स्थानीय नीति पर राज्यपाल का वक्तव्य एक शिगूफा, भ्रम फैलाने की कोशिश, बिना संशोधन के विधेयक को लौटायेंगे, जनता के कमिटेमेन्ट को पूरा करने के लिए हम किसी भी हद तक जायेंगेः JMM
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन द्वारा स्थानीय नीति पर उठाये गये सवाल पर आपत्ति दर्ज की है। सुप्रियो ने उनके द्वारा उठाये गये सवाल को झारखण्ड की पहचान, सम्मान, स्वाभिमान और अधिकार से जोड़ दिया है। सुप्रियो का कहना है कि झामुमो का राज्य की जनता के साथ स्थानीय नीति को लेकर एक कमिटमेन्ट है और वे उस कमिटमेंट को पूरा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने रांची स्थित अपने प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सर्वसम्मति से 2022 में पारित स्थानीय नीति संबंधी विधेयक और सरना धर्म कोड पर राज्यपाल का कोई निर्णय नहीं आना सभी को आश्चर्यचकित करनेवाला रहा है। उन्होंने कहा कि पहले तो राज्यपाल ने स्थानीय नीति विधेयक को ऐसे ही लौटा दिया था, लेकिन जब हमलोगों ने संवैधानिक दायित्वों का राज्यपाल को बोध कराया तो इस बार उन्होंने स्थानीय नीति विधेयक पर कुछ लिखकर भेजें हैं। जिसे कल विधानसभाध्यक्ष ने सदन में पढ़ा।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की बातें राज्यपाल ने लिख भेजी है। उसमें राजनीतिक संदेश भी छुपा है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का लिखा कितना जायज है, कि जितना जायज कई राज्यों में यह नीति बनाई है कि जो वहां स्थानीय लोग हैं, उनमें उनकी ही नियुक्ति सुनिश्चित हो। राज्यपाल ने सुझाव दिया है कि पांच साल का इसमें प्राथमिकता का प्रावधान हो और फिर उसकी समीक्षा हो। दरअसल यह राज्यपाल का शिगूफा है। यह लोगों के बीच भ्रम फैलाने का शिगूफा है।
सुप्रियो ने कहा कि झारखण्ड के स्वाभिमान, अधिकार, पहचान को पांच सालों में नहीं बांधा जा सकता। उन्होंने कहा कि फिर से इसी सत्र में इस हु-ब-हू उसी प्रकार लौटाया जायेगा क्योंकि पहले ही ये विधेयक सर्वसम्मति से भेजा गया था। इसके बाद राज्यपाल की संवैधानिक मजबूरी हो जायेगी। उन्हें इस विधेयक पर हस्ताक्षर करने ही होंगे। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य इस बात की है एक साल तक इस विधेयक पर राज्यपाल कुंडली मारकर बैठे रहे। सरना धर्म कोड मामले पर तो अभी तक उन्होंने कुछ नहीं किया है। सुप्रियो ने कहा कि हमारी खतियान ही पहचान है। इस खतियान के आधार पर हम सुनिश्चित करेंगे कि हर जिले में तृतीय व चतुर्थ वर्ग की नौकरी की बहाली में स्थानीय लोगों को नियुक्ति मिले।