यह सीधे सीधे लोगों पर अत्याचार के साथ-साथ सीआरपीसी 133 का उल्लंघन हैं, रातों-रात दीवार खड़ाकर सालों पुराने सार्वजनिक रास्ते को बंद करना गैर-कानूनी हैः अन्नी अमृता
ये कदमा केडी फ्लैट के पास कैसा गठजोड़ चल रहा है कि टाटा स्टील व यूआईसीएल (पूर्व में जुस्को ) द्वारा सार्वजनिक रास्ते और उसके आगे की गली के रास्ते को बंद कर दिया गया है और लोगों के दुख की कोई आवाज नहीं बन पा रहा है। यह वक्तव्य है, वरिष्ठ पत्रकार सह राजनीतिज्ञ अन्नी अमृता का।
अन्नी अमृता का कहना है कि आज टाटा स्टील व यूआईसीएल के पदाधिकारी केडी फ्लैटवासियों के साथ बैठक की, जिसमें लोगों ने अपनी परेशानियां बताईं। अन्नी बताती हैं कि वो स्वयं इस बैठक में मौजूद थी और उन्होंने देखा कि टाटा स्टील यूआईसीएल के पदाधिकारी वहां अपने इस कृत्य को ये कहकर जस्टीफाई कर रहे थे कि वे सुरक्षा को लेकर कदम उठा रहे।
अन्नी ने कहा कि उन्होंने पदाधिकारियों और लोगों से पूछा कि क्या सार्वजनिक रास्ते को अचानक बंद करने के पहले नोटिस दी गई थी तब कोई जवाब किसी के पास नहीं था। अन्नी ने ये भी पूछा कि पूरे शहर में सिर्फ इसी खास इलाके को सुरक्षित करने के नाम पर सड़क बंद करने की ऐसी क्या नौबत आन पड़ी तो कोई आधिकारिक बयान नहीं मिला। बताया गया कि कारपोरेट कम्युनिकेशन से बयान जारी होगा।
अन्नी बताती है कि वो स्वयं उस जगह पर बड़ी मुश्किल से पूछते पूछते पहुंची क्योंकि मुख्य रास्ते को बंद करने के साथ ही आगे की गली को भी दीवार के सहारे बंद कर दिया गया है। ये सार्वजनिक रास्ता महज केडी फ्लैट वाले नहीं, बल्कि आस-पास के इलाके के लोग भी सालों से इस्तेमाल कर रहे हैं। पहले यहां गेट लगाकर बंद किया गया और फिर लोगों को नोटिस दिए बगैर रातों रात दीवार खड़ी कर दी गई।
अन्नी बताती है कि एक आम आदमी ऐसा करता तो जमशेदपुर नोटिफायड एरिया कमेटी तुरंत एक्शन में आ जाती मगर कहां है वो? प्रशासन की नाक के नीचे टाटा स्टील यूआईसीएल (पूर्व में जुस्को) सालों से इस्तेमाल हो रही सार्वजनिक सड़क को बंद कर देती है और सब खामोश हैं।
अन्नी कहती है कि वो इस बिन्दु पर अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू से कानूनी राय ले रही है। सुधीर कुमार पप्पू के अनुसार यह सीआरपीसी 133 का उल्लंघन है। अन्नी ने कहा कि वो इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगी। कानूनी राय के बाद जो भी तय होगा कदम उठायेंगी। आवश्यकता पड़ी तो न्यायालय का शरण भी लेगी।
अन्नी बताती है कि सालों पहले एक बार एमडी आवास के सामने वाली सार्वजनिक सड़क को भी इसी तरह टाटा स्टील ने बंद कर दिया था। जिसके खिलाफ जवाहरलाल शर्मा जी कोर्ट चले गए थे और फिर सड़क वापस चालू करनी पड़ी। अन्नी ने कहा कि ये सब कुछ लोगों की सुरक्षा के नाम पर हो रहा। खुदा न खास्ता अगर आग लग जाए या कोई अनहोनी हो तो क्या विकल्प है?
इस पर लोगों ने टाटा स्टील यूआईसी एल (पूर्व में जुस्को) के पदाधिकारियों से पूछा तो उन्होंने नोट किया। अन्नी ने कहा कि सवाल यह है कि आखिर ऐसी कौन सी इमरर्जेंसी आ गई थी कि पहले गेट बना फिर बंद किया और फिर बिना नोटिस दीवार बना दी गई और अब लोगों की परेशानियों को ये नोट कर रहे हैं।