अपनी बात

दूध में गिरी मक्खी की तरह समर्पित कार्यकर्ताओं को निकालना भाजपा को पड़ेगा महंगा, धनबाद के विशाल ने भाजपा के प्रमुख नेताओं को टैग कर दागे सवाल, जिसका जवाब किसी के पास नहीं

पूरे प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच घमासान है। कोई ऐसा जिला या मंडल नहीं, जहां भाजपा में भूचाल न हो। लेकिन प्रदेश कार्यालय में बैठे प्रदेशस्तरीय पदाधिकारी इन भूचालों-घमासानों से दूर अपने-अपने कानों में चमेली का तेल डालकर सोये हुए हैं। शायद इन्हें लगता है कि भाजपा कार्यकर्ता तो उनके बंधुआ मजदूर हैं, जायेंगे कहां? अंत में उन्हें उनके पास ही आना होगा।

लेकिन राजनीतिक पंडितों की मानें तो अब भाजपा कार्यकर्ताओं में बहुत बदलाव हुआ है और ये बदलाव के कारण भी भाजपा के प्रदेशस्तरीय पदाधिकारी है, जिनकी मूर्खता ने भाजपा को बंटाधार की स्थिति में ले आया है। रांची में तो भाजपा के कई मंडलों में अब ये आग इस प्रकार पहुंच गई है कि अब कोई कार्यकर्ता भाजपा के बड़े अधिकारियों को भाव नहीं दे रहा।

यहीं कारण रहा कि रांची में 23 अगस्त को भाजपा की इतनी बड़ी रैली का कार्यक्रम होने के बावजूद रांची में पांच से सात हजार लोगों की ही भीड़ जुटी। हास्यास्पद स्थिति तो उस वक्त हो गई, जब बाबूलाल मरांडी प्रदेश अध्यक्ष भाषण दे रहे थे तो उस वक्त उनके मंच के सामने मात्र गिने-चुने लोग ही थे। कमाल की बात है। गुमला के तेजतर्रार भाजपा नेता भूपेन साहू जो दो-दो बार प्रदेश मंत्री रह चुके है, हजारों समर्थकों के साथ उसके दूसरे दिन ही भाजपा से अलग हो गये।

उधर दुमका में जिलाध्यक्ष गौरवकांत के खिलाफ मंडल के कार्यकर्ताओं ने बिगुल फूंक दिया है। धनबाद व जमशेदपुर की स्थिति तो और दयनीय है। इसी बीच धनबाद के जोरापोखर में रहनेवाले भाजपा के पदाधिकारी, किड्स एजेंल के प्राचार्य, सदस्य शांति समिति व रेलवे सलाहकार समिति सदस्य विशाल श्रीवास्तव ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधायक राज सिन्हा, जिलाध्यक्ष श्रवण राय, पूर्व सांसद पशुपतिनाथ सिंह, पूर्व सांसद रीता वर्मा, वर्तमान सजायाफ्ता दबंग सांसद ढुलू महतो को टैग करते हुए फेसबुक पर अपना दर्द बयां किया है।

विशाल श्रीवास्तव की बात पर ध्यान दें तो इसी प्रकार की मांगे पूरे प्रदेश के भाजपा कार्यकर्ताओं की है। अगर भाजपा के केन्द्रीय स्तर व प्रदेशस्तर के नेता उसकी बातों पर ध्यान देते हैं और पार्टी जो कि पूरी तरह से डिरेल्ड हो चुकी हैं। उसे पटरी पर लाना चाहते हैं तो विशाल की बातों पर ध्यान देना चाहिए।

नहीं तो पार्टी की जो स्थिति दीपक प्रकाश, आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा, कर्मवीर सिंह जैसे लोगों ने बना दी है। उससे नहीं लगता कि भाजपा नेता प्रतिपक्ष के लायक भी सीटें झारखण्ड में जीत पायेंगी। भाजपा के लिए स्थिति भयावह है। आइये देखिये। धनबाद के एक जमीन से जुड़े भाजपा कार्यकर्ता विशाल श्रीवास्तव ने क्या लिखा है? विशाल श्रीवास्तव के दर्द को काफी लोगों ने सराहा है और कमेन्ट्स करके उन्हें मजबूती भी प्रदान की है।

“चलो ये तो अच्छा है। प्रदेश के निर्देशानुसार केवल अध्यक्ष का परिवर्तन हुआ। बाकी टीम वही काम करेगी। लेकिन कब तक आगामी चुनाव तक। उसके बाद आप दूध की मक्खी की तरह निकाल कर फेक दिए जाओगे। जैसे महानगर के टीम के साथ हुआ। दूसरी तरफ नये मण्डल अध्यक्ष अपने साथ दो तीन संभावित नए महामंत्री लेकर घूम रहे है। उनका बनना लगभग तय है। लेकिन चुनाव तक उनको इंतजार करना है। क्या पता शायद नये नियम के अनुसार तीन या फिर चार महामंत्री बनाने का नियम आ जाए।

तीसरी तरफ राजगंज के अध्यक्ष को तीसरी बार मंडल अध्यक्ष बनाया गया और सिंदरी नगर के अरविन्द पाठक को दुसरी बार नगर अध्यक्ष बनाया गया। आम जन मानस सुन ले विरोध किस बात की है पार्टी के नियमानुसार एक परिवार से दो पद नही दिए जाने चाहिए। लेकिन हमारे महानगर में दो स्थानों पर ऐसा हुआ है।

यदि किसी की विदाई हो, तो सम्मान के साथ होना चाहिए। ये विरोध अपने लिए नहीं है केवल पार्टी के आदर्शो के लिये है। (1) क्या प्रदेश का निर्देश केवल धनबाद महानगर के लिए था कि सभी मंडल अध्यक्ष को बदल दिया जाए। (2) क्या प्रदेश का सभी नवनियुक्त मंडल अध्यक्षों से विशेष पहचान था या उन्ही को नियुक्त करने में कोई विशेष दिलचस्पी थी?

(3) क्या पूर्व के मंडल अध्यक्ष पार्टी के द्वारा प्रदत कार्यों को पूर्ण नहीं किए थे? या पार्टी के नियम के अनुसार धनबाद महानगर के लिए कोई विशेष प्रावधान है तो उसे प्रस्तुत किया जाए। (4) यदि सारा नियुक्ति प्रदेश द्वारा हुआ है, तो जो विवाद पार्टी के अंदर सुलग रहा है उसको समाप्त करने के लिए प्रदेश, जिला अध्यक्ष या फिर विक्षुब्ध लोगो से जवाब तलब क्यों नहीं कर रही है? या फिर धनबाद महानगर में विशेष बैठक क्यों नही कर रही है?

या फिर मान लिया जाए जो नियुक्ति हुई है उसमे कोई बहुत बड़ी चूक हुई है? मेरा निवेदन है कि पार्टी के पूर्व समर्पित पूर्व जिला अध्यक्ष, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक के साथ-साथ पार्टी के सभी विधायक, नवनियुक्त सांसद से इस विवाद को सही निपटारा के लिए उन सभी का सलाह के साथ के साथ मार्गदर्शन अवश्य लिया जाये।”