अपनी बात

कल गुमला तो आज रांची में भूचाल, चुटिया मंडल के कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा को कहा अलविदा, कहा अब किसी भी कीमत पर भाजपा से न जुड़ेंगे और न देंगे समर्थन

भाजपा दिन-प्रतिदिन रसातल में जा रही है। लेकिन भाजपा प्रदेश कार्यालय में बैठे भाजपा कार्यकर्ताओं के बल पर तरमाल खा रहे व भाजपा का असली फायदा उठाकर राज्यसभा व लोकसभा तथा विधानसभा में मौज कर रहे तथा संगठन में उच्च पदों पर बैठे नेताओं के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। पता नहीं दिल्ली में बैठे इनके संगठन के लोगों को क्या हो गया, जिन्हें यह सब दिख ही नहीं रहा।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं की टोलियां कब की भाजपा से आउट हो गई। जो बची थी, वो भी अब छोड़ने के अंतिम पायदान पर है। उनके पास दरअसल कोई विकल्प ही नहीं बचा। जो नये व शत प्रतिशत स्वार्थी लोग जो दूसरे दलों तथा अपने महत्वाकांक्षाओं को पूर्ण करने के लिए भाजपा में तिकड़म कर आये हैं। उन्होंने इस तरह भाजपा पर कब्जा जमा लिया कि भाजपा के पुराने कार्यकर्ताओं की शामत आ गई।

आज ही की घटना देखिये। भाजपा का सारा नेता चाहे वो विधायक हो या सांसद या अन्य, जब भी चुटिया आते तो विक्की सिंह के दुकान पर आना नहीं भूलते। विक्की सिंह चुटिया का जाना माना नाम है। आज भी इस युवा नेता के एक इशारे पर चुटिया में भाजपा कार्यकर्ताओं का महाजुटान हो जाता है। आज इसने खूलेआम सोशल साइट पर घोषणा कर दी कि उसने भाजपा को अलविदा कर दिया। लीजिये, उसका इतना कहना था कि चुटिया में खलबली मच गई।

लोगों का उसके दुकान पर आने का तांता लग चुका है। सभी दुखी है। कई कार्यकर्ता भी उसके यहां पहुंचे और उन्होंने भी भाजपा से खुद को अलग कर लिया। राजनीतिक पंडितों की मानें तो ये भाजपा के लिए बहुत बड़ा झटका है। अगर चुटिया मंडल में विक्की सिंह जैसा कार्यकर्ता नाराज होकर भाजपा को छोड़ रहा है, इसका मतलब अब भाजपा की नींव हिल चुकी है और भाजपा का रांची विधानसभा सीट पर जीत पाना अब टेढ़ी खीर होगा, क्योंकि चुनाव नेता नहीं, कार्यकर्ता लड़ता है और जब कार्यकर्ता ही नाराज होगा, तो भाजपा रांची सीट क्या जीतेगी, खाक?

हम आपको बता दें कि जिस दिन रांची महानगर की टीम ने चुटिया मंडल अध्यक्ष की घोषणा की थी। चुटिया के करीब 56 कार्यकर्ताओं ने लिखित रुप से इसकी शिकायत करने भाजपा प्रदेश कार्यालय आज से दो सप्ताह पूर्व पहुंचे थे और वहां भाजपा के प्रदेश संगठन कर्मवीर सिंह को अपना पक्ष रखा था। कर्मवीर सिंह ने इन गुस्साये कार्यकर्ताओं को कहा था कि वे उनकी बातों पर विचार करेंगे। उलटे कर्मवीर सिंह ने विचार तो नहीं किया, जिस मंडल अध्यक्ष की घोषणा की थी, उसे ही कन्टिन्यू कर दिया।

ज्ञातव्य है कि विक्की सिंह और अन्य कार्यकर्ताओं ने वर्तमान चुटिया मंडल अध्यक्ष के खिलाफ गंभीर शिकायत दर्ज कराई थी। लेकिन प्रदेश संगठन मंत्री व प्रदेश के अन्य नेताओं द्वारा उसकी बात अनसुनी कर दी गई। ऐसे में विक्की सिंह और अन्य कार्यकर्ताओं के पास कोई विकल्प नहीं था। विक्की सिंह ने तो खुलकर भाजपा को अलविदा कर दिया। इसका मतलब भाजपा चुटिया में बहुत कमजोर हो गई। रांची से भाजपा को अब सीट निकालने में मुश्किल होगी।