राजनीति

भाजपा द्वारा शुरु की गई द्वेष की राजनीति व झारखण्डी हितों को नुकसान पहुंचानेवालों के खिलाफ झामुमो का कल झारखण्डी अधिकार मार्च राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने कहा है कि शुक्रवार, 23 अगस्त को झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का झारखण्डी अधिकार मार्च है और यह महज मार्च नहीं, बल्कि झारखण्डी हित को नुकसान पहुंचानेवालों के लिए चेतावनी है। हर झारखण्डी जाग चुका है, जिसका परिणाम है झारखण्डी अधिकार मार्च।

विनोद पांडेय का कहना है कि राज्य गठन के बाद 20 वर्ष तक केन्द्र शासित भाजपा की सरकार झारखण्ड की सत्ता का भोग करती रही। 2019 में जब झारखण्डी जनता ने भाजपा से सत्ता छीनकर एक युवा आदिवासी नेता हेमन्त सोरेन को सत्ता सौंपी तो भाजपा के लोग बौखला गये कि आखिर कैसे एक आदिवासी नेता सत्ता संभाल सकता है। यहीं से भाजपा ने द्वेष की राजनीति शुरु की।

उन्होंने कहा कि पहले तो सरकार गठन के बाद ये सरकार गिराने की जुगत में लगे रहे। लेकिन जब इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली तो राज्य के मुख्यमंत्री को झूठे आरोप में जेल में डाल दिया, क्योंकि केन्द्र में इनका शासन था और ईडी/सीबीआई जैसी संस्थाएं इनके इशारे पर कार्य करती थी। लेकिन सच की हमेशा जीत होती है। जननेता न्यायालय से बेदाग घोषित हुए।

उन्होंने कहा कि राज्य की जनता भी समझ गई, भाजपा के इस द्वेष की राजनीति को। वह जान गई झारखण्ड में कार्यरत महागठबंधन की सरकार ही सही मायनों में झारखण्डी हितों की संरक्षक है। विगत वर्षों में हुए उपचुनाव में जनता ने भाजपा को सबक सिखाने का काम किया। यहां के लोगों को उनके अधिकार देने के लिए संकल्पित महागठबंधन की सरकार ने हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखण्डी हित में कई निर्णय लिये हैं।

जबकि 20 वर्ष तक शासन करने वाली भाजपा की सरकार सरना आदिवासी धर्म कोड, 1932 आधारित स्थानीय नीति, पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण, नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज की अधिसूचना रद्द करने, वृद्धों को पेंशन देने, आदिवासी-मूलवासी को पहचान और हक-अधिकार देने के नाम पर झारखण्डियों से छल करती रही।

उन्होंने कहा कि आज जब एक आदिवासी जननेता हेमन्त सोरेन जनहित के कार्यों की बदौलत भारी पड़ गया तो भाजपा को पीड़ा हो रही है। हेमन्त सोरेन के प्रति इनके द्वेष को जन-जन तक पहुंचाने और भाजपा को उनका चाल और चरित्र हेतु राज्य की जनता झारखण्डी अधिकार मार्च के जरिये अपने-अपने जिला मुख्यालयों में एकजुट हो रही है। ताकि भाजपा का झारखण्डियों के प्रति षडयंत्र को जन-जन तक पहुंचाया जा सकें।