CM हेमन्त सोरेन ने युवाओं से किया आह्वान अपनी रचनात्मक व सकारात्मक उर्जा झारखण्ड को समृद्ध, खुशहाल व विकसित राज्य बनाने में लगाएं
भारतीय गणतंत्र की 75वें दिवस के अवसर पर दुमका में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद जनसमुदाय को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखण्ड की जनता की आशीर्वाद से आज से चार साल पहले उन्हें सत्ता संभालने का मौका मिला और उसके बाद से ही वे ऐसी व्यवस्था को आकार देने में लगे हैं, जहां गरीब, वंचित, मजदूर, किसान, आदिवासी, पिछड़े, दलित सबको अधिकार मिल सकें।
जिसका परिणाम है कि उन्होंने राज्यकर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू की। यही नहीं 35 लाख जरुरतमंद को पेंशन, 20 लाख अतिरिक्त लोगों को राशन और 57 लाख से अधिक लोगों को सरकार वर्ष में दो बार वस्त्र प्रदान कर रही है। झारखण्ड आंदोलनकारियों की पहचान कर उनके आश्रितों और परिजनों को पेंशन और सम्मान देने की मुहिम चलाई जा रही है।
गरीब और वंचित वर्ग के युवा विदेशों में शिक्षा ले रहे हैं। योजनाओं की गठरी गांव-गांव और पंचायत-पंचायत तक पहुंच रही है। उन्होंने कहा कि अबुआ आवास योजना के तहत करीब 20 लाख लोगों को तीन कमरों का पक्का मकान उपलब्ध कराने जा रहे हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में दो लाख लोगों को इस योजना से लाभान्वित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सावित्रीबाई फूले किशोरी समृद्धि योजना के माध्यम से सात लाख से अधिक किशोरियों को लाभान्वित किया गया, वहीं दूसरी ओर फुलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत हड़िया-दारू निर्माण व बिक्री में लगी महिलाओं को सम्मानजनक रोजगार देने का काम किया गया। सर्वजन पेंशन योजना के माध्यम से राज्य के जरुरतमंदों को आर्थिक मदद प्रदान की जा रही है तो वहीं मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार के माध्यम से हम दूर-दराज इलाकों में जाकर गरीबों की समस्याएं सुनी। जिनके माध्यम से 59 लाख आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 23 लाख आवेदनों को निष्पादित भी कर दिया गया। उन्होंने कहा कि बेरोजगारी खत्म करना उनकी सरकार के एजेंडे में हैं। यह एक बड़ी समस्या भी है। लेकिन इसे रोक पाना असंभव भी नहीं।
वे रेलवे, बैंक, एसएससी आदि में नियुक्तियों की कमी होने के कारण राज्य पर जो निर्भरता बढ़ी है। उस पर ध्यान दे रहे हैं। राज्य में विभिन्न विभागों के पदों पर जो रिक्तियां हैं। उन पदों को भरा जा रहा हैं, साथ ही अन्य बहालियों के लिए प्रक्रियाएं चालू है। उन्होंने कहा विभिन्न निजी सेवाओं में उन्होंने खुद 60 हजार से ज्यादा लोगों को नियुक्ति पत्र बांटे हैं।
उन्होंने कहा कि सर्वजन पेंशन योजना के माध्यम से हम 35 लाख लाभुकों को विभिन्न योजनांतर्गत पेंशन प्रदान कर रहे हैं। इसी कड़ी में राज्य की महिलाओं तथा अनुसूचित जाति, जन-जाति वर्ग के 50-60 वर्ष आयुवर्ग के व्यक्तियों को भी सर्वजन वृद्धावस्था पेंशन योजना के दायरे में लाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, इसलिए 80 सीएम ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया गया है, जहां निजी विद्यालयों की तर्ज पर बच्चों को शिक्षा दी जायेगी। इन विद्यालयों को सीबीएसई से संबंद्ध किया गया है। राज्य के वैसे छात्र जो 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आर्थिक कारणों से उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित हो जाते हैं। उनके लिए गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना संचालित की गई है। इसके तहत 15 लाख रुपये तक का ऋण मात्र चार प्रतिशत साधारण ब्याज की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 2020 में शुरू की गई मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा पारदेशीय छात्रवृत्ति योजना को विस्तारित किया गया है। अब अनुसूचित जन-जाति के अलावे, जन-जाति, अल्पसंख्यक व पिछड़ा वर्ग के छात्र/छात्राओं को भी इसमें शामिल किया गया है, ताकि वे भी विदेशों में जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। इस पर होनेवाला सारा खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारा राज्य कृषि और संबंद्ध गतिविधियों पर निर्भर है। इसलिए यहां के किसानों के लिए मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना तथा झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना के माध्यम से किसानों को हर संभव मदद देने की कोशिश की है। उनके लिए बिरसा सिंचाई कूप योजना के नाम से एक नई योजना शुरु की है। इस योजना के तहत एक लाख कुओं का निर्माण होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी और पिछड़ापन दूर करने के लिए प्रति मानव दिवस मजदूरी दर 228/- रुपये के अतिरिक्त 27/- रुपये की राशि का भुगतान राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। यही नहीं महिलाओं को सशक्त करने के लिए दीदी बाड़ी योजना एवं दीदी बगिया योजना भी शुरु की है।
उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचना के निर्माण पर भी उनका ध्यान है। इसीलिये 2023-24 में 2100 करोड़ रुपये से 81 पथ एवं पांच पुलों का विधिवत् उद्घाटन तथा लगभग 1700 करोड़ रुपये की राशि के 64 पथ एवं पुल योजनाओं का शिलान्यास किया गया। हाल ही में दुमका के मयुराक्षी नदी पर सबसे लम्बे उच्चस्तरीय सेतु का लोकार्पण किया गया।
रांची शहर को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए सिरमटोली आरओबी का निर्माण युद्धस्तर पर चल रहा है, जिसे कांटाटोली फ्लाई ओवर से जोड़ा जायेगा। रातू रोड फ्लाई ओवर का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है तथा सहजानन्द चौक से कांके रोड के लिए फ्लाईओवर का निर्माण भी प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत 2023-24 में एक हजार करोड़ रुपये से 2000 किलोमीटर पथों के निर्माण का लक्ष्य है। जिसमें 168 योजनाएं पूरी हो चुकी है। जिसमें 405 करोड़ रुपये की राशि से 549 किलोमीटर सड़क बन चुका। मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजनान्तर्गत 70 पुलों में से 49 पुल बनाये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि जल-जीवन मिशन के तहत 2024 तक 61 लाख ग्रामीण परिवारों को नल-जल से जोड़ने की योजना को अब तक 30 लाख परिवारों तक पहुंचाया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि राज्य के खिलाड़ियों का मान-सम्मान बढ़ाने में भी वो लगे हैं। अब राज्य के पदक विजेता खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को उनकी सरकार पांच करोड़ की नकद राशि प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित कर रही है। हाल ही में रांची में वीमेंस एशियन हॉकी चैंपियन्स ट्राफी एवं महिला एफआईएच हॉकी ओलंपिक के क्वालिफायर मैचों का आयोजन किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य के युवा अपनी शक्ति को रचनात्मक व सकारात्मक उर्जा में लगाकर झारखण्ड के नव-निर्माण में लग जाये, ताकि यह राज्य एक समृद्ध, खुशहाल व विकसित राज्य की श्रेणी में पहुंच जाये।