राजनीति

दैनिक भास्कर में छपी एक खबर से मर्माहत सीपी सिंह ने पीयूष गोयल को लिखा पत्र

नगर विकास मंत्री सी पी सिंह ने रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर जसीडीह की घटना की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है। सी पी सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि दैनिक भास्कर ने एक बेबुनियाद और कपोल कल्पित समाचार गत 15 सितम्बर को अपने रांची संस्करण में छापा, जिसके द्वारा उनके चरित्र हनन का प्रयास किया गया है और उनके खिलाफ जनमानस को गुमराह करने का प्रयास किया गया। पत्र इस प्रकार है –

आदरणीय श्री पीयूष गोयल जी,

स्थानीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्र दैनिक भास्कर के रांची संस्करण में दिनांक 15 सितम्बर 2017 को मंत्री की सुविधा के लिए जसीडिह स्टेशन पर रेल प्रशासन ने उस ट्रेन का प्लेटफार्म बदला, कईयों की ट्रेन छुटी, हुई दिक्कत शीर्षक से एक बेबुनियाद और कपोल-कल्पित समाचार का प्रकाशन करके न केवल जनमानस को गुमराह करने का प्रयास किया गया हैं, वरन् इसके द्वारा मेरे चरित्र हनन की कोशिश भी की गई है।

ज्ञातव्य हो कि देवघर जिले का प्रभारी मंत्री होने के कारण, मेरा अक्सर वहां आना – जाना रहता है और जसीडिह स्टेशन से ट्रेन पकड़ने और छोड़ने की सुविधा प्राप्त होती है। इसी क्रम में दिनांक 13 सितम्बर 2017 को मैं हटिया पाटलिपुत्र एक्सप्रेस 18622 से रांची से जसीडिह की यात्रा पर था। यट ट्रेन दिनांक 14 सितम्बर 2017 को प्रातः जसीडिह स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 1 पर रुकी। अक्सर यह ट्रेन प्लेटफार्म संख्या 2 पर रुकती आयी है। प्लेटफार्म संख्या 1 पर उक्त ट्रेन को लिये जाने का अनुरोध न तो मेरे कार्यालय द्वारा और न ही व्यक्तिगत रुप से मेरे द्वारा स्थानीय रेल प्रशासन से किया गया था, बावजूद इसके यह ट्रेन किन्हीं कारणों से प्लेटफार्म संख्या 01 पर उस दिन ले ली गई। समाचार पत्र में यह कहा गया है कि उस क्रम में कइयों की ट्रेन छुट गई और लोगों को दिक्कत हुई। यह सारा काम मंत्री की सुविधा के लिए रेल प्रशासन द्वारा किया गया। मैं पुनः इस तथ्य को दोहराता हूं कि इस संबंध में न तो मेरे कार्यालय और न ही मेरे द्वारा किसी प्रकार का अनुरोध किया गया था।

आप इस तथ्य से अवगत होंगे कि मैं तीसरे झारखण्ड विधानसभा के कार्यकाल के दौरान साढ़े तीन वर्षों तक विधानसभा के अध्यक्ष पद पर रहा और इसके उपरांत चौथी झारखण्ड विधानसभा के कार्यकाल के दौरान वर्तमान मंत्रिपरिषद् में आरंभ से मंत्री पद पर कार्यकरत हूं। इस तरह का कोई अनुरोध अध्यक्ष पद पर रहते हुए भी मेरे द्वारा या मेरे कार्यालय द्वारा रेल प्रशासन से नहीं किया गया, जबकि उक्त क्रम में भी कई बार मेरा देवघर भाया जसीडिह आना-जाना हुआ है। उक्त समाचार पत्र के कतरन के अवलोकन से आप स्वतः इस सत्य से भिज्ञ हो जायेंगे कि दिनांक 14 सितम्बर को वर्णित पाटलिपुत्र एक्सप्रेस के जसीडिह प्लेटफार्म संख्या 1 पर ट्रेन रोके जाने की घटना का सारा दोष मेरे उपर मढ़ दिया गया है, जबकि इस घटना से मैं पूरी तरह अनभिज्ञ था।

हद की पराकाष्ठा तो यह है कि वर्णित इसी समाचार पत्र के दैनिक भास्कर के नई दिल्ली संस्करण में भी इस समाचार को प्रमुखता से छापा गया था, जिसका शीर्षक था – नहीं खत्म हुआ है वीआइपी कल्चर। यहां मैं यह भी उल्लेख करना चाहता हूं कि आरम्भ में इस घटना को हल्के-फुल्के ढंग से लिया था, किन्तु दिल्ली संस्करण में इस समाचार के प्रकाशन के उपरान्त मैंने इस घटना को  गंभीरता से लिया तथा आपसे इस संबंध में विस्तृत पत्राचार के लिए विवश हुआ हूं।

मैं आपको स्मरण दिलाना चाहता हूं कि यह समाचार व्यक्तिगत रुप से मुझे मर्माहत करनेवाला है, और साथ ही आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाने के साथ-साथ जनमानस में मेरी छवि को धूमिल करने का कुत्सित प्रयास भी। यद्यपि मैं जसीडिह के प्लेटफार्म संख्या 1 पर वर्णित ट्रेन को लिये जाने की घटना से अनभिज्ञ रहा हूं, तथापि आपसे इसके लिए आग्रह करता हूं कि वर्णित ट्रेन को वर्णित तिथि को जसीडिह के प्लेटफार्म संख्या 1 पर लिये जाने की घटना की उच्चस्तरीय जांच का आदेश देने के साथ-साथ जांच प्रतिवेदन से मुझे भी अवगत कराने की कृपा करें।

शुभकामनाओं के साथ

चंद्रश्वेर प्रसाद सिंह