जमशेदपुर महानगर भाजपा के पदाधिकारियों का गुस्सा सातवें आसमान पर, लगातार भाजपा द्वारा आयोजित कार्यक्रमों से बना रहे दूरियां, महानगरध्यक्ष गुंजन यादव की गतिविधियों से हैं नाराज
जमशेदपुर भाजपा में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा। अगर यही स्थिति रही, इसी प्रकार सिर-फुटौव्वल चलता रहा और बड़े नेता इस समस्या को सुलझाने में नाकामयाब रहे तो पार्टी की इस बार संसदीय व विधानसभा चुनाव में बंटाधार होना तय है। आश्चर्य यह है कि जमशेदपुर में भाजपा के बड़े नेताओं का ही आपस में नहीं बन रहा। यह समय-समय पर एक-दो कार्यक्रम में एक-दूसरे से अचानक मिलने पर लोगों को मूर्ख बनाने के लिए चेहरे पर बनावटी हंसी तो ले आते हैं। लेकिन सच्चाई कुछ और ही होती है।
दरअसल एक-दूसरे को ये देखना पसन्द नहीं करते। बाबूलाल मरांडी को तो रघुवर दास आज भी अपनाने को तैयार नहीं हैं। हालांकि वे ओड़िशा के राज्यपाल जरुर बन गये, पर उनकी जमशेदपुर में दिलचस्पी कम नहीं हुई है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह की भी यहां हवा निकल गई है। यहां के भाजपा कार्यकर्ता इनकी भी नहीं सुन रहे। यहां विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा।
हाल ही में 25 दिसम्बर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती में भाजपा दो फाड़ होती दिखी। एक पक्ष भाजपा महानगर कार्यालय में बैठकर अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाया तो दूसरी ओर भाजपा महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव स्व. निर्मल महतो के आवास पर आंदोलन करने के लिए निकल पड़े थे, जिसे स्थानीय पुलिस ने रोक लिया और इनके आंदोलन की सिट्ठी-पिट्ठी निकल गई।
लोग बता रहे हैं कि आज ही हेमन्त सरकार के खिलाफ आरोप पत्र संबंधी जमशेदपुर में कार्यक्रम था। कार्यक्रम तो हुआ। लेकिन भाजपा के पन्द्रह पदाधिकारियों में से सात पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम से दूरी बना ली। दूरी बनानेवालों में भाजपा महानगर के तीन उपाध्यक्ष, दो जिला मंत्री, एक सोशल मीडिया प्रभारी तथा एक कोषाध्यक्ष शामिल है। लोगों का कहना है कि जिन लोगों ने भाजपा के आज के इस कार्यक्रम से दूरियां बनाई, वे गुंजन यादव की समिति और उसमें शामिल लोगों से अत्यंत खफा है।
लोग बताते हैं कि भाजपा महानगर के तीन उपाध्यक्ष सुधांशु ओझा, संजीव सिन्हा, बबुआ सिंह, जिला मंत्री पप्पू सिंह व जितेन्द्र राय, कोषाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह एवं सोसल मिडिया प्रभारी विनोद सिंह समेत कई वरिष्ठ-कनिष्ठ भाजपाई गुंजन यादव के साथ कार्यक्रम करने को तैयार नहीं है। इनका कहना है कि गुंजन यादव सिर्फ
अपनी मनमानी करते हैं एवं पूर्वी विधानसभा के लोगो के हिसाब से ही कार्य करते है। एक भाजपा नेता ने बताया कि निर्मल महतो की समाधि पर उपवास, अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती व युवा मोर्चा के दोनों कार्यक्रम पूर्वी विधानसभा में करने, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना में पवन अग्रवाल को नियुक्त करने के संबध में कोई चर्चा नहीं की गई।
यही नहीं हिन्दू नव वर्ष यात्रा में गुंजन यादव ने पूर्वी विधानसभा के लोगों के साथ भाजपा के कट्टर विरोधी कांग्रेस के विधायक मंत्री बन्ना गुप्ता को शामिल किया था, जिसको लेकर भाजपाई आज भी नाराज हैं। राजनीतिक पंडित कहते हैं कि संगठन मंत्री का जिला में प्रवास हो। लोगो से मिलना जुलना हो तो बात की जा सकें। रघुवर दास के समय संगठन महामंत्री प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करते थे। पार्टी की बैठकों में सार्वजनिक रूप से मंच पर शामिल नहीं होते थे।
लेकिन अब बात अलग है। क्षुब्ध भाजपाइयों का कहना है कि लोकसभा एवम विधानसभा चुनाव में पार्टी के साथ कार्यकर्त्ता सदा रहते हैं पर जिम्मेवार बड़े नेताओं को भी कार्यकर्ताओ के मन की बात समझना होगा। संवाद करना होगा। लोग बताते हैं कि पदाधिकारियों का एक शिष्टमण्डल इन्हीं सभी बातों को लेकर रांची में प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से मिलकर अपनी बातो को रखा था। परन्तु कार्रवाई ना होने पर कार्यकर्ताओं का समूह अपने घर बैठ कार्यक्रमों से दूरी बना रहे हैं।