अपनी बात

भाजपा कार्यकर्ता गुस्से में, कह रहे उनके जिम्मे सिर्फ दरी बिछाने का काम, अब आठ में से पांच अन्य दल के नेता सत्ता के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं का लिख रहे तकदीर, कर रहे खिलवाड़

गत् 30 अगस्त को भाजपा ने प्रदेश मुख्यालय में प्रवासी कार्यकर्ता बैठक बुलाई थी। जिसको लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं की अब प्रतिक्रिया आने लगी है। भाजपा कार्यकर्ता खुद ही भाजपा के तथाकथित तारणहारों से सवाल पूछ रहे हैं कि बताओ क्या भाजपा के कार्यकर्ता अब सिर्फ दरी बिछाने के लिए रह गये हैं? कमाल है, सवाल पूछना चाहिए था, राज्य के विपक्षी दलों को, लेकिन ये काम भी अब भाजपा के कार्यकर्ता ही कर रहे हैं।

भाजपा के एक तेजतर्रार नेता है धनबाद के चुन्ना सिंह। उन्होंने सोशल साइट फेसबुक पर फोटो देकर इस प्रकार के सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा है कि भाजपा का नया स्वरुप, जिसे जनता ने नकारा, उसे भाजपा ने अपनाया। आठ में से पांच अन्य दल के नेता भाजपा के कार्यकर्ताओं का तकदीर लिख रहे हैं। निष्ठावान कार्यकर्ताओं के साथ सत्ता के लिए खिलवाड़ किया जा रहा है।

चुन्ना सिंह, अकेले नहीं है। इसी प्रकार का सवाल जमशेदपुर के सांसद प्रतिनिधि चंद्रशेखर मिश्र ने भी उठाया, जिसको लेकर विद्रोही 24 ने समाचार भी पिछले दिनों प्रकाशित किया था। चंद्रशेखर मिश्र ने तो साफ लिख दिया था कि क्या भाजपा में नेताओं की कमी हो गई हैं, और उसके बाद उनके पोस्ट पर कमेन्ट्स करनेवालों की बाढ़ आ गई, सभी ने पूछ डाला कि इम्पोर्टेड नेताओं से पार्टी को चलाने की जरुरत क्यों आन पड़ी है, क्या भाजपा में पड़े पुराने व नये कार्यकर्ता इस योग्य नहीं।

राजनीतिक पंडितों की मानें तो भाजपा दूसरे दलों के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने का लगातार प्रयास कर रही हैं, क्योंकि भाजपा को पता है कि वर्तमान में शक्तिशाली हेमन्त सोरेन और उनकी पार्टी को सत्ता से हटा पाना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है। हालांकि हवा बनाने के लिए भाजपा समर्थक पत्रकारों और अखबारों को मुंहमांगे उपहार देने का कार्यक्रम शुरु हो चुका है। देखना है तो अखबारों को भाजपा द्वारा दिये जा रहे विज्ञापन पर नजर डाल लीजिये।

राजनीतिक पंडित ये भी कहते है कि भाजपा के लोगों को लग रहा है कि चम्पाई और लोबिन उनको कोल्हान में बेड़ा पार करा देंगे। लेकिन उन्हें नहीं पता कि ये चम्पाई और लोबिन के भाजपा में आने से पूरे प्रदेश में भाजपा अब दरक चुकी है। भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ताओं का मोहभंग हो रहा है। जो नये-नये लोग दूसरे दलों से भाजपा में आ रहे हैं, उनके साथ आनेवाले कार्यकर्ता भी खुब गुल खिला रहे हैं। ताजा मामला धनबाद का ही है, जहां एक मारवाड़ी की जमीन पर भाजपा नेत्री ने 30 अगस्त को बवाल कर डाला, जिसके खिलाफ बरवाअड्डा में शिकायत भी दर्ज कराई जा चुकी है।

राजनीतिक पंडितों की मानें, तो यही हालात रहे तो विधानसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेन्द्र मोदी की सभा में भीड़ जुटाना मुश्किल हो जायेगा, सीट मिलना तो दूर की बात। नहीं तो भाजपा को रांची में युवा आक्रोश रैली का हश्र देख लेना चाहिए। भाजपा के नाम पर तो अब भाजपा के कार्यकर्ता आने से रहे। रही बात झामुमो की तो वो जहां चाहे, सभा कर लें, उसकी सभा में भीड़ उमड़नी तय है, क्योंकि सत्ता में रहकर उसने ऐसे-ऐसे निर्णय लिये हैं, जो भाजपा कभी ले ही नहीं सकती।