गोड्डा में ऐक्टू का पहला जिला सम्मेलन, वक्ताओं ने कहा देश की संपत्ति को निजी हाथों में सौंपना राष्ट्रभक्ति नहीं, ललमटिया मजदूर और किसानों के आंदोलन का बनेगा लालगढ़
केन्द्र सरकार का जनजातीय गौरव दिवस धोखा है। प्रधानमंत्री जी को उलिहातू के बजाय सुंदर पहाड़ी के आदिम जनजाति के गांवों से जनजातीय गौरव दिवस मनाने की शुरूआत करनी चाहिए। सुन्दर पहाड़ी के बदहाल हाल में कोई बदलाव आये है तो? पुरे देश के आदिवासीयों को पता चल सकेगा कि सचमुच प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश विकसित भारत की ओर अग्रसर है अन्यथा माना जाएगा की आपका इरादा नेक नहीं है।
राष्ट्र की संपत्ति को निजी हाथों में बेच कर देश को विकसित भारत नहीं बनाया जा सकता है। जुमले वालों की सरकार नहीं चलेगी। उपरोक्त बातें आज ललमटिया के नीमा में आयोजित ऑल इंडिया सेन्ट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन ( ऐक्टू ) गोड्डा के प्रथम जिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए सम्मेलन के पर्यवेक्षक और मुख्य वक्ता ऐक्टू के प्रदेश सचिव भुवनेश्वर केवट ने कही।
उन्होंने कहा कि कोयला उद्योग से लेकर रेल, बैंकिंग, एयरपोर्ट, हवाई जहाज, बीएसएनएल, नेशनल हाइवे और बंदरगाह सबके सब कौड़ी के भाव निजी कंपनियों के हाथों बेची जा रही है। राष्ट्र की सरकारी संपति को निजी हाथों में बेच कर देश को विकसित भारत नहीं बनाया जा सकता है। देश की संपत्ति को निजी हाथों में बेचना राष्ट्रभक्ति नहीं बल्कि देश के साथ गद्दारी है।
गोड्डा जिला सम्मेलन सम्मेलन में मिड डे मील, निर्माण, सफाई क्षेत्र से जुड़े 70 से अधिक चयनित प्रतिनिधि और पर्यवेक्षक शामिल हुए। सम्मेलन से पूर्व यूनियन का लाल झंडा फहराया गया, तत्पश्चात औद्योगिक घटनाओं, इजराइल द्वारा गाजा में किए हमले में हजारों बेकसूर नागरिकों की मौत, मजदूर आन्दोलन में शहीद साथियों के प्रति एक मिनट का मौन श्रद्धांजलि अर्पित किया गया।
लेकिन हमास आतंकवादियों द्वारा निर्दोष इजरालियों पर की गई बर्बर हमलों को याद तक नहीं किया गया, शायद इनके नजर में हमास आतंकियों द्वारा इजरायल पर किया गया हमला स्वतंत्रता आंदोलन का प्रतीक था, जिसमें सैकड़ों निर्दोष इजराइली मारे गये थे और कुछ आज भी हमास आतंकियों के कब्जे में हैं।
सम्मेलन की अध्यक्षता पांच सदस्यीय टीम ने किया जिसमें अरुण सहाय, रामदास शाह, शराफत अंसारी, सीमा कुमारी, स्लोमी बास्के, ने संयुक्त रूप से किया। ऐक्टू गोड्डा जिला का सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीएमडब्ल्यू के कोयला मजदुर यूनियन के नेता अरुण कुमार सहाय ने कहा कि केंद्र की सरकार मजदूर विरोधी किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी नीतियों को अंधाधुंध लागू कर रही है। गोड्डा जिला पर केंद्र सरकार की गिद्ध दृष्टि लग गया है।
अडानी पावर प्लांट का धूल और गर्दा हम खायेंगे और बिजली बंगला देश को ये दो बिल्लियों की तरह ठगी और धोखे का खेल नहीं चलने देगें। अडानी पॉवर प्लांट का 25 प्रतिशत बिजली गांवों के ग्रामीणों को देना होगा। देश में आर्थिक विकास की झूठी ढोल पीटी जा रही है। सचमुच देश की आर्थिक विकास की दर इतना बेहतर होता तो भारत वैश्विक भूख सूचकांक में 111 वां स्थान नहीं होता।
प्रतिनिधि सत्र के लिए दस्तावेज प्रस्तुत करते हुए रसोइया संघ के प्रदेश सचिव मनोज कुशवाहा ने कहा कि संकट के दौर में मजदूर किसान आंदोलन ही हमेशा देश को उबारने का काम किया है। संघर्ष की ताकत को आंदोलनजीवी, देशद्रोही कह कर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति की जा रही है। नफरत और हिंसा के जरिए देश समाज और को बांटने की साज़िश सफल नहीं होने देगें।
सम्मेलन का उदघाटन करते हुए भाकपा माले के जिला सचिव रामदास शाह ने कहा कि केंद्र कंपनियों की कठपुतली सरकार है। देश को अडानी अंबानी एंड कम्पनी में तब्दील होने से बचाने के लिए मजदूर वर्ग को 2024 की लडाई जितनी होगी। दरअसल मोदी जी के आर्थिक विकास से देश के मजदूर गरीब और किसान कोसों दूर है।
गोड्डा जिला सम्मेलन में श्रम कानूनों में संशोधन और लेबर कोड के द्वारा मजदूरों को गुलाम बनाने की साज़िश, नफरत और हिंसा की राजनीति, सार्वजनिक उद्योगों और संपतियों को निजी हाथों में बेचने, महंगाई और आईटीआई प्रशिक्षित युवकों को रोजगार के सवाल पर मजदूरों को संगठित कर आन्दोलन करने का कार्यभार लिया गया।
साथ ही 27_28 नवम्बर को राजभवन पर आयोजित मजदूर महापड़ाव को सफल बनाने का अपील किया गया। सम्मेलन को शराफत अंसारी, सफीक आलम, सुनीता ठाकुर, जाया जयंती, सुधा जायसवाल, मोहमद मंसूर अंसारी, छोटेलाल मांझी, चतुरी मांझी, भीम मंडल, मोजीबुल अंसारी, सरफुद्दीन अंसारी समेत कई वक्ताओं ने संबोधित किया।