धर्म

जिसे ये पता नहीं कि किस माह में पितरों का श्राद्ध गया में किया जाता है, वैसे संगठन ऑनलाइन तरीके से भोले-भाले लोगों को मूर्ख बनाकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं, अतः ऐसे लोगों से बचें

जिस आर्गेनाइजेशन को ये पता नहीं कि किस हिन्दी माह में पितरों की आत्मा की शांति के लिए गया श्राद्ध किया जाता है, वो आर्गेनाइजेशन आजकल खुब विभिन्न सोशल साइट पर अपने आर्गेनाइजेशन के माध्यम से पितरों के गया श्राद्ध के लिए लोगों से ऑनलाइन बुकिंग करवा रहा है।

आश्चर्य यह भी है कि इस आर्गेनाइजेशन के इस प्रचार के आगे कई अच्छे पढ़े-लिखे लोग यहां तक की ब्राह्मण समुदाय के लोग भी, जिनके बारे में कहा जाता है कि उन्हें कम से कम यह पता होता है कि पितरों को किस माह में मुक्ति के लिए गयाश्राद्ध का विधान है, वे जानते हैं, ऐसे ब्राह्मण समुदाय के लोग भी उक्त साइट को खुब शेयर भी कर रहे हैं और अपने लोगों को टैग भी कर रहे हैं।

जरा देखिये। ये हैं श्रीमंदिर का सोशल साइट, इसने पितृ शांति पूजा के लिए श्राद्ध प्रांरभ गया विशेष नाम से एक विजुयल सोशल साइट फेसबुक पर डाल रखा है। साथ ही यह लिखता है कि इस शक्तिशाली पूजा में भाग लें। इसके द्वारा जारी वीडियो को देखें तो उसमें लिखता हैं, जिसका फोटो शॉट हमने आपके लिए यहां डाल रखा हैं, आप भी देखिये…

लिखता है कि यह शक्तिशाली पूजा भाद्रपद मास के प्रतिपदा तिथि से शुरु होता हैं। जबकि सच्चाई यह है कि यह पूजा आश्विन मास कृष्णपक्ष के प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ होता हैं, और यह आश्विन मास के कृष्णपक्ष अमावस्या तक चलता है, जिसे हम महालया भी कहते हैं। ये पूरे पन्द्रह दिन का पक्ष पितृ पक्ष कहलाता है। लेकिन श्रीमंदिर वालों ने इस पितृपक्ष को भादो महीने में बता दिया है। जो सफेद झूठ है।

अब सवाल उठता है कि जिसे पितृपक्ष का बेसिक ज्ञान नहीं हैं, वो भला क्या हमारे पितरों को मुक्ति दिलायेंगे और ऐसे भी ऑनलाइन पूजा करने से कही पितरों को मुक्ति मिलती है। किस मूर्ख ने कहा है। ये तो वही बात हुई कि कोई बेटा पटना में रहकर मुंबई में रह रहे जीवित पिता को कहे कि मैं आपको यहां से पानी पिला रहा हूं, वो भी आनलाइन आप पी लीजिये, क्या ये संभव हैं?

बेटे-बेटियों का धर्म बनता है कि इस ऑनलाइन के चोचलों से दूर रहकर, जब भी समय मिलें, चाहे तो अपने घर अथवा गया जाकर स्वयं के द्वारा किसी विद्वान पंडित के सान्निध्य में अपने पितरों का श्राद्ध करें, उन्हें स्वयं अपने हाथों से भोजन करायें, तभी कल्याण होगा। अन्यथा नहीं।

नहीं तो ये चालक ऑनलाइनवाले लोग आपके पितरों को मुक्ति तो नहीं दिलायेंगे, आपके ऑनलाइनवाले माध्यम से आये पैसों से स्वयं को मोटाभाई जरुर बना लेंगे। एक बात और, कोई भी काम करने के पहले सत्य जरुर जाने, जैसे विद्रोही24 ने इसकी गलती पकड़ी भाद्रपद माहवाली। आज भी इसके वीडियो फेसबुक पर खुब धड़ल्ले से चल रहे हैं। इसलिए ऐसे लोगों से बचे।