जियो हेमन्त, आपने सिद्ध कर दिया कि आप झारखण्ड के असली हीरो हो, आपको झारखण्ड में कोई चुनौती नहीं दे सकता, जनता आज भी आपको चाहती है, आज का झारखण्ड बंद उसका प्रमाण है
हेमन्त सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। इधर अपने नेता हेमन्त सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चम्पई सोरेन को महागठबंधन के लोगों ने अपना नया नेता चुन लिया, साथ ही राज भवन को इसकी जानकारी भी दे दी की, वो उन्हें नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करें। लेकिन राजभवन ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है। वो न तो अभी तक इन्हें सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया और न ही आगे यहां क्या होगा? इसका कोई अभी जानकारी ही दी है।
इधर भाजपा में जाने के लिए पूरी तरह से मन बना चुके सरयू राय के स्वर बदल चुके हैं। उनका नया बयान है जो किसी अखबार में छपा है कि अल्पकाल के लिए राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र विकल्प है। यहां राष्ट्रपति शासन हो भी जाये तो किसी को आश्चर्य नहीं, क्योंकि आज का राज्यपाल संविधान में उल्लेखित बातों पर कम ध्यान देता है, और केन्द्र में जिनकी कृपा से वो राज्यपाल का पद सुशोभित कर स्वयं पर गर्व महसूस कर रहा होता है, उसकी आज्ञा का अनुपालन करने में ही आनन्द का अनुभव कर रहा होता है।
ऐसे में केन्द्र की मोदी सरकार क्या निर्णय लेती है, अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही जाने। लेकिन जनता को यह नहीं भूलना चाहिए कि कुछ दिन ही पहले, बिहार में क्या हुआ था। वहां नीतीश कुमार ने पलटी मारी और इधर कुछ घंटे में ही बिहार के राज्यपाल ने उन्हें नई सरकार गठन करने का न्यौता दिया ही नहीं, बल्कि उन्हे आनन-फानन में मुख्यमंत्री पद का शपथ भी दिला दिया, क्योंकि बिहार के लिए तो केन्द्र ने पहले से ही हरी झंडी दे रखी थी।
पर झारखण्ड में सत्तापक्ष के पास भी आज भी बहुमत है। लेकिन राजभवन जानबूझकर चम्पई सोरेन को सरकार गठन करने के लिए नहीं बुला रहा। यह घटना बताती है कि केन्द्र और राजभवन दोनों मिलकर कैसे झामुमो गठबंधन सरकार को यहां नाक में दमकर रखा था और आज भी उसे सत्ता से बेदखल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रखी है। जबकि कहने को तो ये संविधान के रक्षक और पता नहीं क्या-क्या खुद को कहते रहते हैं।
हमने इसी झारखण्ड में देखा कि पूर्व के एक राज्यपाल, रांची के एक उद्योगपति जो हाल ही में जेल की शोभा बढ़ाकर आया है, उसके साथ फिल्म देखते थे और इस दौरान उसके साथ बैठकर प्लेट में पड़े मेवे खाकर परम आनन्द का अनुभव किया करते थे। जो विद्रोही24 के नियमित पाठक हैं, वे हमारे समाचारों में उक्त फोटो को अवश्य देखे होंगे। वहीं राज्यपाल कभी दीपावली के दिन एटम बम छोड़ने की बात किया करते थे। लेकिन पता नहीं वो एटम बम कहां रखा हुआ है, झारखण्ड की जनता को उसकी धमाके का आज तक अनुभव नहीं हुआ। इसी बीच बेचारे मोदी जी की कृपा से वे महाराष्ट्र चले गये।
सच्चाई यही है कि केन्द्र की मोदी सरकार को हर हाल में 2024 में सत्ता प्राप्त करनी है। इसके लिए वो हर प्रकार की तैयारी कर रही हैं। जहां भी इंडिया गठबंधन मजबूत है। वहां के नेताओं को बर्बाद करने की तैयारी चल रही है, ताकि उसे जेल में डालकर कम से कम छह महीने भीतर रख, चुनाव करवा ली जाये और सत्ता प्राप्त कर ली जाये। जिसमें वे धीरे-धीरे कामयाब भी हो रहे हैं। महाराष्ट्र, बिहार और अब झारखण्ड उसी की एक कड़ी है। हालांकि कहने को ये कहेंगे कि जो भ्रष्टाचारी हैं, वो जेल जायेगा।
हम भी कहते है कि जो भ्रष्टाचारी हैं, उसे जेल जाना चाहिए। पर ये क्या जो भ्रष्टाचारी भाजपा की शरण लेता हैं, उस पर आधुनिक भगवान मोदी जी की कृपा बरस जाती है और जिसने उनकी सत्ता को चुनौती दे दी, उस पर केन्द्रीय एजेंसियां बरस जाती है। अब तो इस बात को पूरे देश की जनता जान चुकी है। इसमें कोई किन्तु परन्तु नहीं हैं। राजनीतिक पंडितों की मानें तो भले ही ये दांव-पेंच के खेल में केन्द्र की मोदी सरकार माहिर हो गई हो, पर ईश्वरीय सत्ता और देश की जनता को कोई चुनौती दे दे, ये संभव नहीं।
हमें लगता है कि इस प्रकार के हालात में कही जनता केन्द्र की मोदी सरकार को दस साल पहले की फील गुड वाली हालात में न ला दें। अगर ऐसा होता हैं तो भाजपा हर जगह ताश के पत्तों की तरह भरभड़ा कर गिरेगी। हालांकि कल की घटना को लेकर झारखण्ड की जनता में गुस्सा साफ देखने को मिल रहा है।
आज झारखण्ड बंद का आह्वान आदिवासी संगठनों ने बुलाया था। जिसको लेकर स्कूल-कॉलेज बंद हैं। सड़कों पर वाहन कम चल रहे हैं। व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद है। विभिन्न आदिवासी संगठनों (झामुमो नहीं) के कार्यकर्ता सुबह से ही सड़कों पर उतर गये हैं। लेकिन समाचार यह भी है कि थोड़ी देर के बाद इन संगठनों ने ईडी और केन्द्र सरकार को यह चेतावनी देकर बंद वापस ले लिया कि अगर हेमन्त सोरेन को जेल से मुक्त नही किया गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।
ऐसे में भाजपा कहां हैं, उसे खुद स्वयं को देख लेना चाहिए। हेमन्त सोरेन के जेल जाने का समाचार सुनकर, कल तो रांची के कुछ इलाकों में भाजपा कार्यकर्ता और उनके समर्थक जमकर पटाखे भी फोड़े हैं। मतलब ये लोग इतने कल खुश थे, जैसे लगता हो कि इन्हें मन की मुराद मिल गई। मतलब राजनीति में इतनी गिरावट, इतना घटियापन लोग कहां से सीख रहे हैं, समझ नहीं आ रहा।
इधर, जो मीडिया भाजपा भक्ति में लीन होकर हेमन्त सोरेन और उनकी सरकार पर अभी बरस रहे हैं, उन्हें पता ही नहीं कि इन चार वर्षों में हेमन्त सोरेन ने राज्य की जनता के दिलों में क्या स्थान बनाया है। आपका न्यायालय में वर्चस्व हो सकता है। आप मीडिया पर कब्जा जमा सकते हैं। आप केन्द्रीय एजेंसियों से वो काम करा सकते हैं, जो आप चाहते हैं। लेकिन राज्य की जनता के दिलों में कैसे राज करेंगे। उनके दिलों में जगह कैसे बनायेंगे। सवाल तो इसी का है। जियो हेमन्त, आपने सिद्ध कर दिया कि आप राज्य के असली हीरो हो। आपके सामने कम से कम झारखण्ड में कोई वर्तमान में नहीं दिख रहा। आपने कल यह भी सिद्ध किया कि आपको जेल मंजूर हैं, पर भाजपा की गुलामी मंजूर नहीं।