भाजपा विधायकों के हंगामे के कारण आज भी प्रश्नकाल बाधित रहा, इधर सत्ता पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को मिली राहत पर भाजपा नेताओं से माफी मांगने को कहा
आज एक बार फिर सदन में जोरदार हंगामा हुआ। हंगामा उस वक्त हुआ जब प्रश्न काल के दौरान नीलकंठ सिंह मुंडा छात्रों को पुस्तक अब तक नहीं उपलब्ध होने का सवाल सदन में रख रहे थे। जिसका उत्तर शिक्षा मंत्री बैजनाथ राम देने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने सत्ता पक्ष के विधायकों के उपर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि अभी मुख्यमंत्री न्यायालय से बरी नहीं हुए हैं, अभी सिर्फ उन्हें जमानत मिली है।
फिर क्या था, सत्ता पक्ष उनके इस टिप्पणी पर भड़क उठा और हंगामा खड़ा कर दिया। इधर सत्तापक्ष के लोगों को हंगामा करता देख, भाजपा के लोग भी वेल में आकर उधम मचाने लगे। भाजपा विधायकों ने नारा लगाना शुरु किया। मुस्लिम तुष्टिकरण नहीं चलेगी, हेमन्त सरकार मुर्दाबाद, ये सरकार निकम्मी है, ये सरकार बदलनी है। हालांकि इस हंगामे के बीच भी स्पीकर रवीन्द्र नाथ महतो ने सदन चलाने की भरपूर कोशिश की और दूसरा सवाल उठाने को विनोद कुमार सिंह का नाम पुकारा।
लेकिन शोर इतना था कि विनोद कुमार सिंह का सवाल उस शोर में ही दब गया। स्थिति में कोई सुधार नहीं होता देख, स्पीकर ने सदन 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। आज सदन शुरु होते ही विधायक प्रदीप यादव ने कल सुप्रीम कोर्ट द्वारा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को मिली राहत पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर आभार जताते हुए भाजपा के नेताओं से अपने किये के लिए कान पकड़कर माफी मांगने को कहा।
इसके तुरन्त बाद झामुमो विधायक सुदिव्य सोनू ने भी दुहराया कि उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय ने यह साबित कर दिया कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन निर्दोष है। इसलिए भाजपा नेताओं को इस पर माफी मांगनी चाहिए। जब 12.30 बजे फिर से सदन शून्य काल के साथ प्रारंभ हुआ। उस वक्त भी कमोबेश स्थिति यही थी। ऐसा लग रहा था कि भाजपा विधायक सदन को चलने देने के मूड में नहीं थे। स्थिति को बिगड़ता देख आसन ने सदन को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।