अपनी बात

पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के सपनों को जीवन्त रूप से जमीन पर उतारने में लगी कल्पना सोरेन ने की विद्रोही24 से बात, कहा न आतताइयों के आगे कल झुके थे और न आगे झुकेंगे

पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के सपनों को जीवन्त रूप से जमीन पर उतारने में लगी कल्पना सोरेन ने आज विद्रोही24 से बातचीत की। बातचीत में उन्होंने साफ कहा कि न तो वो आतताइयों के आगे कल झूकी थी और न आगे झूकने का कोई इरादा है। वो संघर्षों से तपकर निकली है। हेमन्त जी के बुलंद इरादों से बहुत कुछ सीखा हैं और आगे उन्हीं के सपनों को जीवन्तता प्रदान करनी है।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से उनके जीवन में अचानक यह हेमन्त सोरेनजी के जेल जाने की घटना घटी। उन्होंने कई मोर्चों पर एक साथ जिम्मेवारी संभाली। परिवार के साथ-साथ समाज व पार्टी को भी बारीकी से देखने और उसे मजबूत करने का मौका मिला। कार्यकर्ताओं में जोश व उत्साह की कोई कमी न हो। इस पर भी उनका ध्यान गया। जब वो गिरिडीह में अपना पहला भाषण दी, तो उन्हें इस बात का ऐहसास हुआ कि जो काम हेमन्त जी ने जनता के लिए किये हैं। जनता उन बातों को आज भी स्वीकार कर रही है और उन्हें सहयोग देने को तैयार है।

कल्पना सोरेन ने कहा कि उन्हे खुशी है कि हेमन्त जी ने उस वक्त झारखण्ड को बेहतर बनाने की कोशिश की, जब राज्य की आर्थिक स्थिति बिल्कुल खराब थी। पिछली सरकार ने राज्य का खस्ताहाल कर दिया था। हेमन्तजी को एक ही साथ कई मोर्चों पर लड़ने की जरुरत आन पड़ी। एक तो राज्य को आर्थिक रूप से सबल बनाना था और दूसरा कोरोना की विश्वव्यापी लहर से अपनी जनता को बचाना था। उन्हें खुशी है कि दोनों मोर्चों पर हेमन्त जी ने राज्य की जनता का बेहतर ख्याल रखा। आज उन्हीं का प्रयास है कि धीरे-धीरे झारखण्ड बेहतर स्थिति में आया हैं।

कल्पना सोरेन ने कहा कि वे यह नहीं देखती कि उनके सामने कौन खड़ा है या कौन दल प्रतिद्वंदी है। वो तो सिर्फ यह देखती है कि उन्हें करना क्या है। इसी से उन्हें संघर्ष करने की प्रेरणा मिलती है। उन्हें इस बात का मलाल हमेशा रहेगा कि जब हेमन्त जी संघर्ष कर रहे थे तब भी उन्हें मीडिया का सहयोग नहीं मिला और आज की भी स्थिति ऐसी ही है। मीडिया में केवल वही लोग छप रहे हैं या दिख रहे हैं, जिन्होंने इन पर कब्जा कर लिया है। लेकिन मुझे न तो कल मीडिया ने सत्ता दिलाया था और न आगे कोई संभावना ही दिखती। लेकिन जनता पर पूरा भरोसा है कि उसने हमें सेवा का जो मौका देने की ठानी है। वो उनके विपक्षियों के लिए सिरदर्द जरुर बना हुआ है।

वो कहती है कि हमेशा की तरह हम इस लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी बेहतर स्थिति में होंगे, क्योंकि हमने जो वायदे किये, उसे विपरीत परिस्थितियों में पूरा किया। चाहे गरीबों के घर बनाने की बात हो या कोरोना से उन्हें बचाने की बात हो या उन्हें बेहतर जीवन देने की बात हो, सभी क्षेत्रों में हेमन्त जी ने आम जनता की सुध ली, जिसका परिणाम आज हो रहे चुनाव में भी देखने को मिल रहा। हमारे पास खोने को ज्यादा कुछ नहीं लेकिन पाने के लिये पूरा आसमा हैं, बस उड़ान भरने की है। हम एक न एक दिन बेहतर स्थिति में होंगे। भाजपा की कोई हैसियत नहीं कि हमारा बिगाड़ सकें, क्योंकि मेरे साथ मेरी जनता है।