सरयू के लगातार आक्रामक रवैये से भाजपा के तेवर हुए ढीले, नहीं दे रहे अब भाजपा नेता सरयू के खिलाफ उलूल-जुलूल बयान, इधर कांग्रेस की अनुपमा पहुंची सरयू के शरण में, मांगा आशीर्वाद, पर …
कल तक निर्दलीय विधायक सरयू राय कांग्रेस को कह रहे थे कि वो उन्हें सहयोग करे ताकि धनबाद संसदीय सीट से भाजपा के घोषित दबंग व 50 से भी अधिक मुकदमों को अपने नाम दर्ज करानेवाले भाजपा के घोषित प्रत्याशी तथा आतंक के पर्याय ढुलू महतो को सबक सिखाया जा सकें, लेकिन कांग्रेस नहीं मानी और उसने वहां से बेरमो के धनाढ्य कांग्रेसी विधायक अनूप सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह को टिकट थमा दिया।
चूंकि अनूप सिंह अच्छी तरह जानते हैं, जानते तो कांग्रेस और धनबाद की राजनीति की जिन्हें एबीसीडी का ज्ञान है, वे भी, कि जिस प्रकार से सरयू राय ने धनबाद में भाजपा के घोषित प्रत्याशी ढुलू महतो का माहौल खराब किया है और जिस प्रकार से धनबाद की ज्यादातर जनता सरयू राय की वर्तमान में दीवानी हैं। ऐसे में धनबाद संसदीय सीट पर सरयू राय को नजरंदाज करना किसी के लिए भी इतना आसां नहीं।
विद्रोही24 का तो मानना है कि जो भी धनबाद से जीत हासिल करना चाहता है, चाहे वो भाजपा का ढुलू हो या कांग्रेस की अनुपमा, वर्तमान में सरयू राय के आगे उन्हें झूकना ही होगा। शायद यही कारण रहा कि अनूप सिंह ने मौके की नजाकत को समझते हुए बिना देर किये अपनी पत्नी व कांग्रेस की घोषित प्रत्याशी अनुपमा को लेकर जमशेदपुर सरयू राय के आवास पर पहुंच कर हाजिरी लगा दी। अनुपमा ने सरयू राय के पांव छूएं, विजयी भव का आशीर्वाद मांगा।
लेकिन सरयू राय तो राजनीति के चतुर खिलाड़ी है, वो भला विजयी भव का आशीर्वाद कैसे दे दें? वह भी बिना धनबाद के राजनीतिक विशारदों के विचार जानें। जैसे ही विद्रोही24 को इस बात की जानकारी मिली कि अनुपमा सिंह को लेकर अनूप सिंह सरयू राय के आवास पर पहुंचे हैं। विद्रोही24 ने सरयू राय को फोन लगाया और वस्तुस्थिति जाननी चाही। लब्बोलुआब यही निकला कि अनुपमा सिंह को उन्होंने अभी विजयी भव का आशीर्वाद नहीं दिया और न ही उन्होंने अपनी ओर से कोई पत्ते खोले हैं।
इधर भाजपा ने भी गजब की पलटी मारी है। कल तक उसके नेता झारखण्ड प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी जो सरयू राय के खिलाफ अनाप-शनाप बके जा रहे थे। उन्होंने अब इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध ली है। वे अब उलूल-जुलूल नहीं बक रहे हैं। उधर सरयू राय को सबक सिखाने की बात करनेवाले ढुलू महतो ने भी अपना पैतरा बदला है और सरयू राय के प्रति उनके बयाने में तब्दीली आई है।
हो सकता है कि उपर के केन्द्र के नेता मौके की नजाकत को समझते हुए, ढुलू महतो और लक्ष्मीकांत वाजपेयी को अपने बोल-वचन में सुधार करने को कहा हो। इधर अखबारों व मीडिया के दूसरे साधनों पर भी ढुलू महतो और लक्ष्मीकांत वाजपेयी का सरयू राय के प्रति आक्रामक वाले बयान उस तरह गायब हो गये हैं, जैसे गधे के सिर से सींग।
सरयू राय विद्रोही 24 से बातचीत के क्रम में कहते है कि अब गेंद धनबाद की जनता के पाले में हैं। वो जैसा कहेगी, वे वैसा ही करेंगे। फिलहाल वे जमशेदपुर में हैं। जल्द ही धनबाद जायेंगे और फैसला लेंगे। उन्होंने फिर इस बात को दुहराया कि उनका मूल मकसद अपराधमुक्त वातावरण तैयार करना और अगर कोई दल ऐसे में अपराधियों को टिकट देगा तो वे मुखर होंगे।
क्योंकि पं. दीन दयाल उपाध्याय ने कहा था कि पार्टी या दल की हो सकता है कि मजबूरी हो, अपराधियों को टिकट देना पर उसे सुधारना जनता का पहला और अंतिम कर्तव्य हैं कि वो ऐसे लोगों के पक्ष में मतदान ही न करें और अपने क्षेत्र से सुयोग्य उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर, उन्हें विजयी बनावें। सरयू राय ने यह भी कहा कि अगर भाजपा ने धनबाद में अपने किये भूल अथवा अपराध को नहीं सुधारा तो इसके परिणाम दूसरे लोकसभा सीटों पर भी पड़ेंगे और उसे इसका बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।
सरयू राय को टिकट नहीं देकर कांग्रेस ने बहुत बड़ी गलती की है धनबाद प्रभारी और झारखंड प्रभारी कांग्रेस ने हाई कमान को बरगलाया है और अनुपमा सिंह को टिकट दिलवाया है पैसे में बहुत ताकत होती है दोनों तरफ से माल कमाया गया है