‘नरेन्द्र मोदी’ बनने की राह पर संगठन महामंत्री कर्मवीर, भाजपा नेताओं ने उनकी हरकतों पर दबे जुबां से लगे कहने, कही पार्टी की ओर से झारखण्ड के सीएम उम्मीदवार यही तो नहीं
शुक्रवार को गढ़वा के भवनाथपुर विधानसभा के बूथ संख्या 502 में भाजपा की ओर से त्रिदेव सम्मेलन आयोजित था। इस त्रिदेव सम्मेलन में भाजपा के संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह विशेष रुप से मौजूद थे। मौजूद तो वहां प्रदेश के महामंत्री बाल मुकुंद सहाय, सांसद विष्णु दयाल राम और विधायक भानु प्रताप शाही भी थे। लेकिन इस त्रिदेव सम्मेलन में सर्वाधिक चर्चा में अगर कोई रहा तो भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ही रहे।
सच्चाई यह है कि कर्मवीर सिंह की कल की भाव-भंगिमा की चर्चा केवल गढ़वा में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं में हैं। एक ने तो विद्रोही24 से बातचीत के क्रम में मजे लेते हुए कहा कि केन्द्रीय नेताओं को चाहिए कि कर्मवीर सिंह को ही झारखण्ड का मुख्यमंत्री घोषित कर झारखण्ड विधानसभा का चुनाव लड़ जाना चाहिए, क्योंकि कर्मवीर सिंह जैसा वर्तमान में गुणज्ञ नेता कोई हैं ही नहीं और न आज तक प्रदेश में दिखा।
उक्त नेता का कहना था कि कल तो कर्मवीर सिंह गढ़वा की सभा में खुद को नरेन्द्र मोदी की तरह पेश कर दिये। माथे पर मोदी स्टाइल वाली पगड़ी, मंच पर फूल-मालाओं की गठरी, बदन पर जैकेट, मंच पर स्पेशल शादी-विवाह में दुल्हा को बैठने के लिए लगाई जानेवाली स्पेशल कुर्सी पर, स्टाइलिस्ट चश्मा लगाकर वे वैसे बैठे नजर आये, जैसे कि वे भाजपा की ओर से घोषित राज्य के होनेवाले मुख्यमंत्री यही हो।
कल गढ़वा के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी कुछ ज्यादा ही इनकी आवभगत कर दी, जिससे वे अपने आपको प्रधानमंत्री से भी कम नहीं समझ रहे थे और रही सही कसर भाजपा के प्रदेश कार्यालय में बैठे सोशल साइट चलानेवाले लोगों ने पूरा कर दिया। इन सभी ने इन्हें इस प्रकार सोशल साइट पर पेश कर दिया कि कर्मवीर सिंह नरेन्द्र मोदी से कम नहीं दिखे। हुआ भी ऐसे ही।
कल की इनकी हरकतों को देख, एक बार फिर पुराने भाजपा नेता व कार्यकर्ताओं ने विद्रोही24 से कहा कि इस झारखण्ड ने कई भाजपा के संगठन मंत्री देखें, पर कर्मवीर सिंह का तो जवाब ही नहीं, ये तो बिना माइक और मंच के रह ही नहीं सकते और कल तो इस प्रकार गढ़वा के मंच पर दिखे, जिसे देखकर कोई भी आश्चर्य करेगा। इस प्रकार तो प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी या नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी भी नहीं बैठते।
कल की गढ़वा की इनकी सभा से तो यही पता चला कि भाजपा में व्यक्ति पूजा की प्रधानता हो गई और जो व्यक्ति पूजा करेगा, उसे वो व्यक्ति मालामाल कर देगा। केन्द्र के नेताओं को इस पर एक्शन लेना चाहिए, नहीं तो आनेवाले समय में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। भाजपा में ऐसी संस्कृति न कभी देखी गई और न देखने की कोई आकांक्षा पाले हैं।
राजनीतिक पंडितों की मानें, तो यही स्थिति भाजपा में चलती रही तो भाजपा कार्यकर्ता भले ही किसी के दबाव में आकर आज सभा में चले जाये या किसी की जय-जय कर दें, लेकिन जब सही मायनों में उनकी जरुरत पड़ेगी तो उनके पास भी कई विकल्प खुले होंगे, क्योंकि जब उनके नेताओं का स्वभाव व चरित्र आम दलों की तरह होगा तो फिर कोई भाजपा को ही क्यों चूनें, अन्य दल को वो क्यों नहीं प्रश्रय दें।