हमारी सरकार संवेदनशील, आपकी दुख-दर्द में हमेशा खड़ी, हम एक-एक व्यक्ति की परेशानियों को दूर करने में लगे हैः हेमन्त सोरेन
चतरा जिला को नये वर्ष में बाईपास रोड की सौगात मिलेगी। इसके टेंडर निष्पादन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जनवरी में इसका शिलान्यास होगा। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज चतरा के सिमरिया प्रखंड में आयोजित “आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार” कार्यक्रम में इसकी घोषणा की। इस जिले में 650 करोड़ रुपए की लागत से 800 किलोमीटर ग्रामीण सड़कें और करीब 225 करोड़ रुपए से 115 किलोमीटर उच्चस्तरीय सड़क बन रही है।
उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने पर सरकार का विशेष फोकस है, क्योंकि इसी के जरिए विकास का द्वार खुलता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यूपीएससी तथा जेपीएससी जैसी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी को लेकर इंटीग्रेटेड कोचिंग सेन्टर, ब्लॉक कंप्यूटर सेन्टर और माइनिंग स्किल ट्रेनिंग सेंटर का भी उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले आप अपनी समस्याओं को लेकर इधर -उधर भटकते रहते थे। एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर का चक्कर लगाते रहते थे। दलालों के चक्कर में फंस जाते थे। आपका पैसा भी बर्बाद होता था और समय भी। इसके बाद भी आपकी समस्या जस की तस बनी रहती थी। लेकिन, आज सरकार आपका दरवाजा खटखटा रही है। पंचायतों में लग रहे शिविर में अधिकारी दल बल के साथ पहुंच रहे हैं और आपकी समस्या का समाधान करने के साथ कल्याणकारी योजनाओं से आपको जोड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2021 से “आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार” कार्यक्रम शुरू हुआ। वर्ष 2022 में इसका दूसरी बार आयोजन हुआ और इस वर्ष 24 नवंबर से यह कार्यक्रम लगातार चल रहा है। इस कार्यक्रम के तहत लग रहे शिविरों में त्यौहार जैसा माहौल है। लोगों का उत्साह देखते ही बन रहा है। जिन गांवों और पंचायत में जाने के लिए अच्छी सड़के नहीं है, वहां भी अधिकारी योजनाओं की गठरी लेकर पहुंच रहे हैं। इस कार्यक्रम को लेकर सरकार को काफी बेहतर रिस्पांस मिल रहा है। ऐसे में यह कार्यक्रम आगे भी हर वर्ष आयोजित होगा और सरकार नई-नई योजनाओं को लेकर आपके बीच आएगी, ताकि इस राज्य की जनता को उनका हक और अधिकार दे सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक संवेदनशील सरकार है, जो आपकी दुःख-दर्द में आपके साथ हमेशा खड़ी है। हमारी कोशिश है कि एक- एक व्यक्ति की परेशानियों को दूर कर सकें। “आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार” कार्यक्रम के माध्यम से हमें पिछले दो चरणों में जितने आवेदन मिले, उसके आधार पर हमने समस्याओं की प्राथमिकता तय कर एक-एक कर समस्याओं का समाधान करने का काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब झारखंड अलग राज्य बना, उस वक्त यहां का सरप्लस बजट हुआ करता था। सरकार का खजाना भरा था। संसाधनों की कोई कमी नहीं थी। फिर भी राज्य पिछड़ता चला गया। गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी यहां के लोगों का पीछा नहीं छोड़ रही थी। लेकिन, पिछले दो दशकों के दौरान इस पर किसी सरकार को इसकी चिंता नहीं थी। राज्य का विकास हाशिये पर चला गया। लेकिन, जब से हमारी सरकार बनी है, तमाम चुनौतियां और विपरीत परिस्थितियों के बीच भी विकास को रफ्तार देने का काम कर रहे हैं और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से राज्य वासियों को सशक्त बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार गरीबों, वंचितों और जरूरतमंदों के कल्याण, हित और सुरक्षा के दृष्टिकोण से कई ऐतिहासिक और मजबूत निर्णय लिए हैं। सार्वजनिक पेंशन योजना के माध्यम से सभी बुजुर्गों, दिव्यांगों, विधवाओं और परित्यक्ता को पेंशन से आच्छादित किया गया है। वहीं, अबुआ आवास योजना के माध्यम से आठ लाख गरीबों को तीन कमरों का मकान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों में 11 लाख राशन कार्ड अमान्य कर दिए थे, हमारी सरकार ने 20 लाख हरा राशन कार्ड जारी कर लाभुकों को मुफ्त में अनाज दे रही है। वहीं, राज्य में संचालित सभी कंपनियों और संस्थानों में 75 प्रतिशत नौकरी स्थानीयों को देने संबंधी कानून भी बनाया है। मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के तहत गांव से शहरों की कनेक्टिविटी मजबूत की जा रही है। इसके तहत बुजुर्गों, महिलाओं विद्यार्थियों, दिव्यांगों और झारखंड आंदोलनकारी को निःशुल्क परिवहन की सुविधा उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी, दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक, किसान, मजदूर, महिला, नौजवान -हर किसी के लिए सरकार की योजना है। आप अपनी जरूरत की योजनाओं का चयन करें और इसका लाभ लें। सरकार की कोशिश की सभी को अपने पैरों पर खड़ा कर सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के बच्चों को बेहतर और गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने पर सरकार का विशेष फोकस है। बच्चियों को सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से जोड़ा जा रहा है, ताकि उनकी पढ़ाई में आर्थिक तंगी बड़ा नहीं बने। बच्चे- बच्चियां पढ़कर डॉक्टर इंजीनियर और अफसर बनें, इसके लिए उन्हें प्रतियोगिता-परीक्षा की तैयारी से लेकर विभिन्न कोर्सेस को करने के लिए आर्थिक मदद दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि अब सरकार दसवीं से 12वीं तक के सभी बच्चों को गुरुजी क्रेडिट कार्ड देगी। इसके तहत उन्हें 15 लाख रुपए तक का शिक्षा ऋण दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें कोई गारंटी देनी होगी और ना ही जमीन बंधक रखना होगा। सरकार इसके लिए गारंटर बनेगी। इतना ही नहीं, आज हर वर्ष यहां के 50 बच्चे विदेश में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें शत- प्रतिशत स्कॉलरशिप सरकार दे रही है।