जनहित याचिका लड़ैया भाजपा नेता अनुरंजन अशोक को नहीं मिल रहा बॉडीगार्ड, न तो राज्य सरकार और न ही केन्द्र सरकार उन्हें कर रही मदद, दुखी अनुरंजन अशोक ने विद्रोही24 को सुनाया दुखड़ा
भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता है – अनुरंजन अशोक। ये कभी मोदी मिशन से भी जुड़े रहे हैं। मोदी व शाह के खिलाफ इनके सामने अगर आप कुछ बोलेंगे तो ये बर्दाश्त नहीं करेंगे। भ्रष्टाचार मुद्दे पर मुखर भी रहते हैं। पीआइएल तो इनके पॉकेट में रहता है। जरा कही कुछ मिला नहीं, कि ये पीआइएल दाग देते हैं। ये पीआइएल दागने में कोई कंजूसी नहीं करते, इनका बस चले तो अपने परिवार पर भी एक-दो पीआइएल दाग दें।
इन्हीं सभी कारणों से लोग इन्हें झारखण्ड का सुब्रह्मण्यम स्वामी भी कहते हैं। बेचारे इन दिनों बहुत दुखी है। दुखी होने का कारण भी है। कई बार कई लोगों के खिलाफ जन-हित याचिका दायर करने के कारण लोग इनसे बेहद खफा है। कई बार इन पर हमले भी हो चुके हैं। पत्थरबाजी भी हो चुकी है। जान से मारने की धमकियां भी मिल चुकी है। जिसका वे विभिन्न थानों में प्राथमिकी भी करा चुके हैं।
चूंकि धमकी बार-बार मिल रही है। इसलिए उन्होंने भारत सरकार के गृह मंत्रालय को आवेदन दिया कि वे अपनी ओर से राज्य सरकार के विभागीय अधिकारियों को कहें कि उन्हें अंगरक्षक उपलब्ध करायें। लेकिन केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने भी ऐसा दांव-पेंच घुमाया कि बेचारे को अंगरक्षक मिलने से रही। इन्हीं सभी कारणों से बेचारे अनुरंजन अशोक दुखी है।
उनका कहना है कि सरकार किसी की भी रहे, चाहे अपना हो या पराया, जो सही लोग हैं, उसे ऐसी हालात में मरना ही है। कहने को लोग भ्रष्टाचार-भ्रष्टाचार की बात करते हैं। लेकिन सच्चाई है कि जो भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा होता है। लड़ता है। उसे न तो अपनी पार्टी सम्मान देती है। न कोई पद देती है और जब कही से खतरा होता है तो बॉडीगार्ड देने में भी लोगों की नानी मरती है। ऐसे में तो हमारे जैसा आदमी क्या करेगा। लड़ते-लड़ते मर जायेगा।