जिसके पास दो रोटी खाने की औकात नहीं, उसने भी इलेक्टरोल बॉन्ड खरीद कर भाजपा को दिये और उसके एवज में 1000 करोड़ का ठेका उठायाः सुप्रियो
जिस प्रकार से इलेक्टोरल बॉन्ड के उजागर होने के बाद एक्सटोर्शन का डाटा आ रहा है। वो बता रहा है कि केन्द्र की मोदी सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर क्या किया है। जिनके पास अपने कर्मचारियों को देने के लिए पैसे नहीं, वे सैकड़ों करोड़ देते हैं। जिन्हें औकात नहीं दो रोटी खाने की, वे कही से उधारी लेकर भाजपा को बॉन्ड देते हैं और सात दिन के अंदर उन्हें 1000 करोड़ का ठेका मिल जाता है। ये परिस्थिति है, अभी तो और बात सुप्रीम कोर्ट में आयेगी, अभी तो पीएम केयर बाकी है। उक्त बातें आज संवाददाता सम्मलेन में झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कही।
सुप्रियो ने कहा कि अभी जो सूचनाएं आयी है कि पाकिस्तान से भी इलेक्टोरल बॉन्ड में पैसे आये हैं। अब तो साबित हो गया कि विदेशी ताकतों की तोहमत दूसरों पर लगानेवाले स्वयं ही विदेशी ताकतों के हाथों में खेल रहे हैं। पुलवामा कांड हुआ और उस कांड के तीन दिन के बाद ही पाकिस्तान से पैसे आ गये। इसलिए पुलवामा कांड का खुलासा नहीं हुआ। जवानों के शहादत पर इन्होंने चुनाव जीत लिया। जब वहां के राज्यपाल ने इस पर बोला तो उनके घर ईडी भिजवा दिया। पठानकोट के मुद्दे पर पाकिस्तान के सुरक्षा विशेषज्ञों को सैन्य ठिकानों में घुसवा दिया। गलवान में हमारे 20 सैनिकों को शहीद करवा दिया। अब ये सभी चीजें एक्सपोज हो गया है।
सुप्रियो ने कहा कि यही कारण है कि अब हम सभी नई ऊर्जा के साथ, झारखण्ड में बहुत जल्द ही चुनाव अभियान की शुरुआत करेंगे। वो अभियान हमारी मिशन को पूरा करेगा। चार जून को जो परिणाम आयेगा, भाजपा के पास चार जून गिनने लायक तक लोग नहीं होंगे।
सुप्रियो ने कहा कि कल की मुंबई की सभा से ही पता चल गया कि कि आनेवाले समय में देश की तस्वीर क्या होगी। कश्मीर से कन्याकुमारी और इधर मिजोरम से गोवा तक लोगों का एका सामने आ गया। उन्होंने कहा कि उस सभा में झारखण्ड भी मिसाल बनकर सामने आया। राहुल गांधी ने तो इसी पर कहा कि कांग्रेस के एक पूर्व नेता ने सोनिया गांधी के पास जाकर हाहाकार करते हुए कहा था कि वो जेल जाना नहीं चाहता, इसलिए वो कांग्रेस छोड़ रहा है। जबकि झारखण्ड ने ऐसा नहीं होने दिया। कोई कम्परमाइज नहीं की। जेल जाना स्वीकार किया, पर हेमन्त झूके नहीं।
सुप्रियो ने कहा रामगढ़ में ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस समझौताविहीन आंदोलन को हवा दी थी और आज उसी रामगढ़ से हेमन्त सोरेन ने समझौता विहीन राजनीति की फिर से नींव रख दी। हेमन्त सोरेन ने कह दिया कि वो समझौताविहीन संघर्ष करने को तैयार है। सुप्रियो ने कहा कि हेमन्त सोरेन आज भी भाजपा, पूंजीपतियों व झारखण्ड के अस्मिता से खेलनेवालों के साथ समझौता करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि हेमन्त सोरेन कभी भी जल, जंगल, जमीन और यहां के जानवरों को किसी कारपोरेट के हाथों में जाने नहीं देगा।
उन्होंने कहा कि कल की सभी में राज्य के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने साफ कह दिया कि झारखण्ड ने जिस प्रकार से देश के लिए काम किया है। उसी प्रकार से देश को भी काम करना चाहिए। कल्पना सोरेन ने भी कह दिया कि जैसे झारखण्ड नहीं झुका, उसी प्रकार देश को भी नहीं झुकना चाहिए। जैसे झारखण्ड लड़ रहा है, वैसे ही देश लड़ेगा और जीतेगा।
सुप्रियो ने कहा कि कल की मुंबई की सभा के बाद से नरेन्द्र मोदी मुद्दाविहीन हो गये हैं। राहुल गांधी ने जिस प्रकार से चुनौती दी है, उससे तिलमिला गये हैं। कल की भीड़ की आवाज सुनकर कोई भी महसूस कर सकता था कि देश क्या कह रहा है। सुप्रियो ने कहा कि उन्होंने पिछले तीन दशक के राजनीतिक कैरियर में ऐसी आहट कभी नहीं महसूस की। 1974 उन्हें याद नहीं। पैदाइश जरुर था। लेकिन उस आंदोलन का बोध नहीं थी। हालांकि उस समय इतनी मीडिया भी नहीं थी और न सोशल मीडिया का जमाना था। कुछ अखबार भी थे, पर उसकी रीच इतनी नहीं थी। लेकिन उस वक्त भी आंदोलन ने एक ऐसा रुप लिया, जिसे लोग आज भी महसूस करते हैं। ठीक वैसी ही स्थिति अब बन रही है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से अब गोलबंदी हो रही है। अब उसका प्रभाव दिखने लगा है।
सुप्रियो ने कहा कि वे और उनके लोग बार-बार कह रहे थे कि गांडेय में विधानसभा चुनाव करवाओ। वे इसकी मांग को लेकर राज्य निर्वाची पदाधिकारी के पास भी गये थे। लेकिन उस वक्त कहा गया कि मामला सुप्रीम कोर्ट से संबंधित है। चूंकि एक साल के अंदर ही चुनाव होने हैं, इसलिए ऐसा संभव नहीं है। लेकिन अब वहां चुनाव करवाये जा रहे हैं। उसको लेकर राजनीतिक दलों की मीटिंग बुलाई जा रही है। ये सारा परिदृश्य यह बताने के लिए काफी है कि भाजपा के मन का आतंक अब दिखने लगा है। मोदी जी निरुत्तर हो गये हैं।