भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने नेता पीएम मोदी के प्रति दिखाई ईमानदारी, रोड शो में लिया भाग, उधर रांची के अखबारों में मोदी के प्रति सच्ची निष्ठा दिखाने को आपस में मची होड़
कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रांची पहुंचे। उनके रांची आगमन पर रोड शो का भी कार्यक्रम था। इस रोड शो को ऐतिहासिक बनाने के लिए भाजपा के स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं ने एक तरह से कमर कस ली थी। भाजपा के इन कार्यकर्ताओं ने अपने उत्साह को कल रांची के रोड शो में प्रदर्शित भी किया। जिसे देख प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी स्वयं को रोक नहीं सकें और वे अपने वाहन से निकलकर उन भाजपा कार्यकर्ताओं का अभिवादन स्वीकार भी किया और उनके उत्साह को बढ़ाया भी।
इधर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रांची आये और रांची के अखबार उनके प्रति अपनी सच्ची निष्ठा व भक्ति नहीं दिखायें, उसका प्रदर्शन न करें। भला ऐसे कैसे हो सकता है। अतः रांची के अखबारों ने भी अपनी मोदी भक्ति उनके प्रति सच्ची निष्ठा का दिल खोलकर प्रदर्शन किया। उसका परिदृश्य देखना हैं तो रांची से निकलनेवाले सभी प्रमुख अखबारों व इन अखबारों से निकलनेवाले पचास-सौ की प्रतियों में छपनेवाले सिर्फ राज्य व केन्द्र सरकार से निकलनेवाले विज्ञापनों को प्राप्त करने के लिए आठ-दस-बाहर पेजों की निकलनेवाली अखबारों को देख लीजिये, आपको पता लग जायेगा।
पीएम मोदी के कल व आज के कार्यक्रम के आगे बेचारे हेमन्त सोरेन के आज के कार्यक्रम का कबाड़ा निकल गया है। किसी ने भी वो इज्जत हेमन्त सोरेन के आज के कार्यक्रम की नहीं बख्शी हैं, जो पीएम मोदी को दी है। जबकि इन सारे अखबारों व मीडिया हाउसों को राज्य सरकार के सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग ने खुलकर उनकी गोद भर दी, फिर भी… शायद इसीलिये, रहीम ने ठीक ही कहा है –
सबै सहायक सबल के, कोउ न निबल सहाय।
पवन जगावत आग को, दीप हि देत बुझाय।।
इधर भाजपा के कई सांसदों-विधायकों व प्रदेश पदाधिकारियों तथा कार्यसमिति के सदस्यों ने रांची के कई अखबारों को विज्ञापनों से गोद भर दिया ताकि रांची के अखबार एक दूसरे को समय-समय पर मदद कर सकें तथा समाचारों में उन्हें भी कई स्थानों पर चाहे-अनचाहें स्थान दे दें और इस विज्ञापन भरी गोद भराई रस्म की झलकें अखबारों में कई जगहों पर देखी।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो भाजपा कार्यकर्ता की अपने नेता के प्रति निष्ठा व समर्पण तो समझ में आता हैं, पर अखबारों की एक नेता के प्रति इतनी भक्ति समझ से बाहर है, हालांकि जनता तो सब जानती है, इसलिए अखबारों को अब वो अपने हिसाब से हैंडल करती है। कई ऐसे घर (अब इनकी संख्या बढ़ती जा रही हैं) वे इन अखबारों को घर की साफ-सफाई में यूज करने के लिए प्रतिदिन लेते हैं, वे कहते है कि अखबारों में क्या छपेगा ये वे क्या छापेंगे, उन्हें पता है, अब तो सोशल साइट का जमाना है, खबरें उन तक प्राप्त हो जाती है।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो ऐसे भी एयपोर्ट से लेकर डीपीएस तक घनी आबादी का अभाव है। जो भी आबादी है, वो अरगोड़ा चौक से प्रारम्भ होती हैं और फिर रातू रोड चौक पर समाप्त हो जाती है। साथ ही ये सारा इलाका भाजपा का इलाका है। यहां थोक के भाव से भाजपा को वोट प्राप्त होते हैं। ऐसे में इन इलाकों में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा लगाये गये विशेष मंच और उनसे हो रही पुष्पवृष्टि तथा मोदी-मोदी के नारे से किसी को भी आश्चर्य नहीं होता। लेकिन यही भीड़ एयरपोर्ट से लेकर अरगोड़ा चौक तक होती तो कहा जा सकता था कि हां कुछ बात हुई।
फिर भी भाजपा कार्यकर्ताओं में पीएम मोदी ने उत्साह भर ही दिया और इसमें न तो स्थानीय नेताओं की कोई भूमिका है और न भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों या संगठन मंत्री का। ये सब तो भाजपा की आड़ में स्वयं को प्रतिष्ठित करने के फार्मूलें पर काम कर रहे हैं ताकि भविष्य में वे सांसद, विधायक, राज्यपाल आदि बन कर अपनी गर्दन ऊंचा कर सकें। कई ने तो इसका फायदा भी उठा लिया है। इधर भाजपा के कट्टर विरोधियों ने इन सारे प्रकरणों पर चुप्पी साध रखी हैं, उनका कहना है कि पीएम मोदी के आगमन पर इतना भी नहीं होगा तो और क्या होगा? इसलिए इसमें कोई उन्हें अतिश्योक्ति नहीं लगता और न ही आश्चर्य होता है।