राजनीति

पब्लिक डोमेन में मौजूद हनी ट्रेपिंग में रुचि रखनेवाले भाजपा नेताओं की मनोदशा व ओछी हरकतों को कौन नहीं जानता? राज्य पुलिस पर असम के CM हिमंता के बयान घृणित व निंदनीयः सुप्रियो

जिस प्रकार की बातें कल यानी बुधवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिश्वा सरमा ने की, ऐसी बातें कोई भी गंभीर व्यक्ति अज्ञानता में नहीं करेगा, ये निम्नस्तरीय बातें व पूर्वाग्रह जो उन्होंने दिखाया, वो संघीय ढांचे के लिए भी सही नहीं है कि किसी राज्य के पुलिस महकमे पर कोई राज्य सरकार का मुखिया इस प्रकार की बचकाना बातें करें। उपरोक्त बातें आज संवाददाता सम्मेलन में झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कही।

उन्होंने कहा कि दो साल पूर्व की बात है, असम में एक घटना घटी थी, मणिपुर पुलिस के साथ असम पुलिस की झड़प हो गई थी। स्थिति ऐसी हो गई कि दोनों के बीच फायरिंग की नौबत आ गई थी। एक दूसरे को अरेस्ट भी करने लगे थे। ये संघ का टकराव असम ने शुरु किया और इसे कल फिर दिल्ली की घटना को लेकर दुहराया गया।

उन्होंने कहा कि सभी इस बात को जानते है कि राज्य का मुख्यमंत्री हो या मंत्री जब उसका कही दौरा होता है तो उसके दौरे की सारी बाते तथ्यों और समयों के साथ सभी महत्वपूर्ण पदाधिकारियों को उपलब्ध हो जाता है, ताकि जो उन्हें सुरक्षा कवच मिलना चाहिए, वो उन्हें आसानी से उपलब्ध हो जाये तथा उनके कार्यक्रम में कोई बाधाएं उपस्थित न हो। इसका पूरे देश और राज्यों में प्रोटोकॉल तक बना हुआ है।

आज भी देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश/न्यायाधीश, राज्य के मुख्यमंत्री अथवा मंत्री, लोकसभाध्यक्ष या विधानसभाध्यक्ष सभी का प्रोटोकॉल के तहत वो सारी सुविधाएं उपलब्ध हो जाती है। यहां तक की किसी राज्य के मंत्री या मुख्यमंत्री दिल्ली जाते हैं तो वहां के स्थानिक तक को यह सूचना प्राप्त हो जाती है।

सुप्रियो ने कहा कि लेकिन कल जिस प्रकार का वाकया पेश हुआ, जैसे लगा कि भूचाल आ गया, प्रेस कांफ्रेस तक हो गये कि राज्य सरकार जासूसी करा रही है। जबकि जिनकी बात हो रही है, वे कल तक राज्य के मंत्री थे, पूर्व में मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं तो उनके हिसाब से उन्हें जो सुरक्षा कवच मिलना चाहिए, वो ही वहां भी मिला हुआ था। स्पेशल ब्रांच के अधिकारी जो उन्हें ड्यूटी मिली थी, वे तो अपना ड्यूटी करेंगे ही, उनकी इसकी कर्तव्यपरायणता की सराहना भी करनी होगी। ऐसे स्पेशल ब्रांच के अधिकारियों पर दूसरे राज्य के सीएम का आरोप घृणित के साथ-साथ निन्दनीय भी है। इस घटना की जितनी निन्दा की जाय कम है।

सुप्रियो ने कहा कि उन्होंने पहली बार देखा कि एक राज्य का मुख्यमंत्री दूसरे राज्य में चुनाव प्रभारी का काम देखता है। इस राजनीतिक काम के लिए अपने राज्य की सारी सुरक्षा व्यवस्था को झोंक देता है। सुप्रियो ने कहा कि हाल ही में असम पुलिस ने राज्य पुलिस मुख्यालय को एक पत्र भेजा कि उनके राज्य के मुख्यमंत्री राजनीतिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए झारखण्ड बार-बार जा सकते हैं, क्योंकि वे भाजपा के स्टार प्रचारक और वहां के चुनाव प्रभारी बनाये गये हैं। ऐसे में उन पर जो भी सुरक्षा व्यवस्था पर खर्च होगा। वो असम पुलिस खर्च करेगी। क्या ऐसा कभी हुआ था।

सुप्रियो ने कहा कि उसी वक्त उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री को कहा था कि यह सही नहीं है, केन्द्र सरकार या राज्य सरकार के किसी भी नेता का चुनाव प्रचार के लिए राजकीय कोष से खर्च वहन अत्यंत शर्मनाक है। ये सरकारी दस्तावेज सभी के पास उपलब्ध है। ये ओछी मानसिकता है। सुप्रियो ने कहा कि ये हनी ट्रेपिंग की बात करते हैं, मैं नाम नहीं लेना चाहता, ऐसे कई भाजपा नेता है, मीडिया की ओर इशारा करते हुए आपलोगों ने नहीं चलाया, जन प्रतिनिधि भी है, बड़े-बड़े राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के कारनामें पब्लिक डोमेन में हैं। इन्हें यही सूझता है, क्योंकि इनका दिल, इनकी मनोदशा, ऐसी ओछी हरकतों के कारण ही प्रसिद्ध है।