अपनी बात

भाजपा सोशल मीडिया प्रकरण अर्थात् प्रदेश भाजपा की बागडोर कहने को बाबूलाल मरांडी के हाथ में, लेकिन चला रहे दीपक प्रकाश, उनके ही इशारों पर हो रहे सारे काम, भाजपा गर्त की ओर

प्रदेश भाजपा की बागडोर कहने को तो बाबूलाल मरांडी के हाथ में हैं। लेकिन सच्चाई यही हैं कि भाजपा को बैकडोर से अगर कोई चला रहा है तो वो हैं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश। आज भी भाजपा के कई नेता पहले तो दबी जुबां से कहते थे, लेकिन अब तो वे खुलकर कहने लगे हैं कि प्रदेश में भाजपा को अगर कोई चला रहा हैं तो वे दीपक प्रकाश ही हैं। आज भी उनके बिना कोई पत्ता तक नहीं हिलता।

अगर भाजपा में किसी को पद देना है या उसे हटाना है तो दीपक प्रकाश की खूब चलती है। उसका उदाहरण है कि हाल ही में दो दिन पहले झारखण्ड भाजपा ने प्रदेश सोशल मीडिया की नई टीम बनाई। इस नई टीम में प्रदेश सोशल मीडिया का सह-संयोजक तीन लोगों को बनाया गया – रजनीश पांडेय, प्रिया करमाली और राहुल शाहदेव।

इसी प्रकार प्रमंडल के भी सोशल मीडिया प्रभारी व सह प्रभारी कई लोगों को बनाया गया है। कुछ इसमें पुराने हैं तो कुछ को इधर से उधर कर दिया गया है। लेकिन इसके प्रदेश संयोजक राहुल अवस्थी को नहीं बदला गया, क्योंकि राहुल अवस्थी को भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश का वरद्हस्त प्राप्त है। सच्चाई यही है कि जहां कही भी गड़बड़ी देखी या पाई जाती हैं तो सबसे पहले वहां के या उस प्रकोष्ठ के कप्तान को बदला जाता है तथा उस जगह पर योग्य को बैठाया जाता है।

लेकिन जरा देखिये, यहां कप्तान को नहीं बदला गया। बदला किसे गया, तो उसे बदला गया, जिसे सोशल मीडिया पर जबर्दस्त कमांड था। जिन्हें बदला गया या जिनको पद भार सौंपा गया। उसके नामों की घोषणा किसने की तो वो भी दीपक प्रकाश के खासमखास भाजपा के प्रदेश महामंत्री व भाजपा के प्रदेश व केन्द्रीय नेताओं की नजरों में सर्वाधिक राजनीतिक रुप से बुद्धिमान सरला-बिरला विश्वविद्यालय पीठाधीश्वर प्रदीप वर्मा ने और बताया यह गया कि यह सूची प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के निर्देशानुसार जारी की गई है।

अब नया करिश्मा देखिये। सोशल मीडिया के प्रदेश प्रभारी किसे बनाया गया, तो बाल मुकुंद सहाय व विकास प्रीतम को, इन दोनों का अगर सोशल साइट आप देखेंगे तो पायेंगे कि इनके पोस्ट व अपलोड किये जानेवाले विजुयल पर लाइक, कमेन्ट्स तथा शेयर करनेवालों के टोटें पड़े हुए हैं। लेकिन ये दोनों महाशयों को भाजपा के सोशल मीडिया का प्रदेश प्रभारी का काम दे दिया गया। अब सवाल उठता  है कि जिनके पोस्ट और विजयुल पर कमेन्टस, लाइक और शेयर के टोटे पड़े हुए हो। भला वो भाजपा को सोशल साइट्स पर क्या मजबूत करेगा?

सूत्र बता रहे हैं कि अब तक सोशल मीडिया को लेकर भाजपा के कई नेताओं जैसे हिमंता बिस्वा सरमा, शिवराज सिंह चौहान, बाबूलाल मरांडी और कर्मवीर सिंह ने कई बैठकें ली। जरा इन बैठकों के अपलोड किये गये पोस्टों को, इनके द्वारा दिये गये अपने-अपने फेसबुक पर आये लाइक्स, शेयर्स और कमेन्ट्स को देख लीजिये। आपको पता लग जायेगा कि भाजपा के सोशल मीडिया के क्या हाल है?

पुराने भाजपा नेता कहते हैं कि दरअसल भाजपा के प्रदेशस्तर के नेताओं ने भाजपा को अपनी जागीर समझ ली है और इस जागीर के माध्यम से वे अपने और अपने परिवार तथा अपने समर्थकों व चाहनेवालों को कैसे बेहतर पोस्ट थमा सकते हैं और उसका फायदा उठा सकते हैं, इसी में लगे रहते हैं, जिसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ रहा है और भाजपा धीरे-धीरे गर्त में जा रही हैं।

लेकिन केन्द्र के नेताओं को लगता है कि उनके प्रदेश के नेता तो गजब ढा रहे हैं। जबकि झामुमो इन्हें हर मोर्चें पर इनके गर्दन को दबोच रहा है। अभी इनकी परिवर्तन रैली चल रही हैं। ये उसके रील्स बना बनाकर अपलोड कर रहे हैं। उस रील्स को भी देखनेवालों की संख्या न के बराबर हैं। इसे आप बीजेपी झारखण्ड के फेसबुक वॉल पर ही देख सकते हैं। कुल मिलाकर देखा जाये तो जो नई टीम बनाई गई हैं। वो दरअसल उपर के नेताओं के लिए सिर्फ आई वॉश हैं। इसमें भी भारी गोलमाल है। जिसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ रहा हैं। लेकिन इसकी फिक्र किसे हैं।