योगदा भक्तों व संन्यासियों ने योगदा आश्रम रांची में मिलकर मनाया महावतार बाबाजी स्मृति दिवस का स्मरणोत्सव
योगदा सत्संग परंपरा के परमगुरुओं में से एक महावतार बाबाजी के स्मृति दिवस का स्मरणोत्सव आज योगदा आश्रम रांची में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। योगानन्दजी के दुनिया-भर में क्रियायोग के प्राचीन विज्ञान का प्रसार करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर निकलने से पहले सन 1920 में इसी दिन महावतार बाबाजी ने परमहंस योगानन्दजी को आशीर्वाद देने के लिए कोलकाता में उनके पैतृक घर पर दर्शन दिए।
स्मरणोत्सव का प्रारंभ सुबह स्वामी धैर्यानंद गिरि द्वारा संचालित डेढ़ घंटे के विशेष ऑनलाइन सामूहिक ध्यान से हुई जहाँ उन्होंने विश्व की सर्वाधिक प्रशंसित आध्यात्मिक पुस्तकों में से एक “योगी कथामृत” के कुछ अंश पढ़े। जिसमें बताया गया कि कैसे महावतार बाबाजी ने परमहंस योगानन्दजी को पश्चिम में क्रिया योग के प्राचीन विज्ञान के प्रसार के उनके विश्वव्यापी मिशन के लिए आशीर्वाद देने के लिए दर्शन दिए। इस विशेष ध्यान में भारत के विभिन्न हिस्सों से भक्तों ने भाग लिया।
उस के बाद फिर सुबह 9:30 से 11:30 बजे तक स्वामी शंकरानंद ने अन्य संन्यासियों के साथ भक्ति संकीर्तन किया। जिसमें गुरु पूजा के दौरान कार्यक्रम में भाग लेने वाले भक्त शामिल हुए। संकीर्तन के बाद वहां उपस्थित भक्तों व सन्यासियों को प्रसाद वितरित किया गया। इस विशेष दिन का समारोह शाम को स्वामी निर्मलानंद गिरि द्वारा संचालित तीन घंटे लंबे ध्यान के साथ समाप्त हुआ जहां उन्होंने भी महावतार बाबाजी के बारे में “योगी कथामृत” से कुछ अंश पढ़े।