राजनीति

हेमन्त आदिवासी इसलिए जेल में और जिनके पास असंख्य एविडेंस यानी रघुवर दास राजभवन में, राजनीतिक भ्रष्टाचार की जन्मदाता भाजपा को भ्रष्टाचार पर बोलने का अधिकार किसने दियाः सुप्रियो

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भाजपा को भ्रष्टाचार पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार है ही नहीं। उसे बोलना है तो मंहगाई, बेरोजगारी, शिक्षा व स्वास्थ्य के व्यवसायीकरण पर बोले। सुप्रियो ने कहा कि किसानों पर गोलियां चलवा दी, इस पर वे नहीं बोलेंगे। दस सालों के हिसाब पहले वे दें, लोगों को मत भटकाएं, दस साल में दस काम बता दें जो देशहित में हुए हो। तब जाकर चुनाव में वोट मांगे।

सुप्रियो ने कहा कि आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में एनडीए की बैठक के दौरान भाजपा के प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने वक्तव्य दिया है कि इस बार का चुनाव भ्रष्टाचार के मुद्दे पर होगा। जबकि सच्चाई यही है कि भाजपा की चुनाव लड़ने की पहली शर्त ही है कि जो भ्रष्टाचारी है, वो भाजपा में आये और चुनाव लड़े। उसकी जीत की पूरी गारंटी मोदी जी देंगे, क्योंकि मोदी द्वारा जो भी सर्टिफाइड भाजपाई है, वहीं सर्टिफाइड भ्रष्टाचारी है, वो भाजपा में आये तो उसके सीट की गारंटी भी है।

सुप्रियो ने कहा कि हमलोगों ने झारखण्ड में देखा जो सीबीआई के आरोपी और कनविक्टेड लोग है, उनको भी टिकट दिया जा रहा है। अन्य राज्यों में भी इसी प्रकार का खेल खेला जा रहा है। आंध्र प्रदेश में, दिल्ली का कथित शराब घोटाला, उसके एप्रूवर, जिनका एक सहयोगी टीडीपी है, वह टीडीपी से चुनाव लड़ रहा है। भाजपा के सहयोगी अजीत पवार, नारायण राणे जैसे लोग चुनाव लड़ रहे हैं।

मजेदार बात यह भी है कि दो दिन पहले पीएम मोदी तमिलनाडू गये और वहां एक टीवी चैनल को दिये साक्षात्कार में कहा कि मोदी ने ही गारंटी दिया था कि कोई भी व्यक्ति स्वार्थ के लिए दिये गये पैसे का पता लगा ले, ये मोदी का कानून था। जबकि मोदी सरकार के वकील और एसबीआई के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर यह कहा था कि कौन किसको चंदा दे रहा है, इसे गुप्त रखा जाये, क्योंकि यही कानून है। मतलब चोर जब पकड़ा गया तो वो बोला कि ये मेरा चोरी का तमगा है।

सुप्रियो ने कहा कि आज जिस प्रकार से राष्ट्रपति के सिंबल का यूज किया गया। राष्ट्रपति हाथ बांधे खड़ी है। आडवाणी कुर्सी पर बैठे हैं। मोदी बैठकर मुस्कुरा रहे हैं। भारत के राष्ट्रपति का बंधा हुआ हाथ चुनाव आयोग को देखना चाहिए। आज चुनाव आयोग भी अंधा हो चुका है, उनको ये तस्वीर नहीं दिख रही। चुनाव आयोग जो राष्ट्रपति के चुनाव को भी संपन्न कराता है। भला वो राष्ट्रपति के बंधे हाथ देखकर चुप कैसे बैठ सकता है। ऐसी क्या परिस्थिति है? चुनाव आयोग को बतलाना चाहिए।

सुप्रियो ने कहा कि जब पीवी नरसिम्हा राव के बेटे प्रभाकर राव, एम एस स्वामीनाथन की बेटी नित्या राव, कर्पूरी ठाकुर के बेटे राम नाथ ठाकुर, चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत सिंह जब राष्ट्रपति भवन जा सकते हैं तो क्या आडवाणी स्वस्थ नहीं हैं? उनके परिवार के लोग नहीं हैं? वे राष्ट्रपति भवन नहीं जा सकते थे। अगर आडवाणी चल नहीं सकते थे तो क्या उन्हें व्हील चेयर पर नहीं लाया जा सकता था। वे राष्ट्रपति को लेकर आये। पीछे तिरंगा लगाये। भारत रत्न भी बैठा है और अहंकारी राजा भी बैठा है और राष्टपति का हाथ बंधा रहे, चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेना चाहिए। ये राजनीतिक भ्रष्टाचार है, लोकतंत्र में इससे बड़ा राजनीतिक भ्रष्टाचार आज तक नहीं हुआ।

सुप्रियो ने कहा कि आज भ्रष्टाचार की एक नई परिभाषा गढ़ने का काम भाजपा करने जा रही है। जब भ्रष्टाचार का बात आया। जब राज्य सरकार सजग हुई तो यहां ईडी को घुसाया गया और यहां के एक व्यक्ति को ओडिशा पहुंचा दिया गया। सुप्रियो का इशारा रघुवर दास की ओर था। ताकि उसे संवैधानिक कवच पहना दिया जाये। पीएमएलए जहां साबित होता है, जहां मनी ट्रेडिंग होती है, वहां ईडी चुप रहता है और जहां ऐसा होता ही नहीं, वहां वो सजग रहता है। हेमन्त आदिवासी है, इसलिए जेल में रहेगा और असंख्य जिनके पास एविंडेंस है, वो राजभवन में बैठेगा, ऐसी राजनीति करनेवालों को शर्म आनी चाहिए।