अपनी बात

धनबाद भाजपा में नई सूची जारी होते ही बवाल, एक भाजपाई ने शीर्ष नेताओं को अपने संवाद से मारी करारी चपत, कहा सेनापति शेर है तो संघर्ष, और अगर गधा है तो हमेशा भागना सिखायेगा

धनबाद भाजपा जिलाध्यक्ष श्रवण राय यादव ने कल जिला पदाधिकारियों व मंडल अध्यक्षों की सूची जारी की और इधर सूची जारी होते ही भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं ने बवाल करना शुरु कर दिया। भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं का बवाल  देखना है, तो ज्यादा  दूर आपको कही जाने की जरुरत नहीं, बस सोशल साइट फेसबुक का रुख करिये, आपको सब कुछ समझ में आ जायेगा।

कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस पर आपत्ति जारी करते हुए कहा कि यह सूची धनबाद के दबंग भाजपा सासंद ढुलू महतो और स्थानीय विधायक के इशारों पर तैयार की गई है। जिसका खामियाजा आनेवाले विधानसभा चुनाव में इन्हीं को भुगतना पड़ेगा। एक कार्यकर्ता ने गुस्से में कहा कि भाजपा के इतिहास में यह पहली सूची तैयार हुई हैं, जिसमें न तो कोई कुर्मी हैं और नहीं मारवाड़ी।

मतलब साफ है कि यह सूची कुर्मीविहीन और मारवाड़ीविहीन तैयार की गई है, जबकि धनबाद में जो लोग राजनीति में हैं, वो अच्छी तरह जानते है कि धनबाद में रहकर कुर्मी जाति और मारवाड़ी को नजरदांज करना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना है। राजनीतिक पंडित तो साफ कहते है कि धनबाद में 17 मंडल है और उनमें से एक मंडल अध्यक्ष को तो प्रोन्नति दे दी गई, जिसे प्रोन्नति दे दी गई है, उसका नाम शेखर सिंह है, जो महुदा के मंडल अध्यक्ष थे, जिन्हें जिला उपाध्यक्ष बनाया गया है।

बाकी सारे मंडल अध्यक्षों को बेदर्दी से हटा दिया गया है। जिसका दर्द इन मंडल अध्यक्षों के चेहरे पर साफ दिख रहा हैं। ये चुपचाप भाजपा के स्थानीय और शीर्ष नेताओं को सबक सिखाने की रणनीति में अभी से जुट चुके हैं। राजनीतिक पंडित कहते है कि पूर्व की सूची में कुर्मी जाति से सुरेश महतो और पूनम महतो के नाम थे, लेकिन इस बार की सूची से ये दोनों नाम गायब है और न ही किसी अन्य कुर्मी नेताओं को इनके स्थान पर लिया गया है।

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि कमाल तो यह है कि जिस परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप है, उस परिवार से दो-दो व्यक्ति को पद थमा दिया गया है। बाप प्रदीप मंडल को जिला कोषाध्यक्ष और बेटा नित्यानन्द मंडल को भाजयुमो का जिलाध्यक्ष बना दिया गया है। ये वहीं नित्यानन्द मंडल है, जिन पर आयुष्मान भारत योजना में घोटाले के आरोप है।

खुद भाजपा के ही जिलाध्यक्ष पर SC-ST एक्ट के तहत केस चल रहा हैं और इन पर हत्या के आरोप का भी केस है। धनेश्वर महतो जो जिला के महामंत्री बनाये गये हैं, वे खुद ढुलू महतो के सजातीय है, न कि कुर्मी महतो, ये जाति के तेली है। प्रियंका देवी जिन्हें जिला मंत्री बनाया गया है, उनके पति पर भी जालसाजी व धोखाधड़ी के मामले दर्ज है।

और अब भाजपा के जिम्मेवार कार्यकर्ता व प्रमुख चेहरा सोशल साइट पर क्या लिख रहे हैं, उसे देखिये। टुन्ना सिंह बरटाड़ मंडल भाजपा के महामंत्री है, ये लिखते है कि समुद्र जब शांत रहे तो यह मत समझना की भाटा नहीं आयेगा। जयंत सिंह चौधरी भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष लिखते है राजनीति का उद्देश्य चुनाव जीतना होता है, चुनाव अभी बाकी है …।

कृष्णा अग्रवाल मारवाड़ी जिला सम्मेलन के अध्यक्ष लिखते है मारवाड़ी विहीन धनबाद जिला, भाजपा सबका साथ, सबका विकास की जय हो। आनन्द बिरु सिंह लिखते है कि सेनापति अगर शेर रहेगा तो हमेशा संघर्ष सिखायेगा और अगर गधा रहेगा तो हमेशा भागना ही सिखायेगा। सपन कश्यप लिखते है रामचंद्र कह गये सिया से, ऐसा कलयुग आयेगा, हंस चुगेगा दाना तुनका कौवा मौती खायेगा।

कैलाश गुप्ता ओबीसी मोर्चा के जिला पदाधिकारी लिखते है कि क्या एक ही घर में धनबाद भाजपा का दो-दो पद दे दिया जायेगा, क्या धनबाद भाजपा में कार्यकर्ताओं की कमी है। अनिल शर्मा जो कल तक आईटी जिला संयोजक थे, जिन्हें बिना कारण के कल हटा दिया गया। वे लिखते है कि गणेश परिक्रमा के साथ-साथ मुद्रा शक्ति प्रभावी रहा। भाजपा के ही वरिष्ठ नेता शैलेश सिंह चंद्रवंशी लिखते है कि कांग्रेस की दुर्गति का मुख्य कारण आंतरिक लोकतंत्र का अभाव और ऊपर से थोपने की प्रक्रिया रही है और अब भाजपा भी उसी राह पर अग्रसर है।