अपनी बात

वरिष्ठ अधिवक्ता अवनीश रंजन मिश्र ने के रवि कुमार के बेहतर चुनाव प्रबंधन के दावों की पोल पट्टी खोली, बूथों की भयावह स्थिति दिखाया, मतदान केन्द्र के वाश रुम में मिला जहरीला सांप

झारखण्ड हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अवनीश रंजन मिश्र ने एक संवाद एक घंटे पहले और दूसरा संवाद करीब आठ घंटे पहले अपने फेसबुक पर लिखा है। सबसे पहले एक घंटा पहले जो संवाद लिखा गया, उस पर ध्यान दीजिये …

हजारीबाग लोकसभान्तर्गत रामगढ़ जिला का बड़कागांव विधान सभा स्थित पतरातु बूथ संख्या 420 उत्क्रमित मध्य विद्यालय तथाकथित पिंक बूथ, महिला बूथ, महिला अधिकारियों और महिला मतदाताओं के लिए मित्रवत, घंटा, सुबह 6.00 बजे से रामगढ़ महाविद्यालय में प्रतीक्षारत महिलाओं की टीम जब उक्त बूथ पर पहुंची तो सबसे पहले महिलाओं ने वाश रूम का रुख किया।

जहां एक रसैल वाइपर प्रतीक्षा कर रहा था, न रहने की व्यवस्था, न वाश रूम जाने की और न मतदान कराने की, काहे का पिंक बूथ? अभी अभी मतदानकर्मी पीठासीन पदाधिकारी उक्त बूथ के वाश रुम में सर्प दंश का शिकार होने से बची हैं, कुछ अप्रिय होने की स्थिति में रामगढ़ प्रशासन जिम्मेवारी लेगा? अब दूसरा संवाद जो आठ घंटे पहले अवनीश रंजन मिश्र ने लिखा, उस पर ध्यान दीजिये…

रामगढ़ महाविद्यालय रामगढ़ परिसर में मतदान कर्मियों को बूथ पर भेजने की तैयारी चल रही है, कोई व्यवस्था नही, सुबह 6 बजे सभी बुला लिए गए, चार लोग माइक सम्हाले हुए हैं और परस्पर विरोधाभास वाला बयान मंच से जारी कर कर के संशय की स्थिति बनाए हुए हैं, कोई बगैर इवीएम लिए बूथ पर जाने का निर्देश दे रहा है इस निर्देश के साथ कि सेक्टर मजिस्ट्रेट बूथ पर पंहुचा देंगे, वहीं दूसरे उद्घोषक का कहना है कि बगैर इवीएम लिए कोई नही जायेंगे, पुनः एक उद्घोषक कहते हैं कि पीठासीन पदाधिकारी लॉग बुक ले लेंगे, और दुसरे उद्घोषक कहते हैं ये वाहन के चालक लेंगे,

एक उद्घोषक कहते हैं महिला कर्मियों को सम्मानित करके भेजेंगे वहीं दूसरी ओर अब तक पिछले पांच घंटे में वर्तमान में 42° तापमान और 58% आर्द्रता पर अभी तक किसी भी महिला कर्मी को इवीएम नहीं मिला है, पैसा बांटने वाला झोला लेकर भाग गया है क्या ऐसा बयान मंच से आ रहा है, दुखद और पीड़ादाई, ऐसे में तो हो गया मतदान।

झारखण्ड हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अवनीश रंजन मिश्र के इन दो संवादों ने राज्य निर्वाचन आयुक्त के रवि कुमार की उन सारी संवादों की पोल पट्टी खोलकर रख दी है, जो उन्होंने पिछले कई दिनों से संवाददाता सम्मेलन में बेहतर व्यवस्था करने की बातें कही थी। अवनीश रंजन मिश्र ने जिन-जिन बातों की ओर इशारा किया है, वो भी प्रमाण के साथ और अगर यही स्थिति सभी मतदान केन्द्रों की हैं तो सही में हो गया मतदान और बन गया लोकतंत्र। यह मामला तो साफ बता रहा है कि हाथी के दांत दिखाने के कुछ और, और खाने के कुछ और।