राजनीति

अगर एकतरफा चीजें होंगी तो चुनाव आयोग के साख पर सवाल उठेगा, अंगुलियां उठेंगी, अब फैसला EC को लेना है कि चुनाव निष्पक्ष व भयमुक्त हो, इसके लिए वो करता क्या है? – सुप्रियो

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने जो राज्य सरकार को निर्देश दिये है, देवघर के एसपी को बदलने का, जिसे हटा भी दिया गया। दरअसल यह पूरा मामला भाजपा सांसद निशिकांत दूबे से संबंधित है। देवघर के शिवदत्त शर्मा ने जसीडिह थाने में सांसद निशिकांत दूबे और उनके परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी व अन्य अपराधिक मामलों को लेकर प्राथमिकी दर्ज कराई, जिसकी शिकायत चुनाव आयोग से एसपी के खिलाफ सांसद ने की।

नतीजा यह निकला कि एसपी को हटाने का चुनाव आयोग ने निर्देश जारी कर दिया। अब सवाल उठता है कि क्या एसपी के हट जाने से वहां सासंद के खिलाफ पुलिस द्वारा किया जानेवाला अनुसंधान बंद हो जायेगा। जब प्राथमिकी हो गई तो उसका अनुसंधान होगा ही, पुलिस अधीक्षक का पद लॉ एंड आर्डर को ठीक करने के लिए होता है और ये चुनाव तक का ही मामला है। चुनाव आयोग की क्षमता तो पांच जून को ही समाप्त हो जायेगी।

आखिर चुनाव आयोग कौन सी दिशा तय कर रहा है। कोई घोषित प्रत्याशी किसी अधिकारी के खिलाफ शिकायत करेगा और उस अधिकारी का तबादला हो जायेगा। क्या निशिकांत दूबे की पृष्ठभूमि को कोई नहीं जानता। सुप्रियो ने कहा कि कुछ दिन पहले ईडी की कार्रवाई चल रही थी, ते वे ईडी के प्रवक्ता बन गये थे। सीबीआई की कार्रवाई चल रही थी तो सीबीआई के प्रवक्ता बन गये थे और अब चुनाव का समय है तो चुनाव आयोग के प्रवक्ता बन गये।

ये सही लेवल पब्लिक ग्राउंड नहीं है। आप अपने सुविधानुसार चुनाव कराइये। चुनाव आयोग को मालूम होना चाहिए कि हम यहां के स्टेकहोल्डर है। एक पॉलिटिकल पार्टी होने के नाते, हम से बात तक नहीं की गई। हमारी भी शिकायतें थी केन्द्रीय एजेंसियों को लेकर, लेकिन हमारी कोई बात सुनने को तैयार नहीं। बिना हमारी कंसल्टेंसी के चुनाव डिक्लियर हो गया।

झारखण्ड के पुलिस महानिदेशक व गृह सचिव को पटना बुला लिया गया। जब उनको वहां बुलाया जा सकता है तो हमें पटना क्यों नहीं बुलाया गया। हम भी पटना जाकर अपनी बातें रख सकते थे। हम बताते कि यहां भाजपा ने किस प्रकार से केन्द्रीय एजेंसियों द्वारा यहां की राजनीतिक परिस्थितियों को अपने उत्प्रेरक कार्यों द्वारा स्वहित में काम करवा रही है। जहां सुनिश्चित होता है कि इनकी हार होने जा रही है। वहां ये केन्द्रीय एजेंसियों को सक्रिय कर देते हैं।

सुप्रियो ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने ईडी के समन को लेकर दिल्ली के संबंध में जो बाते कहीं या जो दिल्ली के हाईकोर्ट में मामला चल रहा है। वो स्पष्ट बताता है कि ईडी की नीयत व राजनीतिक उद्देश्य क्या है, उनकी कार्यवाही का संदेश क्या है? यही गंभीर विषय आज सबके सामने खड़ा है। अगर एकतरफा चीजें होंगी तो चुनाव आयोग के साख पर सवाल खड़ा होगा, अंगुलियां उठेंगी, ऐसे में फैसला अब चुनाव आयोग को लेना है कि वो चुनाव निष्पक्ष, भयमुक्त, कदाचार मुक्त हो, इसके लिए वो कौन सा तरीका अपनाता है। सुप्रियो भट्टाचार्य ने इसी बीच इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन और मतदान प्रक्रिया के दौरान होनेवाली धांधली पर भी संवाददाताओं का ध्यान आकृष्ट कराया।