संसद हमले की 22 वीं बरसी पर दिखी सुरक्षा में चूक, लोकसभा में कूदे दो युवक, पीला गैस छोड़ा, सांसदों ने युवकों की जमकर पिटाई, चारों हमलावर हुए गिरफ्तार, पूरे देश में तरह-तरह की चर्चाएं
हालांकि जब-जब 13 दिसम्बर आता है। संसद की सुरक्षा बढ़ा दी जाती है। इस दिन भी सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। लेकिन सुरक्षा में लगे लोगों को शायद यह नहीं मालूम होगा कि इस बार हमलावर कुछ दूसरे ढंग से कारनामे कर सुर्खियां बटोरने का काम करेंगे। लेकिन हमलावरों ने तो अपना काम कर ही दिया। उन्होंने अपनी सुर्खियां बटोर ली। साथ ही देश की मजबूत कही जानेवाली केन्द्र सरकार पर गहरा दाग भी लगा दिया।
इस घटना से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी हैरान हो गये होंगे। हालांकि वे बोल सकते हैं कि उनके शासन में इस प्रकार की सुरक्षा है कि किसी की जान-माल को कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता। हमलावर कोई भी हो, वे अपने मकसद में अब कामयाब नहीं हो पायेंगे। लेकिन आज की घटना ने देश की संसद को लेकर सुरक्षा पर तो प्रश्नचिह्न लगा ही दिया। आज की घटना आनेवाले लोकसभा चुनाव में विपक्ष के हाथ में एक बहुत बड़ा हथियार भी थमा दिया।
बताया जा रहा है कि जब भाजपा सांसद खगेन मुर्मू संसद में अपनी बातें रख रहे थे। तभी संसद के विजिटर्स गैलरी से दो युवक सदन में कूद गये। सदन में युवकों को कूदा देख, सुरक्षाकर्मियों और सांसदों ने उन्हें पकड़ने में लग गये और जल्दी ही वे पकड़े भी गये। फिर क्या था, स्वाभावानुसार सांसदों ने उन युवकों की जमकर कुटाई कर दी और फिर सुरक्षाकर्मियों को सौंप दिया।
कहा जा रहा है कि पकड़ में आने के पहले इन युवकों ने पीले रंग का गैस जो जूते में छुपा रखा था, उसकी छिड़काव की, जिससे पूरे सदन में गैस फैल गया। इधर सदन के बाहर भी इनके लोग नारेबाजी कर रहे थे। जिसमें एक युवती भी थी। सदन के बाहर भी रंगीन गैस देखने को मिले। सदन के अंदर पकड़े गये युवकों में से एक का नाम सागर बताया जा रहा है, जबकि संसद के बाहर पकड़े गये युवक का नाम अमोल और युवती का नाम नीलम बताया जा रहा है। हालांकि पकड़े जाने के बाद ये स्वयं को किसी भी संगठन से होने का दावा नहीं कर रहे। लेकिन लोगों को लगता है कि ये किसी न किसी संगठन से जुड़े हैं। बताया यह भी जा रहा है कि संसद के अंदर कूदने वाले युवक सांसद विजिटर पास पर सदन में आये हुए थे।
जैसे ही सदन में जब घटना घटी तो संसद में अफरातफरी को देखते हुए सदन को दो बजे तक स्धगित कर दिया गया था। सदन जैसे ही दो बजे प्रारम्भ हुआ। स्पीकर ने सभी सांसदों को आश्वस्त किया कि सभी आरोपी पकड़े जा चुके हैं। जो गैस था, वो साधारण धुआं था। लेकिन आज की घटना चिन्ता का विषय जरुर है। राजनीतिक पंडितों की मानें तो इस प्रकार की घटना को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरुरत हैं।
नहीं तो आज की घटना एक फैशन का रुप ले लेगा। जिन युवकों/युवतियों ने इस प्रकार के घिनौने काम किये हैं। उन्हें सदा के लिए जेल की काल-कोठरी में तब तक सड़ा दिये जाये, जब तक उनकी पूरी जिंदगी खत्म नहीं हो जाती। इससे यह होगा कि फिर कोई दुबारा ऐसा काम नहीं कर पायेगा। लेकिन अगर दया दिखाने की कोशिश होगी तो फिर ऐसी घटना को रोकने में कामयाबी नहीं मिलेगी।
राजनीतिक पंडितों का यह भी कहना है कि इस घटना को लेकर राजनीति भी नहीं होनी चाहिए। प्रथम दृष्टया ये घटना इन युवकों द्वारा सुर्खियां बटोरने के लिए की गई है। ऐसा लग रहा है। हालांकि जब तक इसकी पूरी जांच नहीं हो जाती, कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन इस पूरी घटना को हल्के में लेने की जरुरत नहीं, बल्कि इस पर कड़ा एक्शन लेने की है। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से आशा होगी कि वे इस पर विशेष ध्यान देंगे।
इधर आज की घटना को लेकर देश ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों के समाचार जगत में भी हलचल मची हुई है। सभी इस घटना को लेकर हतप्रभ है। सभी एक सूत्री बात पर अड़े हैं और इसे सुरक्षा की एक बड़ी चूक बता रहे हैं। चूंकि घटना संसद हमले की 22 वीं बरसी पर हुआ, अतः इसको लेकर लोग ज्यादा सशंकित हैं और इसे आतंकी घटना से जोड़कर देख रहे हैं। क्योंकि आज ही के दिन 13 दिसम्बर 2001 को पांच आंतकियों द्वारा की गई पुरानी संसद पर हमले में दिल्ली पुलिस के पांच जवानों समेत नौ लोगों की मौत हो गई थी।