अपनी बात

ये सारे फोटो भाजपा के झारखण्ड में पतन की सारी कहानी बयां कर रहे हैं, अगर यही रवैया भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं का जारी रहा तो ये नेता प्रतिपक्ष का दावा भी सदन में पेश नहीं कर पायेंगे

मैं सही कह रहा हूं। ये सारे फोटो भाजपा के झारखण्ड में पतन की सारी कहानी बयां कर रहे हैं, अगर यही रवैया भाजपा के शीर्षस्थ नेताओं का जारी रहा तो ये नेता प्रतिपक्ष का दावा भी सदन में पेश नहीं कर पायेंगे, मतलब इनको इतनी भी सीटें नहीं मिलेंगी कि झामुमो वाले इन्हें नेता प्रतिपक्ष की सीट भी इन्हें सौंप सकें। ये भाजपा के लोग दरअसल स्थिति को अभी तक भांप नहीं पाये हैं।

 

ये समझ रहे है कि लोकसभा में जैसे इन्होंने 14 में से आठ सीटें जीत ली हैं तो ये विधानसभा में भी कम से कम सत्ता तक पहुंचने तक की सीटें जीत लेंगे। लेकिन सच्चाई यही है कि ये मुंगेरी लाल के हंसीन सपने के सिवा कुछ नहीं हैं। ऐसे भी मुंगेरी लाल के हंसीन सपने देखने का भाजपा के सभी नेताओं को अधिकार है। इधर देखा जा रहा है कि जब से झारखण्ड में विधानसभा चुनाव का सह प्रभारी असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्वा सरमा को बनाया गया है।

 

ये कुछ झारखण्ड में ज्यादा ही सक्रिय दिख रहे हैं। लेकिन इन्हें नहीं पता कि इसी दरम्यान वे कुछ ऐसी भी गलतियां कर दे रहे हैं, जो भाजपा के लिए कब भारी पड़ जा रहा हैं, उन्हें पता नहीं। ऐसे तो इस न्यूज के दौरान जिन-जिन भाजपा के महान आत्माओं के फोटो दिख रहे हैं, उनकी झारखण्ड में कितनी बड़ी राजनीतिक हैसियत हैं। वो तो सबको पता है।

 

लेकिन इनकी इन्हीं सभी हरकतों ने धीरे-धीरे भाजपा का दीया बुझाने का सारा प्रबंध कर लिया है। राजनीतिक पंडित कहते है कि जिनके घर पर ये हिमंता विश्वा सरमा सुस्वादु भोजन का आनन्द ले रहे हैं। राजनीतिक परिचर्चा कर रहे हैं। कभी ये पता लगाने की कोशिश की कि इनकी राजधानी रांची या पूरे झारखण्ड में क्या प्रभाव है और जब ये इतने ही प्रभावशाली है तो इस प्रभाव को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भाजपावालों ने भाजपा झारखण्ड के सोशल साइट पर इन सारे फोटों को क्यों नहीं डाला।

 

ये फोटो और इस प्रकार के विजयूल इस फोटों में दिख रहे खास लोगों ने ही अपने सोशल साइट पर किसे प्रभाव में लाने के लिए डाला। इससे लाख गुणा तो अच्छा तो झामुमो और उसके कार्यकारी अध्यक्ष – हेमन्त सोरेन हैं। जिन्होंने इन सबसे उलट अपने लक्ष्य की ओर फोकस करते हुए अपने कार्यकर्ताओं की ओर विशेष ध्यान दे रखा है। लेकिन ये कर क्या रहे हैं। जो कार्यकर्ता नाराज है।

उनकी नाराजगी को दूर करने पर इनका ध्यान नहीं, तो ध्यान किन पर हैं, तो जिनकी नजर विधानसभा चुनाव में भाजपा का टिकट लेने की है तथा भाजपा से अपने हक में अपनी पस्त हालत को ठीक करवाने की है, ताकि वे फिर से झारखण्ड में खड़ा हो सकें और अपनी पुरानी ताकत को हासिल कर, उन सारी मर्यादाओं को तोड़ दें, जिन मर्यादाओं को ये तोड़ने के लिए जाने जाते रहे हैं।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो भाजपा के हिमंता विश्वा सरमा ने इस प्रकार की रात्रि भोज में चुपके से शामिल होने की कलाबाजी शुरु कर और उसमें भाजपा के स्थानीय शीर्षस्थ नेताओं को शामिल कर, नेता प्रतिपक्ष और महान भाजपा संत एवं मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक को शामिल कर भाजपा का सत्यानाश कर डाला है। उन्हें नहीं पता कि इसकी कितनी तीखी प्रतिक्रिया भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं और समर्पित कार्यकर्ताओं में हुई हैं।

एक भाजपा के ही सक्रिय समर्पित कार्यकर्ता ने विद्रोही24 को कहा कि ये सारे फोटो जो स्वार्थी तत्वों द्वारा अपने सोशल साइट में डाले गये हैं और जिसे रील बनाकर भी वायरल किया गया है, वो बताने के लिए काफी है कि भारतीय जनता पार्टी झारखण्ड में किधर जा रही हैं और भाजपा आनेवाली विधानसभा चुनाव में किस स्थान पर रहेगी।