कल की घटना से गुस्साए सत्तापक्ष ने स्पीकर से विपक्ष के 18 विधायकों के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई करने की मांग की और उधर स्पीकर ने उन्हें कल दो बजे तक के लिए किया निलंबित
आज सदन में वहीं हुआ, जिसकी संभावना थी। सत्ता पक्ष पहले से ही तय कर रखा था कि जिन भाजपा विधायकों ने कल सदन में बवाल काटी है। उन्हें सबक सिखायेंगे। इसी के तहत आज जैसे ही सदन शुरु हुआ। झामुमो के सुदिव्य सोनू ने यह मामला उठा दिया। उन्होंने सदन में कहा कि कल विपक्ष द्वारा जो आचरण किया गया है। वो आसन के साथ धृष्टता है। विपक्ष ने आसन की गरिमा को धूमिल करने का प्रयास किया है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के द्वारा सदन को हाईजैक करने का भी प्रयास किया गया। ये सारी घटना लोकतंत्र के लिए काला अध्याय है। इन सभी ने विधानसभा को बंधक बनाने का प्रयास किया है। इसलिए अध्यक्ष से वे अनुरोध करेंगे कि जिन विधायकों ने इस प्रकार का आचरण किया। उनके खिलाफ वे विधिसम्मत कार्रवाई करें। सुदिव्य सोनू के इस बयान के बाद सदन में फिर हंगामा हुआ। भाजपा विधायक बेल में आ गये।
आज स्पीकर भी कल की घटना से गुस्से में थे। वे आसन से उठे और सभी को अपने स्थान पर जाने को कहा। उन्होंने कहा कि विशेषाधिकार के मामले में ये सभा सर्वोच्च है और वे निम्नलिखित विधायकों को कल अपराह्न दो बजे तक के लिए सदन से निलंबित करते हैं। जिन विधायकों को निलंबित किया गया। उनके नाम इस प्रकार है – अनन्त ओझा, रणधीर प्रसाद सिंह, नारायण दास, अमित कुमार मंडल, नीरा यादव, किशुन कुमार दास, केदार हाजरा, विरंची नारायण, अपर्णा सेन गुप्ता, राज सिन्हा, कोचे मुंडा, भानु प्रताप शाही, समरी लाल, सीपी सिंह, नवीन जायसवाल, शशिभूषण मेहता, आलोक चौरसिया और पुष्पा देवी।
इस घोषणा के बाद सदन 12. 30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। जब सदन प्रारंभ हुआ। तब नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी, नीलकंठ सिंह मुंडा और आजसू नेता सुदेश महतो ने स्पीकर से इस पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया। इन सभी ने कहा कि विपक्ष को सरकार से सवाल पूछने और उस पर अपना विरोध करने का अधिकार है। इस विरोध पर अगर ऐसे निर्णय लिये जायेंगे तो फिर लोकतंत्र कैसे चलेगा। स्पीकर ने सुदेश महतो की बातों पर विचार करने की बात कही।