क्यों रही? ये बातें आज झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने संवाददाता सम्मेलन में कही।

सुप्रियो ने कहा कि सिर्फ भाजपा के कारण पिछले चार सालों से नेता प्रतिपक्ष का कक्ष खाली पड़ा हैं। उनके वाहन पर गंदगियों का ढेर जमा है। उनकी वजह से कई संवैधानिक कार्य नहीं हो पा रहे। उसके बाद भी ऐसा व्यक्ति राज्यपाल को नसीहत दे रहा है, अनुरोध कर रहा है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाना चाहिए। चचा को तो उन्हीं के लिए यहां बैठाया ही गया है कि भतीजा बोले और हम राष्ट्रपति शासन लगा दें।

सुप्रियो ने कहा कि सभी सुन लें। ये सरकार कोई गाजर-मूली नहीं है। आंदोलनकारियों की सरकार है। बाबूलाल मरांडी खुद बुरी स्थिति से गुजर रहे है। सभी जांच एजेंसियों को सरकार के खिलाफ लगा दिया गया, तब भी इनकी नहीं चली, बाबूलाल मरांडी खुद अपने को प्रहसन न बनाएं। लोकतंत्र मर्यादा व संविधान से चलता है, नौटंकी से नहीं।

सुप्रियो ने कहा कि दरअसल पांच प्रदेश में जो विधानसभा चुनाव की घोषणा हुई है। उन सभी राज्यों में भाजपा के हाल बेहाल है। जिस कारण भाजपा हताशा में है और अपने आप को पराजित मानकर एक के बाद एक हताशा से भरी कार्रवाई कर रही है। उसी कड़ी में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा राज्यपाल को लिखा गया पत्र है। जिसमें उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है।

सुप्रियो ने कहा कि अपने पत्र में बाबूलाल मरांडी ने सूत्र की बात लिखी है। आखिर ये सूत्र और सूत्रधार कौन है? इसकी भी व्याख्या नहीं की गई। सीधे लिखा गया कि राज्य में सिस्टम ध्वस्त हो गया है। राज्य सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। सुप्रियो ने कहा कि शायद बाबूलाल मरांडी को कर्नाटक सरकार के एस आर बोम्मई सरकार को जब बर्खास्त किया गया था, तब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में क्या आदेश दिया था। शायद बाबूलाल मरांडी को नहीं पता।

उन्होंने कहा कि एक एनसीपी के नेता है, जिन्होंने कहा कि उनके अनुमंडल को जिला नहीं बनाया गया तो वे सरकार से समर्थन वापस ले लेंगे और बाद में एनडीए में शामिल भी हो गये। तो क्या बाबूलाल मरांडी ने इसी उत्साह में फिर ये डिमांड किया है? दरअसल बाबूलाल मरांडी को भाजपा के ही लोग नहीं पुछ रहे। रघुवर दास तो बाबूलाल मरांडी को नेता ही नहीं मानते, तभी तो जमशेदपुर में जब पोस्टर बनता है तो उस पोस्टर से भी बाबूलाल मरांडी गायब रहते है।

सुप्रियो ने कहा कि जिस भाजपा शासनकाल में बकोरिया कांड हुआ। लातेहार कांड हुआ। वो भाजपा कानून-व्यवस्था ठप होने, सिस्टम खत्म होने की बात कहती है। स्वयं इनके उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन हर आधे घंटे पर 48 हत्याएं होती हैं, तीस से ज्यादा बलात्कार होते हैं। मध्यप्रदेश में तो दलितों और आदिवासियों की स्थिति बदतर हैं और ऐसे लोग झारखण्ड में सिस्टम खत्म होने की बात करते हैं।