राजनीति

लो कर लो बात, आजसू मतलब आर्गेनाइज्ड पॉलिटिकल बार्गेनिंग ग्रुप व पॉलिटिकल पैरासाइट्स, जो पांच सीटों से ज्यादा पर चुनाव नहीं लड़ सकती, वो अब राजनीतिक खाका तैयार कर रहीः सुप्रियो

जो पार्टी ज्यादा से ज्यादा मात्र पांच सीटों पर झारखण्ड में विधानसभा का चुनाव लड़ेगी, वो पार्टी आगामी राज्य सरकार का खाका तैयार कर रही है, राज्य सरकार की परिकल्पना कर रही हैं, ये आर्गेनाइज्ड पॉलिटिकल बार्गेनिंग ग्रुप, पॉलिटिकल पैरासाइट्स, जिनका जीवन ही दूसरे के शरीर से चिपककर ऊर्जा और खून प्राप्त करना होता है, जिनका चरित्र ही है सत्ता के साथ और सत्ता के बाद भी, वे आजकल युवाओं की बात करने लगे हैं। उपरोक्त बातें आज संवाददाता सम्मेलन में झामुमो के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कही।

सुप्रियो ने आज आजसू पार्टी को खुब खरी-खोटी सुनाई। जमकर बोले। हालांकि संवाददाता सम्मेलन में एक बार भी उन्होंने आजसू या उनके नेताओं को नाम नहीं बोला, लेकिन उनका संवाददाता सम्मेलन आज पूरी तरह से आजसू पार्टी को समर्पित था। उन्होंने शुरुआत ही की कि कल धुर्वा के प्रभात तारा मैदान में हजार युवाओं की भीड़ इकट्ठी कर एक राजनीतिक परजीवी जो हमेशा दूसरों पर निर्भर रहता है, जिसकी फितरत ही सत्ता के साथ रहने की रही है, आजकल वो युवाओं की बात करने लगा है।

सुप्रियो ने कहा कि 2019 के चुनाव में जो गांव की सरकार के नाम से चुनाव लड़ी थी, वो मात्र दो सीटों पर ही सिमट कर रह गई, क्योंकि जो उसका वैशाखी था, उसने मना कर दिया था कि वो उसके बोझ को अपने साथ लेकर नहीं चल सकता। जिसका नतीजा यह निकला कि ये पॉलिटिकल पैरासाइट एलिमेंट जनता के द्वारा बुरी तरह नकार दिया गया। अब फिर से वे मुद्दे ढुंढने लगे हैं और युवाओं को जुटाने लगे हैं। वे विकास दर की बातें कर रहे हैं।

सुप्रियो ने कहा कि जब इनका कार्यक्रम चल रहा था तो उस कार्यक्रम पर उनकी भी नजर थी। जैसे ही इनका कार्यक्रम समाप्त हुआ तो उनके भाजपा मित्रों ने कहा कि ये तो खुद हमसे सीटें मांग रहे हैं। इनको हद से हद पांच सीट से ज्यादा मिलेगा भी नहीं। ऐसे में ये कौन सा खाका तैयार कर लेंगे। उसमें भी इनकी सरकार आनी नहीं। सुप्रियो ने कहा कि 15 सितम्बर को मोदी जी आ रहे हैं, अब उनके बाद उनसे बड़ा अब कौन नेता यहां आयेगा?

सुप्रियो ने कहा कि कल ये पैरासाइट एक शिकार शब्द का प्रयोग कर रहा था। दरअसल ये शिकार शब्द उसका डर है। 24 साल में साढ़े चौदह साल ये सरकार में रहकर शिकार करते रहे। आपको याद होगा कि मधु कोड़ा के शासनकाल में इसी के एक पार्टी का एक विधायक सत्ता सुख भोग रहा था तो दूसरा विपक्ष में था। मतलब ये आर्गेनाइज्ड पॉलिट्कल बार्गेनिंग ग्रुप, पॉलिटिकल पैरासाइट बिना सत्ता के रह ही नहीं सकता। ये पूरी तरह से राजनीतिक रुप से हताश व पराजित लोग हेमन्त सरकार से डरा हुआ है।

सुप्रियो ने कहा कि इन्हें पता ही नहीं कि यहां का मुख्यमंत्री आदिवासी ही नहीं बल्कि युवा भी है, आकांक्षा का प्रतीक है, युवाओं का चाहत है, उनकी जरुरतों को समझता है, जानता है, और उनकी हर समस्याओं का हल करने का माद्दा रखता है। उन्होंने कहा कि यहां लोग बार-बार बाहर से आकर यहां सांप्रदायिक विभाजन व सामाजिक विद्वेष फैलाने का काम कर रहे हैं। झारखण्ड की जनता इनके नापाक इरादों को खूब समझती है, इन्हें नेस्तनाबूद करेगी और झारखण्ड को उंचाइयों तक ले जायेगी।