इधर धनबाद के धैया में भाजपा विधायक राज सिन्हा ने जल सत्याग्रह शुरु किया और उधर इनसे चिढ़े कार्यकर्ताओं ने कड़ी टिप्पणी करते हुए राज सिन्हा को जलसमाधि लेने की सलाह दे डाली
धनबाद के धैया स्थित मंडल बस्ती में जल जमाव से परेशान स्थानीय लोगों को देखते हुए, धनबाद के भाजपा विधायक राज सिन्हा आज वहीं जल सत्याग्रह पर बैठ गये। जैसे ही वे जल सत्याग्रह पर बैठे, उनके ही पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उन्हें निशाने पर ले लिया, एक ने टोंटिंग कसते हुए कहा कि धनबाद के लोकप्रिय बाबू आज जल सत्याग्रह कर रहे हैं, उन्हें तो जल समाधि ले लेना चाहिए।
आश्चर्य इस बात की है कि धनबाद के भाजपा विधायक के इस जल सत्याग्रह की सभी प्रशंसा कर रहे हैं। यहां तक की उनके कट्टर विरोधी पार्टी के कार्यकर्ता व नेता भी उनके इस जल सत्याग्रह की प्रशंसा करने से नहीं चूके पर भाजपा के कुछ कार्यकर्ता उनसे इस कदर चिढ़े हुए हैं कि उनकी (राज सिन्हा की) अच्छी बातें भी रास नहीं आ रही।
उन्हीं में से हैं एक अशोक सिन्हा। ये भाजपा के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं, वे राज सिन्हा के इस जल सत्याग्रह की कड़ी आलोचना करते हुए अपने फेसबुक पर लिखते है कि “धनबाद के लोकप्रिय बाबू जल सत्याग्रह कर रहे हैं। उन्हें जल समाधि ले लेना चाहिए। दस साल में कुछ किये नहीं, अब सामने चुनाव को देखकर नौटंकी कर रहे हैं नौटंकीबाज।”
जबकि इन्हीं के फेसबुक पर कई भाजपा कार्यकर्ता व अन्य सामाजिक कार्यों में रुचि रखनेवाले लोगों ने इनके इस टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए लिखा है कि राज सिन्हा तो जल सत्याग्रह पर भी बैठ गये, लेकिन आप बताइये कि कितने अन्य दलों के लोग हैं, जो ऐसा करने को तैयार है। अगर कोई सत्याग्रह कर रहा है या आंदोलनरत हैं, तो ऐसे लोगों पर कटाक्ष करने से बचना चाहिए।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो जब से भाजपा की नई जिला कमेटी बनी है और उस कमेटी से जब से पुराने कार्यकर्ताओं को साइड किया गया है। वे पुराने कार्यकर्ता इसके लिए राज सिन्हा को ही जिम्मेवार मान रहे हैं और उन्हें फूटी कौड़ी भी देखना पसंद नहीं कर रहे हैं। सूत्र बता रहे हैं कि ऐसा करनेवालों को हवा देने का काम स्थानीय धनबाद भाजपा के दबंग सांसद ढुलू महतो भी कर रहे हैं, क्योंकि जो नई कमेटी बनी है, बताया जाता है कि उनकी भी नहीं सुनी गई। केवल राज सिन्हा और प्रदेश मंत्री सरोज सिंह के कहने पर नई कमेटी बना दी गई। जिसको लेकर बवाल जारी है और उसका प्रभाव भाजपा के अन्य आंदोलनों पर भी पड़ रहा है।