राजनीति

संघर्ष जीवन में बड़ा पूंजी होता है, हर व्यक्ति हेमन्त सोरेन नहीं होता, दुर्गा भइया के पास संघर्ष था, परिस्थितियां बदली, अब सीता सोरेन BJP में है, उनकी महत्वाकांक्षाएं पूरी हो, मेरी शुभकामनाएः सुप्रियो

पार्टी का कोई कार्यकर्ता या सदस्य का छोड़ना पार्टी हित में नहीं होता। राजनीतिक महत्वाकांक्षा और सुप्रीम कोर्ट के एक वक्तव्य से जो परिस्थितियां बनी थी, उसका अंदेशा हमें भी था। ऐसे भी जो स्टाइल ऑफ फंक्शनिंग बीजेपी का रहा है, उसे देखकर साफ लगता  है कि भाजपा में भाजपा के लोग ही नहीं हैं। अब बीजेपी के कार्यकर्ता ही जनसंघी खतियान की बात करने लगे हैं। अब बीजेपी में बहुसंख्यक लोग ऐसे हैं, जो बीजेपी के नहीं हैं। यह बातें आज संवाददाता सम्मेलन में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कही।

सुप्रियो ने कहा कि पिछले दस वर्षों में भाजपा में ऐसा देखा गया है कि जिसके पास यदि कोई भी केस हैं। भाजपा ने उसका भयादोहन किया है। उनके पीछे एजेंसियों को लगाया है। अगर वो पॉलिटिकल वर्कर हैं तो उसके पीछे ईडी, सीबीआई लगाया। कारपोरेट सेक्टर का व्यक्ति है तो उसके पीछे पहले आईटी, फिर डीआरआई और उसके बाद ईडी लगाकर, राजनीतिक कार्यकर्ताओं को अपने पास लाओ और कारपोरेट जगत से चंदा पाओ का अभियान चलाया।

सुप्रियो ने कहा कि जहां इस प्रकार की स्टाइल ऑफ फंक्शनिंग चल रहा हो, वहां इस तरह की बात होनी स्वाभाविक है। उनका इशारा सीता सोरेन से संबंधित पूछे गये सवालों को लेकर था। ज्ञातव्य है झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की बहु सीता सोरेन आज भाजपा ज्वाइन कर ली हैं। सुप्रियो ने कहा कि हर व्यक्ति हेमन्त सोरेन नहीं होता, संघर्ष जीवन में बड़ा पूंजी होता है, जो दुर्गा सोरेन के पास था, परिस्थितियां बदली, इसलिए ऐसा परिणाम देखा गया।

सुप्रियो ने कहा कि जो लिखनी पड़ती है, वो करनी भी पड़ती है। जेएमएम के समर्पित कार्यकर्ता होने के कारण दुर्गा भइया के दुखद मृत्यु होने के बाद जेएमएम के समर्पित कार्यकर्ताओं ने दुर्गा भइया की आत्मा को ठेस न पहुंचे, वे हमेशा उनके साथ रहे, इसलिए सीता सोरेन को जामा से तीन-तीन बार विधायक बनाया। पार्टी ने उनके नेतृत्व व सांगठनिक क्षमता को देख कार्यसमिति का सदस्य व महासचिव के पद पर भी नियुक्त किया।

सुप्रियो ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अगर कही जाता है तो उसे कारण बताना होता है। सब कोई पशुपति कुमार पारस नहीं होता, पारस ने जब मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया तो उन्होंने तीन लाइनों के अपने इस्तीफे में धन्यवाद भी दिया, लेकिन उनके इस्तीफे में खामोशी भी दिखी। भाजपा ने उनके साथ यूज एंड थ्रो की पॉलिसी अपनाई, जैसा वो सब के साथ करती है। यही भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरे को उजागर भी करता है, जब किसी की जरुरत पड़े उसे पिक करो और फिर शिवराज सिंह चौहान, रमन सिंह, वसुंधरा राजे सिंधिंया की तरह फेंक दो। जो कभी सीएम रहा हो, उसे देवेन्द्र फड़नवीस की तरह डिमोट करते हुए डिप्टी सीएम बनवा दो।

सीता सोरेन के मंत्री नहीं बनाने के सवाल पर सुप्रियो ने कहा कि मंत्री नहीं बनना, नहीं बनाना ये अलग बात है। यहां मंत्रिपरिषद् की एक लिमिट है। क्षेत्र, आयु और वर्ग का भी ध्यान देना होता है। संतुलन बनाना पड़ता है। इसलिए केवल कमिटमेंट से नहीं होता। रही बात दुमका से कौन लड़ेगा, तो गुरु जी जिसे भी उम्मीदवार बनायेंगे। झामुमो कार्यकर्ता उसे जीताने के लिए अपनी एड़ी-चोटी एक कर देगा।

सुप्रियो ने कहा कि भाभी सीता सोरेन जहां पर गई है। उनकी महत्वाकांक्षा पूरी हो। मेरी शुभकामनाएं हैं। लेकिन एक टीस जरुर है। आज दस बजे के कुछ देर के बाद, वक्तव्य आया, चिट्ठी देख रहा था। उस चिट्ठी को गुरुजी के पास पहुंचाया। गुरुजी ने कहा कि ये हमारे परिवार का मामला है। हम बात करेंगे। लेकिन तुरन्त खबर आई कि वो भाजपा जा रही है। यानी जब आपने निश्चय करके पत्र लिखा है तो फिर कुछ कहना ही नहीं है। लेकिन जब आपने चिट्ठी लिखी तो घर में, पार्टी में बातें होती और कुछ न कुछ हल निकल ही जाता।

यह पूछने पर कि सीता सोरेन को भाजपा अगर दुमका से टिकट देती है तो क्या होगा। सुप्रियो ने कहा कि निश्चय ही वहां उनका वोटर है। उनके व्यक्तिगत वोटर हैं। ऐसे भी लोग हैं, जो घूमने-घामने भी निकलते हैं। बहुत गजब कम्पोजिशन का क्षेत्र हैं। लेकिन उसका असर कुछ नहीं दिखेगा। यह पूछे जाने पर कि लोबिन हेम्ब्रम का रवैया भी कुछ-कुछ सीता सोरेन जैसा है। सुप्रियो ने कहा जब किसी ने ठान लिया कि उसे सोसाइडल स्टेप लेना है तो आप लाख बेरियर लगाइये। वो वहीं करेगा। जो उसे करना है।

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी की नृशंसा हत्या कैसे हुई। चूंकि महिला ने निश्चय कर लिया था कि उसे अपनी जान दे देनी हैं। उसने जान दे दिया और नतीजा राजीव गांधी के नृशंस हत्या के रुप में देखने को मिली। उन्होंने कहा कि एक डाक्टर के पास भी आप इलाज के लिए जाये तो फिर वो किसी भी पीड़ा या दुख का पहले क्लिनिकल जांच करता हैं और फिर उसके बाद डायग्नोसिस करता है। ऐसे में कोई आत्मघाती कदम उठाने के लिए पहले से ही तैयार हैं तो उसे भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

कुछ प्रश्नों के उत्तर पर सुप्रियो भावुक भी हुए। प्रत्येक प्रश्नों के उत्तर में सीता सोरेन के प्रति आदर का भाव भी दिखा। हर सवाल के जवाब में दुर्गा सोरेन के लिए भइया और सीता सोरेन के लिए आदरसूचक शब्द ही निकले। एक सवाल के जवाब के अंत में उन्होने यह भी कहा कि दुर्गा भइया की पत्नी और उनके छोटे भाई या देवर के रुप में उनका वे हमेशा श्रद्धा करेंगे। उनकी उन्नति और उनके परिवार के सर्वांगीण विकास के लिए जो भी होगा, वे करेंगे।

सुप्रियो ने यह भी कहा कि जो लोग अपने परिवार को छोड़कर जाते हैं। उन्हें शिवपाल सिंह यादव, साधु यादव, चुनाव के बाद अजीत पवार का क्या होगा? यह भी देख लेना चाहिए। अल्पकालिक सोच ही भ्रष्टाचार को जन्म देती है। अल्पकालिक आकर्षण के लिए दीर्घकालिक परिणाम देनेवाली भविष्य का त्याग नहीं करना चाहिए।