भगत सिंह की प्रतिमा को राजधानी रांची में सम्मानपूर्वक स्थापित करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय युवा शक्ति का रांची बंद अभूतपूर्व
महान क्रांतिकारी भगत सिंह की प्रतिमा को राजधानी रांची में सम्मानपूर्वक स्थापित करने की मांग को लेकर राष्ट्रीय युवा शक्ति ने आज रांची बंद का ऐलान किया था। जो अभूतपूर्व रहा। राष्ट्रीय युवा शक्ति ने यह बंद सांकेतिक तौर पर बुलाया था, जो सुबह से लेकर अपराह्न एक बजे तक ही था। इस दौरान नगर के सारे व्यवसायियों ने अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रखे। आम लोगों ने भी इस बंद का खुलकर समर्थन किया।
रांची के कई इलाके जैसे इटकी रोड, पंडरा , पिस्का मोड़, लखोटी, रातू रोड, न्यू मार्केट, किशोरी यादव चौक, प्यादा टोली, ग्वाल टोली, महावीर चौक, गांधी चौक, शहीद चौक, परमवीर अल्बर्ट एक्का चौक, रिफ्यूजी मार्केट, वेंडर मार्केट, कचहरी व सर्कुलर रोड की सारी दुकानें आज बंद दिखी। ज्ञातव्य है कि पिछले 16 दिनों से राष्ट्रीय युवा शक्ति के लोग पहाड़ी मंदिर के राज भवन के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे हुए हैं।
इनकी उचित मांगों पर राज्य सरकार व प्रशासन मौन हैं। जिसके कारण इन्हें मजबूरन रांची बंद बुलाना पड़ा। इधर आज सुबह से ही राष्ट्रीय युवा शक्ति के पदाधिकारियों का दल अपने सदस्यों के साथ सड़कों पर उतरा और लोगों से रांची बंद को लेकर सहयोग मांगा। जिस पर जनता भी समर्थन करती हुई दिखी। कई इलाकों में तो बंद स्वतःस्फूर्त था।
आश्चर्य तो यह भी रहा कि पहाड़ी मंदिर के प्रसाद दुकानदारों ने भी अपनी दुकानें बंद रखी तथा राष्ट्रीय युवा शक्ति के आंदोलन को अपना समर्थन दिया। राष्ट्रीय युवा शक्ति के अध्यक्ष उत्तम यादव का कहना था कि आज रांची बंद बुलाकर उन्होंने सरकार व प्रशासन को जगाने का प्रयास किया l जब तक उनकी मांगे नहीं मान ली जाती। राज भवन के समक्ष चल रहा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी रहेगा।
बंद को सफल बनाने में राष्ट्रीय युवा शक्ति के पदाधिकारी शैलेश तिवारी, नितेश वर्मा, योगेश कुमार रॉक, उमेश साहू, रंजन माथुर, संजय तिवारी, आर्यन मेहता, रोहित यादव, संजय तिवारी, निखिल गुप्ता, अनुराग तिर्की, अशोक श्रीवास्तव, मुन्ना सिंह, चंदन यादव, आर्यन गुप्ता, आयुष गोप, प्रदीप चौधरी, रिकी वर्मा, निलेश महतो, रितु सिंह, सुजीत चौरसिया, भोला केसरी, लकी वर्मा, मन्नू चौधरी, सोनू गुप्ता, सनी निषाद, शाहिद सहित बड़ी संख्या में पूरे शहर में राष्ट्रीय युवा शक्ति के सदस्य सड़कों पर डटे रहे।