पहली बार धनबाद के संभ्रांत नागरिकों ने एक स्वर में कहा भाजपा के पक्ष में नहीं करेंगे वोट, हमारा वोट अपराध से जुड़े व्यक्ति या प्रत्याशी के पक्ष में नहीं जायेगा
एक सुखद संदेश धनबाद से आया है। धनबाद के संभ्रांत नागरिकों ने कल नावाडीह के वेडिंग बेल्स में एक सभा की है। सभा में एक परिचर्चा रखी गई थी। जिसका विषय था – धनबाद का सांसद कैसा हो, एक मतदाता की हैसियत से हमारी भूमिका क्या हो? इस परिचर्चा में बड़ी संख्या में संभ्रांत नागरिकों ने भाग लिया तथा उनलोगों ने भी भाग लिया, जो किसी न किसी प्रकार से भाजपा प्रत्याशी के जूल्म के शिकार हुए हैं। सभी ने एक स्वर से कहा कि राष्ट्रीय पार्टी होने के बावजूद भाजपा ने एक अच्छे कैंडिडेट धनबाद को नहीं दिया, जिसके कारण आज संभ्रांत नागरिकों को एक बैठक बुलानी पड़ गई, परिचर्चा कराना पड़ गया।
प्रख्यात समाजसेवी विजय झा ने साफ कहा कि जिस व्यक्ति के खिलाफ 53 मुकदमें दर्ज हो, चार मामलों में कोर्ट सजा सुना चुका हो, जिसके पास नौ लाइसेंसी हथियार हो, करोड़ों का अवैध कमाई हो, उसे एक राष्ट्रीय पार्टी भारतीय जनता पार्टी जो राजनीति में स्वच्छता व शुचिता की बात करती है, प्रत्याशी बनाती है, क्या अब ऐसे लोग धनबाद का प्रतिनिधित्व करेंगे?
विजय झा ने कहा कि क्या धनबाद में एक बेहतर व स्वच्छ छवि वाले प्रत्याशी का अभाव हो गया? क्या भाजपा के पास एक भी स्वच्छ छवि वाला कैंडिडेट नहीं था, जिसने एक अपराध जगत के व्यक्ति को टिकट थमा दिया, जो अपने ही विधायक व सांसद के खिलाफ गंदी टिप्पणी करता है। ऐसे में जो अपने ही दल के व्यक्ति व पदधारियों को सम्मान नहीं करता, वो धनबाद के अन्य संभ्रांत नागरिकों का क्या सम्मान रखेगा?
इसलिए आज संभ्रांत नागरिकों को यह सोचना होगा कि हमें बेहतर लोकतंत्र के लिए किसे चुनना होगा, किसके पक्ष में मतदान करना होगा, जिससे लोकतंत्र सुंदर और सुदृढ़ हो, क्योंकि इसी धनबाद का कभी एके राय ने प्रतिनिधित्व किया, जिन पर कोई दाग नहीं, स्वयं भाजपा में ही कई ऐसे लोग हुए, जिन पर कोई दाग नहीं हैं।
लेकिन पता नहीं क्यों प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को क्या हो गया कि वे धनबाद पर दाग लगाने को उतावलें हैं। ऐसे में हम संभ्रांत नागरिकों का कर्तव्य बढ़ जाता है कि हमें क्या करना चाहिए, अच्छा रहेगा कि हमलोग इस बार भाजपा को मतदान न कर, अन्य दलों की ओर अपनी भूमिका बढ़ाएं, जो भाजपा से कही बेहतर साबित होने की स्थिति में हो।
समाजसेवी गौतम कुमार मंडल ने भी इस परिचर्चा में शामिल होते हुए कहा कि धनबाद को बचाने की जरुरत है, धनबाद का सम्मान कैसे बचेगा, इसकी चिन्ता हमें ही करनी होगी। कोई अन्य स्थानों से आकर हमारी समस्या को दूर नहीं करेगा। धनबाद की ज्वलंत समस्या अपराध है और अपराध को रोकने का एक ही तरीका है कि हम योग्य व्यक्ति का चुनाव करें, न कि अपराध में लिप्त व्यक्ति का।