राजनीति

सरयू राय ने इन्दिरा नगर-कल्याण नगर मामले पर डा. अजय को दी चुनौती, कहा उनसे बहस करने से पूर्व सुबोध से बहस कर लें, जीतेंगे तो फिर उनसे बहस करें, रेफरी, स्थान, समय सभी उनका रहेगा

जमशेदपुर पूर्व के विधायक सरयू राय ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस के स्वनामधन्य नेता और जमशेदपुर पूर्व क्षेत्र से विधानसभा के स्वघोषित कांग्रेसी उम्मीदवार डॉ. अजय कुमार ने दो दिन पहले अख़बारों में बयान देकर उनसे मांग की थी कि हिम्मत है तो मैं पूर्व केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का वह पत्र सार्वजनिक करूं जिसे उन्होंने एनजीटी को लिखा है।

क़ायदे से तो यह पत्र अजय कुमार जी को सार्वजनिक करना चाहिए था क्योंकि इसी पत्र को आधार बनाकर उन्होंने अनर्गल आरोप लगाए थे कि श्री मुंडा ने भुईयांडीह की इन्दिरा नगर – कल्याण नगर बस्तियों के 150 मकानों को तोड़ने के लिए एनजीटी को पत्र लिखा है। चूंकि अजय कुमार ने श्री मुंडा का पत्र देखे बिना यह आरोप लगा दिया और इसमें मुझे भी शामिल कर लिया कि श्री मुंडा का मित्र होने के कारण मैं उन्हें बचा रहा हूँ। लिहाजा, आज अर्जुन मुंडा का वह पत्र सार्वजनिक कर रहा हूँ।

फेसबुक लाइव में श्री राय ने कहा कि यह पत्र अंग्रेज़ी में है। डॉ. अजय कुमार पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं। आइपीएस रहे हैं। टाटा मोटर्स समेत कई निजी कंपनियों में काम कर चुके हैं। वे इस पत्र का मज़मून आसानी से समझ सकते हैं। वे पत्र पढ़कर, समझकर बता दें कि इन्दिरा नगर – कल्याण नगर के घरों को तोड़ने की बात मुंडा जी के इस पत्र में कहाँ लिखा है? मुंडा जी ने पत्र में जो लिखा है उससे डॉ. अजय कुमार सहमत हैं कि नहीं, वे यह भी बताएँ कि मुंडा जी के पत्र में क्या नाजायज है?

श्री राय ने कहा कि डॉ. अजय कुमार ने जानबूझकर मुंडा जी का पत्र देखे बिना एनजीटी के एक आदेश में इसका उल्लेख होने के आधार पर बात का बतंगड़ बना दिया और अर्जुन मुंडा की नीयत पर संदेह खड़ा कर दिया। श्री राय ने कहा कि उन्हें (सरयू राय) नाहक इस कारण इसमें लपेट लिया कि मुंडा जी मेरे मित्र हैं। अब डॉ. अजय बताएँ कि उनके साथ मेरे व्यक्तिगत संबंध कितने घनिष्ठ रहे हैं। सबसे पहले वे मुझसे मिले थे तो कब, कहाँ, किस-किसके साथ और किसलिए मिले थे? उन्होंने तो मेरा पुतला तक फूंकवा दिया। संबंध का लिहाज़ भी नहीं किया।

श्री राय ने कहा कि उन्हें इस बात की ख़ुशी है कि वे उन पर मुंडा जी के मित्र होने के कारण उन्हें बचाने का आरोप लगा रहे हैं। पापी वोट का सवाल जो है। वोट के लिए अजय कुमार कितना नीचे गिरेंगे। उन्होंने कहा कि एनजीटी की कोलकाता बेंच के दिनांक 23 अगस्त 2024 के आदेश में अर्जुन मुंडा के पत्र का उल्लेख है। उसके पहले एनजीटी की दिल्ली बेंच के आदेश में उल्लेख है कि 23.8.2003 के इस पत्र में लिखा क्या है। इसके बावजूद डॉ. अजय भ्रम फैला रहे हैं कि मुंडा जी के पत्र में बस्तियों के घरों को तोड़ने के लिए कहा गया है। आज उस पत्र की प्रति सार्वजनिक कर रहा हूं। डॉ अजय अब भी सच्चाई स्वीकारेंगे या थेथरई करते रहेंगे? अब इन्हें डाक्टरेट इन थेथरोलोजी की उपाधि मिलेगी।

सरयू राय ने कहा कि सवाल है कि आखिर इन्दिरा नगर – कल्याण नगर के घरों को तोड़ने की नोटिस देने के लिए कौन ज़िम्मेदार है? एनजीटी की कोलकाता बेंच ने अपने आदेश दिनांक 30.01.2024 में एक संयुक्त जांच समिति बनाने का निर्देश दिया है। इस समिति ने दिनांक 13.03.2024 को प्रतिवेदन दिया, जिसे उपायुक्त पूर्वी सिंहभूम ने इस जांच समिति की रिपोर्ट शपथ पत्र पर एनजीटी के सामने पेश किया है। उसमें साफ-साफ लिखा है कि दोमुहानी से कपाली तक स्वर्णरेखा किनारे बने मकानों का सर्वे हुआ है। तब इन्दिरा नगर- कल्याण नगर के मकानों को नोटिस किसके आदेश से जारी हुआ? डॉ अजय को यह स्पष्ट करना चाहिए। उनकी पार्टी की सरकार में बैठा कौन यह सब करा रहा है? मुंडा जी के पत्र में तो बहुमंज़िला इमारतों का ज़िक्र है। फिर बस्तियों को किसने और किसके आदेश से जोड़ा?

श्री राय ने कहा कि एक और जांच समिति झारखंड सरकार ने बनायी है, जल संसाधन सचिव की अध्यक्षता में, इसने दोमुहानी से बालीगुमा नाला तक सर्वे किया है जो जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा के मानगो क्षेत्र में है। इसमें कितने लोगों को नोटिस मिली? मंत्री बन्ना गुप्ता अपने क्षेत्र के सर्वे पर क्यों चुप हैं? सरकारी तंत्र ने बढ़-चढ़ कर पक्षपात पूर्ण तरीक़े से बस्तियों को मकानों को तोड़ने के लिए चिन्हित किया है। उन्होंने पूछा कि क्या डॉ. अजय कुमार इसकी ज़िम्मेदारी लेंगे?  क्या यह मामला उन्होंने सरकार के उपायुक्त, मुख्य सचिव, मुख्य मंत्री के पास उठाया?  क्या उन्होंने प्रयास किया कि मुख्य सचिव द्वारा एनजीटी के समक्ष दिया जाने वाले शपथ पत्र में से बस्तियों के घरों को तोड़ने के बारे में यही स्थिति रखी जाए कि इन घरों को तोड़ना ज़रूरी नहीं है?

श्री राय ने कहा कि अजय कुमार को बस्तियों के घरों को टूटने से बचाने के लिए अपनी सरकार के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए। गलती आपकी सरकार ने की है। इसके लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराइए। हमारा पिंड छोड़िए। ढकोसला बंद करिए। उन्होंने कहा कि डॉ. अजय को ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे राजनीति शर्मसार हो। यह ठीक है कि आपके मुंह से चुनाव लड़ने के लिए लार टपक रहा है। आप लड़िए. आपका जो हश्र होगा, वह जनता बताएगी।

श्री राय ने जानना चाहा कि आखिर डॉ. अजय और बन्ना गुप्ता में क्या सांठगांठ है? बन्ना गुप्ता चुप क्यों हैं? मुझे लगता है, ये वोट के लिए किया जा रहा है। श्री राय ने कहा कि डॉ. अजय मुझसे बहस करना चाहते हैं। मैं कहता हूं कि आप पहले भाजमो के जिलाध्यक्ष सुबोध श्रीवास्तव से बहस कर लें। जीत जाएंगे तो मेरे पास आ जाइएगा। रेफरी आपका। स्थान आपका। समय भी आपका। फिर करिएगा मुझसे बहस।