राजनीति

भाजपा विधायकों ने स्पीकर रवीन्द्रनाथ महतो के खिलाफ झारखण्ड विधानसभा के प्रभारी सचिव को लिखा पत्र, स्पीकर पद से हटाने की मांग, साथ ही मानहानि का मुकदमा दायर करने की भी बात कही

भारतीय जनता पार्टी से संबंधित सभी विधायकों ने आज झारखण्ड विधानसभा के प्रभारी सचिव को एक पत्र लिखा है, जिसमें इस बात का जिक्र है कि झारखण्ड विधानसभाध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो को उनके पद से हटाया जाये। भाजपा विधायकों ने उन पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं तथा इन आरोपों में कहा गया है कि विधानसभाध्यक्ष ने अपने पद के अनुरुप अब तक किसी भी कार्यों का निर्वहन नहीं किया। भाजपा विधायकों ने विधानसभाध्यक्ष के खिलाफ सक्षम न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दायर करने की भी बात कही हैं। पत्र इस प्रकार है।

सेवा में,

प्रभारी सचिव, झारखण्ड विधानसभा, रांची।

झारखण्ड विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियम 158 (1) के तहत झारखण्ड विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष को उनके पद से हटाने के लिए निम्न संकल्प की सूचना देते हैं –

“झारखण्ड विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष ने अपने पद का विवेकपूर्ण उपयोग नहीं करते हुए भाजपा के 18 विधायकों को हेमन्त सरकार के इशारे पर निलंबित किया, जो निम्न हैं – अनन्त ओझा, रणधीर प्रसाद सिंह, नारायण दास, अमित कुमार मंडल, नीरा यादव, किशुन कुमार दास, केदार हाजरा, विरंची नारायण, अपर्णा सेन गुप्ता, राज सिन्हा, कोचे मुंडा, भानु प्रताप शाही, समरी लाल, सीपी सिंह, नवीन जायसवाल, शशिभूषण मेहता, आलोक चौरसिया और पुष्पा देवी।

झारखण्ड विधानसभा के फुटेज से स्पष्ट है कि नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने दिनांक 31 जुलाई 2024 को सदन शुरु होते ही युवाओं एवं संविदाकर्मियों के विषय पर चर्चा करवाने एवं मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से जवाब दिलवाने का आग्रह किया था और यह भी बता दिया था कि यदि रात को भी रुकना पड़े तो भी हम तैयार है। लेकिन बिना मुख्यमंत्री का जवाब सुने हमलोग नहीं जायेंगे।

झारखण्ड विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष ने अपने पद का निष्पक्ष रुप से उपयोग नहीं किया और मुख्यमंत्री के हित की रक्षा करते हुए सरकार के इशारे पर झामुमो के एक विधायक सुदिव्य कुमार के द्वारा लाये गये निलंबन प्रस्ताव पर भाजपा विधायकों को निलंबित किया हैं, जबकि अमूमन इस प्रकार का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री सदन में लाते हैं तथा इसके पूर्व कार्यमंत्रणा समिति की बैठक होती है, जो नहीं हुआ।

झारखण्ड विधानसभा के अध्यक्ष ने अपने पद का सही रुप से निर्वहन नहीं करते हुए करीब पांच वर्ष अध्यक्ष की भूमिका में कम झामुमो के कार्यकर्ता के रुप में ज्यादा कार्य किया। इसका प्रमाण है कि विधानसभाध्यक्ष रहते 2024 के लोकसभा चुनाव में दुमका लोकसभा क्षेत्र में झामुमो का झंडा लगाकर झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन के पक्ष में चुनाव प्रचार किया।

झारखण्ड विधान सभा के वर्तमान अध्यक्ष ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए जब झारखण्ड उच्च न्यायालय ने बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिह्नित कर वापस भेजने की लिए कार्य योजना शीघ्र बनाने का निर्देश हेमन्त सरकार को दिया था, दुर्भाग्य से विधानसभाध्यक्ष ने उच्च न्यायालय को भी नहीं बख्शा तथा उच्च न्यायालय की भी आलोचना करते हुए सार्वजनिक रुप से कहा कि झारखण्ड में बांग्लादेशी घुसपैठियों का कोई मामला नहीं है।

झारखण्ड विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष ने अपने पद पर रहते हुए लगभग चार वर्ष तक भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी सहित कई भाजपा विधायकों को पूर्वाग्रह से ग्रसित रहकर सदन के अंदर बोलने तक नहीं दिया तथा कई विधायकों को पूरे सत्र के दरम्यान एक बार भी ध्यानाकर्षण की सूचना ग्रहण नहीं किया है।

झारखण्ड विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष ने अपने पद पर रहते हुए लगातार केन्द्र सरकार की आलोचना की, यहां तक की भाजपा के गोड्डा सांसद के व्यक्तिगत बयान की भी सदन में चर्चा करा झामुमो एवं कांग्रेस क विधायकों को भी उकसाने का काम किया। झारखण्ड विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष ने अपने पद पर रहते हुए भाजपा विधायकों पर झूठा आरोप लगाया कि भाजपा विधायकों ने महिला एवं पूरुष मार्शलों के साथ दुर्व्यवहार किया है। इससे दुखी होकर हम सभी भाजपा विधायक सक्षम न्यायालय में विधानसभा अध्यक्ष के विरुद्ध मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।

झारखण्ड विधानसभा के अध्यक्ष ने अपने पद पर रहते हुए नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी एवं अन्य विधायकों द्वारा युवाओं को पांच लाख नौकरी तथा स्नातकों को पांच हजार रुपये तथा स्नातकोत्तरों को सात हजार रुपये का बेरोजगारी भत्ता, पारा शिक्षक, सहायक पुलिस, होम गार्ड, आंगनवाड़ी सेविका, सहायिका एवं  रसोइया, पारा मेडिकल कर्मी, मनरेगाकर्मी, पंचायतकर्मी सहित कार्यरत सभी अनुबंध कर्मियों को 2019 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन द्वारा परमानेन्ट करने का एवं उनकी समस्त मागों को पूरी करने का झूठा वायदा किया गया था। उन्हीं वायदों को याद करते हुए भाजपा विधायक मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से सदन में जवाब चाह रहे थे, बजाय जवाब दिलवाने के विधानसभाध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष के साथ रुखा, कड़ा एवं दुर्व्यवहार किया, जो विधानसभा के सीसीटीवी फूटेज में देखा जा सकता है।

उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि झारखण्ड विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष अपने पद एवं संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करने में असफल रहे हैं तथा झारखण्ड विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्यसंचालन के अनुरुप सभा कार्य का संचालन एवं निष्पादन सम्यक रुप से नहीं कर रहे हैं। अतः झारखण्ड विधानसभा के वर्तमान अध्यक्ष को उनके पद से हटाया जाये।”

इसके बाद नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी व बाबूलाल मरांडी समेत सभी अन्य भाजपा विधायकों के हस्ताक्षर हैं।