अपनी बात

मोदी-शाह हर लोकसभा सीट जीतने के लिए नाक रगड़ते चल रहे और कर्मवीर-मरांडी को यहां मस्ती सूझ रही है, दोनों की घटिया सोच से आजिज होकर प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने छोड़ी पार्टी

उधर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जमेशदपुर के घाटशिला में भाषण बंद की और इधर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने खुद को भाजपा से अलग कर सारे भाजपाइयों मतलब दिल्ली से लेकर रांची तक के नेताओं की बोलती बंद कर दी। विद्रोही24 से बातचीत के क्रम में उन्होंने साफ कहा कि प्रदेश में दो नेता एक कर्मवीर और दूसरे बाबूलाल मरांडी ने पार्टी का जनाजा निकाल दिया है। देखियेगा इन दोनों की हरकतों से भाजपा को झारखण्ड में गिननेलायक भी सीटें नहीं मिलेगी, क्योंकि ये हर उस नेता/कार्यकर्ता को अपमानित करते हैं, जिनके पास गट्स होता है।

विद्रोही24 से बातचीत में कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि जमशेदपुर लोकसभा सीट से जब कार्यकर्ताओं से राय मांगी गई थी कि जमशेदपुर से लोकसभा के लिए कौन-कौन प्रत्याशी सही साबित होंगे, तो यहां से दो ही नाम गये थे। एक सीटिंग कैंडिडेट विद्युत वरण महतो और दूसरा कुणाल षाड़ंगी का। अगर कार्यकर्ताओं ने हमें ज्यादा प्रमुखता दी तो इसमें उनकी ही गलती है क्या? कर्मवीर और बाबूलाल जवाब दें।

कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि पिछले छः महीनों से वे देख रहे हैं, जमशेदपुर में जो भी कार्यक्रम हो रहे हैं। उन्हें पार्टी की ओर से इसकी सूचना ही नहीं दी जा रही है, जबकि वे प्रदेश प्रवक्ता है। हद हो गई। पार्टी ने विद्युत वरण महतो को टिकट दिया। लेकिन विद्युत वरण महतो ने भी उनसे बात करना मुनासिब नहीं समझा। आज तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घाटशिला में यानी उनके इलाके में सभा थी। उस सभा में भी उन्हें इग्नोर किया गया। ऐसे में इस प्रकार की पार्टी में रहने से अच्छा है कि अपना अलग रास्ता अख्तियार किया जाय।

कुणाल षाडंगी का ऐन मौके पर पाला बदलने का मतलब भाजपा की नैया में बड़ा सा छेद होना है और यह छेद भाजपा को डूबाने के लिए काफी है। कुणाल षाडंगी जमशेदपुर का जाना माना नाम है। कोविड काल में इन्होंने जमकर जनसेवा की। जिसे आज लोग भी स्वीकार करते हैं। जब भाजपा के नेता अपनी सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान दे रहे थे तो यह युवा जमशेदपुर की जनता को बचाने के लिए सड़कों पर था।

कुणाल षाड़ंगी ने बताया कि जिन-जिन लोगों ने 2019 में पार्टी की नैया डूबोई। उसे आजकल जमशेदपुर का भार सौंप दिया गया। हद हो गई, उसे ही जमशेदपुर में आयोजित पीएम सभा के मंच पर सम्मान के साथ बिठाया गया और जिसने भाजपा को बेहतर दिशा में ले जाने की कोशिश की, उसे अपमानित करने का हर प्रकार से प्रयास किया गया। ऐसे में ऐसी पार्टी को वे दूर से ही प्रणाम करते हैं। अपना रास्ता अलग करते हैं।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो आज कुणाल षाड़ंगी प्रेस कांफ्रेस भी करेंगे और आगे की बातें जनता के बीच रखेंगे। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि पीएम मोदी की आज जमशेदपुर में सभा और आज ही प्रदेश प्रवक्ता का पार्टी से अलग होने की घोषणा भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। ऐसे भी पार्टी भले ही अबकी बार 400 पार का रट लगा लें, लेकिन यहां झारखण्ड में 14 सीटों में सात सीट भी पार करने की स्थिति में नहीं हैं।

जमशेदपुर सीट भी अब भंवर में पड़ती नजर आ रही हैं। कर्मवीर और बाबूलाल ने अपनी रणनीति नहीं बदली तो खामियाजा भुगतने को तैयार रहे। राजनीतिक पंडित तो यह भी कह रहे है कि दिल्ली के नेता मोदी-शाह हर लोकसभा सीट को जीतने के लिए नाक रगड़ रहे हैं। लेकिन प्रदेश के नेताओं को देखों तो मस्ती सूझ रही है। ये मस्ती इनके लिए 4 जून को निश्चय ही भारी पड़ेगा। जब हर सीटों पर भाजपा डूबती नजर आयेगी।