इन्दिरा नगर-कल्याण नगर बस्तियों के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता संजय कुमार उपाध्याय के साथ दिल्ली में सरयू राय ने की बैठक
जमशेदपुर पूर्व के विधायक सरयू राय ने आज प्रेस वक्तव्य जारी करते हुए कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय के वरीय अधिवक्ता संजय कुमार उपाध्याय के साथ, उन्होंने उनके निज़ामुद्दीन इंस्टीट्यूट स्थित दिल्ली कार्यालय में बैठक किया और जमशेदपुर की इन्दिरा नगर- कल्याण नगर बस्तियों के क़रीब 150 घरों को तोड़ने के लिए जमशेदपुर ज़िला प्रशासन द्वारा दी गई नोटिस के विविध पहलुओं पर पर गहराई से विचार किया।
बैठक में निर्णय हुआ कि एनजीटी की कोलकाता बेंच के निर्देशानुसार जमशेदपुर ज़िला प्रशासन द्वारा नया शपथ पत्र दायर किये जाते ही उसका प्रत्युत्तर बेंच के समक्ष दायर किया जाएगा और बेंच के समक्ष बस्तीवासियों का पक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। ज्ञातव्य है कि आगामी 20 अक्टूबर को मामले की सुनवाई की अगली तिथि निर्धारित है जिसके पहले पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त द्वारा पंठनीय शपथ पत्र एनजीटी के समक्ष दायर किया जाना है। झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को भी अपनी निजी शपथ पत्र इस मामले में एनजीटी के सामने दायर करना है।
एनजीटी द्वारा इस मामले में जितने भी आदेश विभिन्न तिथियों पर पारित किये गये हैं उनमें से किसी में भी इन्दिरा नगर- कल्याण नगर के बस्तीवासियों के घरों को तोड़ने या तोड़ने की नोटिस देने के बारे में निर्देश नहीं दिया गया है। अगली तिथि पर पूर्वी सिंहभूम ज़िला के उपायुक्त से पूछा जाएगा कि उन्होंने किस आधार पर एनजीटी मुक़दमे का हवाला देकर बस्तीवासियो के घरों को तोड़ने की नोटिस दिया है। एनजीटी की बेंच तो इस मामले मे बस्तीवासियों का पक्ष भी सुन रही है। बस्तीवासियों का पक्ष सुनने के बाद ही एनजीटी द्वारा उपयुक्त निर्देश पारित किया जा सकता है।
सरयू राय का कहना है कि कुछ निहित स्वार्थी लोग अपना राजनीतिक हित साधने के लिए बस्तीवासियो के सामने ग़लत तथ्य प्रस्तुत कर रहे हैं और निरर्थक बयानबाज़ी कर रहे हैं। जो बयान वे बस्तीवासियो को भड़काने के लिए दे रहे हैं उस बात को उन्हें एनजीटी के सामने रखना चाहिए, परंतु वे एनजीटी के सामने नहीं आ रहे हैं। इन्होंने सार्वजनिक घोषणा की थी कि इस बारे में वे एनजीटी के सामने बस्तीवासियों के पक्ष मे बड़े वकील खडा करेंगे परंतु आजतक उन्होंने वैसा नही किया। उनकी सलाह है कि जो अनर्गल बयानबाज़ी वे इस मामले में कर कर रहे हैं उन बातों को वे शपथ पत्र पर एनजीटी के सामने रखे।