राजनीति

चुटिया के नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के बजाय, उन्हें औकात दिखाने का इरादा रखना भाजपा के प्रदेशस्तरीय नेताओं को पड़ सकता हैं महंगा, इस बार रांची सीट हाथ से निकल सकती है

भाजपा चुटिया मंडल में साई कॉलोनी स्थित मदन सिंह के आवासीय परिसर में स्थित हनुमान मंदिर प्रांगण में आगामी होनेवाली विधानसभा चुनाव की तैयारी के निमित एक बैठक हुआ। इस बैठक में चुटिया मंडल में सभी शक्ति केन्द्र प्रभारी, संयोजक, सह-संयोजक एवं बूथ अध्यक्षो को बुलाया गया था लेकिन मंडल के ज्यादातर शक्ति केन्द्र प्रभारी, संयोजक, सह-संयोजक एवं बूथ अध्यक्षो ने सुजित शर्मा को मंडल अध्यक्ष बनाये जाने के विरोध में इस बैठक से दूरी बनाए रखा।

बैठक में ज्यादातर लोग ऐसे थे, जो न तो शक्ति केन्द्र प्रभारी, संयोजक, सह-संयोजक एवं बूथ अध्यक्ष थे। बल्कि लोग बताते हैं कि फर्जी शक्ति केन्द्र प्रभारी, संयोजक, सह-संयोजक एवं बूथ अध्यक्षों को इस बैठक में बुलाकर मंडल अध्यक्ष सुजीत शर्मा ने पार्टी को ठगने का काम किया है। जबकि इस बैठक में अतिथि के रूप में मुख्य रूप से विधायक सी.पी सिंह सहित रांची विधानसभा के चुनावी प्रभारी, विस्तारक एवं रांची महानगर के महामंत्री बलराम सिंह उपस्थित थे।

कल की चुटिया में संपन्न हुई बैठक को लेकर सभी भाजपा के वरीय अधिकारियों का ध्यान इसी ओर था, क्योंकि रांची महानगर में चुटिया मंडल ही एक ऐसा मंडल है। जहां के सभी प्रमुख पूर्व पदाधिकारी से लेकर अत्यधिक भाजपा कार्यकर्ता इस बात को लेकर नाराज है कि विवादास्पद व्यक्ति सुजीत शर्मा को मंडल अध्यक्ष क्यों बनाया गया?

चुटिया मंडल भाजपा का एक बड़ा वर्ग इसको लेकर भाजपा प्रदेश मुख्यालय भी गया था और अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। भाजपा के बड़े नेताओं ने उस वक्त इन नाराज कार्यकर्ताओं को कहा था कि उनकी बातों को सुनी जायेगी और समस्याओं का हल निकाला जायेगा। लेकिन अब लगता है कि भाजपा के प्रदेशस्तरीय नेताओं ने इन नाराज कार्यकर्ताओं की बातों को हवा में उड़ा देने का फैसला ले लिया है।

जिसका परिणाम कल निकल गया। जहां मदन सिंह के कैम्पस में गिने-चुने लोग ही जूटे, जिनका चुटिया में जनाधार ही नहीं हैं। राजनीतिक पंडित कहते है कि जो सी पी सिंह चुटिया आने पर कल तक विक्की सिंह के दुकान पर चाय पीना नहीं भूलते थे, आज उन्हें वो समर्पित कार्यकर्ता नहीं याद आ रहा। ऐसे में तो भाजपा पूरे चुटिया मंडल में ही समाप्त हो जायेगी।

होना तो ये चाहिए था कि नाराज कार्यकर्ताओं से मिलकर उनकी जख्मों पर मरहम लगाना चाहिए था, परन्तु  ये तो भाजपा कार्यकर्ताओं से ही लड़ने के मूड में हैं। उनकी औकात दिखाने की मूड में हैं। ऐसे में तो जब कार्यकर्ता औकात दिखाने पर आयेगा तो भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में बैठे सारे नेताओं की हेकड़ी निकल जायेगी। शायद उन्हें नहीं पता।