विद्रोही24 की बात आखिरकार सच निकली, अन्नी अमृता ने राजनीति में आने का मन बनाया, रघुवर दास, अर्जुन मुंडा, सरयू राय और बन्ना गुप्ता जैसे नेताओं की बेचैनी बढ़नी तय
आखिर विद्रोही24 की बात सच निकल ही गई। आज अन्नी अमृता द्वारा किये गये ट्विट साफ बता रहे हैं कि अन्नी ने आखिरकार राजनीति में आना एक तरह से स्वीकार कर ही लिया। अब ये सत्य जमशेदपुर के बड़े राजनीतिज्ञों जैसे सरयू राय, बन्ना गुप्ता, अर्जुन मुंडा, भले ही ओड़िशा के राज्यपाल बन चुके हो रघुवर दास, पर उनकी आत्मा तो जमशेदपुर में ही भटकती है, मतलब इन सारे नेताओं की नींद उड़नी एक तरह से अब तय है।
अन्नी अमृता जमशेदपुर में काफी लोकप्रिय है। वो किसी परिचय की मोहताज भी नहीं है। अपनी ईमानदारी, साफगोई और निर्भीकता के लिए मशहूर जमशेदपुर की तेज तर्रार महिला पत्रकार अन्नी अमृता मीडिया छोड़कर राजनीति के मैदान में कूदने को तैयार हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे। ऐसा उनका आज का ट्विट देखकर महसूस हो रहा है।
दिलचस्प बात ये है कि अन्नी अमृता ने भी इसी ‘महसूस’ होने की बात कही है और अन्नी को जानने वाले जानते हैं कि उसकी कलम से लिखे एक भी शब्द यूं ही नहीं होते। उसमें कुछ बात होती है। कोई ठोस वजह होती है। साथ ही राजनीति की बात इसलिए कह रहा हूं क्योंकि 2021 में अन्नी अमृता का फोन पर स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से कुछ विवाद हुआ था जिसके बाद अन्नी ने ताबड़तोड़ ट्विट करके मंत्री का नाम लिए बगैर न सिर्फ अपनी वेदना प्रकट की थी बल्कि चुनौती भी दे डाली थी कि 2024 के चुनाव में वे मंत्री को सबक सिखाएंगी।
तब यह मामला काफी चर्चित हुआ था। पूरे जमशेदपुर से अन्नी को सपोर्ट मिला था। अगर सचमुच उस साल चुनाव होता तो मंत्री को दिक्कतें आतीं। खैर वक्त के साथ ये बातें धूमिल पडने लगीं और अन्नी भी इस बीच लगातार स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से जूझते हुए चैनल की पत्रकारिता छोड़कर स्वतंत्र और न्यूज पोर्टल की पत्रकारिता करती रहीं। इस बीच उन्होंने बतौर पत्रकार मंत्री का इंटरव्यू भी कई बार लिया। अन्नी की ट्विटर पर उपस्थिति काफी प्रभावशाली है और उनके ट्विट पर कार्रवाई भी होती है। वे अपनी पत्रकारिता के माध्यम से जमशेदपुर के ज्वलंत मुद्दों को आज तक उठा रही हैं.
2021 से 2023 के बीच अन्नी अमृता की दो पुस्तकें (पहली ‘ये क्या है’ और दूसरी ‘मैं इंदिरा बन्ना चाहती हूं प्रकाशित हुईं जिसमें दूसरी पुस्तक का शीर्षक इस बात को बताने के लिए काफी है कि अन्नी के इरादे बुलंद हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर वे इस विषय पर कुछ भी नहीं कह रही हैं लेकिन विद्रोही 24 को मिली जानकारी के अनुसार जमशेदपुर में कई ऐसे लोग हैं जो वाकई चाहते हैं कि राजनीति में पढ़े लिखे और ईमानदार लोग आएं और वे अन्नी को पूरा सहयोग देने को तैयार हैं।
इस दिशा में यह सवाल भी उठ रहे हैं कि आखिर अन्नी अगर राजनीति में आती हैं तो वह किस पार्टी को ज्वाइन करेंगी और कौन सा चुनाव लड़ेगी, विधानसभा या लोकसभा? खैर यह तो आनेवाला वक्त बताएगा मगर लोकतंत्र में हर किसी को हक है कि कोई पार्टी टिकट दे न दे वह निर्दलीय चुनाव तो लड़ ही सकता है। बात अगर महिला शक्ति की हो तो मेट्रो पॉलिटीन कल्चर के लिए मशहूर जमशेदपुर में राजनीति में महिलाओं की भागीदारी विधानसभा और लोकसभा में नगण्य है।
कई साल पहले आभा महतो और सुमन महतो इस इलाके से सांसद रह चुकी हैं लेकिन विधानसभा के लिए बहुत कम ऐसा हुआ है जब महिलाओं ने चुनाव में किस्मत आजमाई हो। फिलहाल जमशेदपुर की बात करें तो जमशेदपुर लोकसभा सीट के तहत छह विधानसभा सीटें हैं जिनमें तीन जेनरल सीटें हैं -जमशेदपुर पूर्वी, जमशेदपुर पश्चिमी और बहरागोडा। मंत्री बन्ना गुप्ता जमशेदपुर पश्चिम के जबकि सरयू राय जमशेदपुर पूर्वी के विधायक हैं। उस लिहाज से पूर्वी और पश्चिम दो सीटें हैं जिन पर अन्नी के लड़ने की संभावना है। इंतजार कीजिए 2024 का चुनाव दिलचस्प होने वाला है।