राजनीति

झामुमो ने केन्द्र सरकार को किया आगाह, आगामी दिनों में सरकारी कार्यक्रमों को पार्टी कार्यक्रम से अलग रखें, क्योंकि सरकार राजनीतिक दल नहीं होता

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन में एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कल के जमशेदपुर कार्यक्रम पर कड़ी टिप्पणी की। सुप्रियो ने कहा कि अब तो हद हो गई है। राजनीतिक कार्यक्रम के पहले सरकारी कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। चूंकि पूरा मामला रेल मंत्रालय से कल संबंधित था। रेल मंत्रालय ने अधिकारिक सूचना जारी की थी कि कल के कार्यक्रम में रेल मंत्री भी शामिल होंगे, लेकिन ऐन मौके पर रेल मंत्री गायब दिखे।

सुप्रियो ने कहा कि अब सरकारी कार्यक्रम पार्टी कार्यक्रम में तब्दील होते जा रहे हैं। कल जो प्रधानमंत्री का जमशेदपुर में कार्यक्रम हुआ। उसमें जमशेदपुर के जनप्रतिनिधि नहीं थे। लेकिन उनके सहयोगी दल के अध्यक्ष, उनके पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को प्रमुखता से स्थान दिया गया। टाटानगर जंक्शन जिस विधानसभा में आता है। उस इलाके के जनप्रतिनिधि तक को स्थान नहीं दिया गया। उसी जिले से राज्य के दो-दो मंत्री हैं, लेकिन उन्हें भी आमंत्रण नहीं था।

सुप्रियो ने कहा कि यही दृश्य दुमका में भी दिखा। दुमका में झामुमो के लोकसभा जनप्रतिनिधि, झामुमो विधायक तक को मंच पर स्थान नहीं दिया गया। यहां तक की उस इलाके के किसी भी जनप्रतिनिधि को नहीं बुलाया गया। जबकि इस सरकारी कार्यक्रम में भाजपा के नेता आमंत्रित थे। सुप्रियो ने कहा कि राज्य सरकार भी कार्यक्रम आयोजित करती है। लेकिन वो इस प्रकार की हरकत नहीं करती। कोई आये या नहीं आये, लेकिन वो उक्त इलाके के जनप्रतिनिधि को अपने विज्ञापन ही नहीं बल्कि मंच पर भी स्थान देती है। भले ही वो आये अथवा न आये।

सुप्रियो ने कहा कि कल प्रधानमंत्री उत्पाद विभाग में हो रही आरक्षियों की बहाली पर बोल रहे थे, चूंकि उसे रिवाइज कर फिर से हेमन्त सरकार ने बहाली लेना शुरु कर दिया है, तो इन्हें दर्द हो रहा है। वे ये नहीं कहते कि उन्हीं की डबल इंजन की सरकार, रघुवर सरकार में उत्पाद आरक्षियों की बहाली के लिए नियमावली बनाई गई थी। जिसके कारण इस प्रकार के हादसे हुए। अपने नेताओं के करतूतों पर प्रधानमंत्री की आवाज नहीं निकलती। लेकिन दूसरों के लिए निकलती है।

सुप्रियो ने कहा कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनाव परिणाम क्या आयेंगे, सभी को पता है। इसलिए वे झारखण्ड का दौरा कर रहे हैं, क्योंकि ये जानते हैं कि यहां के लोग सीधे-साधे होते हैं, यहां के लोगों को बरगला देंगे तो काम निकल जायेगा। सुप्रियो ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि कोई प्रधानमंत्री चुनावी सभा के लिए 130 किलोमीटर भागता है। मतलब चुनाव के लिए, सत्ता के लिए सब कुछ करेंगे। घर तोड़ेंगे, पार्टी तोड़ेंगे, विधायक दल तोड़ेंगे, नहीं तो खरीदेंगे, नहीं खरीद पाये तो जेल भेजेंगे, केस डालेंगे।

सुप्रियो ने कहा कि अगर कल इनकी सभा बहरागोरा में होती तो ये 210 किलोमीटर की दूरी भी तय कर के जाते। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री के लिए सुरक्षा जरुरी है। इसलिए कल एनएच 33 को नौ घंटे तक कैद कर लिया गया। सुप्रियो ने कहा कि बहरागोरा से बरही तक का जो एनएच है, वो झारखण्ड के ट्रांसपोर्टेशन का स्पाइनल कोर्ड है। बिहार, यूपी व बंगाल जैसे स्टेटों के लिए यह जंक्शन का काम करता है। ऐसे में इस प्रकार के प्रमुख मार्गों को अपनी राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना, क्या सही है?

सुप्रियो ने कहा कि वे केन्द्र को आगाह करते हैं कि आगामी दिनों में आपकी सरकार के अगर अब कोई काम हुए या कोई कार्यक्रम करवाना है, तो उसे पार्टी के साथ संलग्न नहीं करें, राजनीतिक दल का कार्यक्रम एकदम अलग है और सरकार राजनीतिक दल नहीं होता, इस बात का ध्यान रखें। सुप्रियो ने यह भी कहा कि भाजपा सर्वप्रथम सरना धर्म पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें।

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार जो वैशाखी पर टिकी है। जिसमें नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जैसे नेता भी शामिल है। जिन्होंने अपने अधिकारिक वेबसाइट में जातीय जनगणना की बात की है। लेकिन भाजपा जो केन्द्र सरकार के माध्यम से हलफनामा जारी करती है, वो जातीय जनगणना की बात न कर, एक धर्म विशेष के लोगों को टारगेट करती है। लेकिन सरना धर्म पर अपना मुंह तक नहीं खोलती।