CM हेमन्त ने भाजपाइयों को ललकारा, कहा फर्जी दवा देकर देश को धोखा देनेवालों, देखते हैं कितने को खरीदोगे? खरीदते-खरीदते तुम्हारी जिंदगी खत्म हो जाएगी लेकिन झारखण्डी खत्म नहीं होगा
खूंटी और सिमडेगा की एक महती जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज कहा कि जिस दवा को पूरी दुनिया में पाबंदी लगाई दी गई थी। वह दवा ये लोग देश में बांटते रहे, उसके बदले चंदा लेते रहे। इन्होंने फर्जी दवा देकर पूरे देश के लोगों के साथ धोखा किया। इसका परिणाम है कि आज उत्पाद सिपाही भर्ती में हमारे नौजवानों की मौत हुई। जल्दी ही इनकी यह चोरी भी पकड़ी जाएगी।
उन्होंने बड़ी संख्या में आई महिलाओं को देखकर कहा कि आप आधी आबादी हैं। आप लोगों को मजबूत करने का संकल्प उन्होंने लिया है। वे जानते हैं कि आपने जो ठान लिया वह आप अवश्य पूरा करती हैं। मंईयां सम्मान योजना की दूसरी किस्त की सम्मान राशि भी आप महिलाओं के खाते में पहुंच चुकी है। उन्होंने कहा कि उन्हें बताया गया कि कुछ माता-बहनों के बैंक खाता में राशि नहीं गई हैं। इसकी वजह हैं आपके बैंक खाता का अपडेट नहीं होना। सभी उपायुक्त ध्यान दें, जितने भी पुराना बैंक खाता है और जो कार्य नहीं कर रहा है। ऐसे सभी खातों को चिन्हित कर पुनः शुरू करवाए, ताकि इन माताओं-बहनों के बैंक खाता में सम्मान राशि जा सके।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में क्या आपने कभी सुना था कि कोई पदाधिकारी आपके गांव जाता था? आज का परिदृश्य बदल गया है आज आपकी समस्याओं का समाधान आपके द्वार पर किया जा रहा है। आज हर पदाधिकारी जोहार बोलता है और मैंने सुनिश्चित किया है कि झारखंडियों का अभिवादन जोहार रहेगा और आज हमारे विरोधी लोग भी वही करते हैं।
उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री जी उलिहातु आते हैं। भगवान बिरसा मुंडा की जन्म स्थली जाते हैं। फर्जी मिट्टी का टीका लगाते हैं और यहां योजना की शुरुआत करते हैं। लेकिन जब आदिवासी दिवस होता है तो प्रदेश के आदिवासियों को कोई भी शुभकामनाएं ये लोग नहीं देते हैं। यह स्थिति है हम आदिवासियों की। सरना आदिवासी धर्म कोड को लेकर इन्होंने क्या किया? हम लोगों ने विधानसभा से विधेयक पारित कर दिल्ली भेज दिया, लेकिन उसे भाजपा द्वारा धूल मिट्टी डाल गड्ढे में डाल दिया गया।
उन्होंने कहा कि भाजपा को आदिवासियों पर विश्वास नहीं है। बगल के राज्य में इन्होंने आदिवासी मुख्यमंत्री बनाया है। लेकिन बगल में दो सिपाही भी खड़ा कर दिया है कि जरा सा इधर से उधर नहीं करें। ये लोग नहीं चाहते हैं कि स्वतंत्र रूप से कोई आदिवासी चल पाए। महिलाओं को सम्मान राशि, वृद्धों को बुढ़ापे की लाठी दी गई। हम मंईयां समान योजना क्यों लेकर आए! इन लोगों का कहना है कि वोट लेने के लिए योजना को लाया गया। ये बेईमान लोग हैं। जब मैं आपके अधिकारों को आपके घर द्वार पहुंचा रहा हूं तो इन्हें तकलीफ हो रही है।
उन्होंने कहा कि आज ही एक बार फिर उन्होंने केंद्र सरकार को पत्र लिख ₹1लाख 36 हजार करोड़ बकाया राशि देने की मांग की है। अगर वे बकाया राशि नहीं देते हैं तो उसका ब्याज ही दे दें, ताकि मैं यहां की महिलाओं को सम्मान राशि के रूप में ₹2000 दे सकूं। याद कीजिए, पहले के दिन, जब पेंशन लेने के लिए कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता था, लेकिन आज घर-घर जाकर लोगों को पेंशन और महिलाओं को सम्मान राशि का कागज बनता है और घर में उनके सम्मान और पेंशन राशि आती है।
उन्होंने कहा कि यह सरकार जनता के लिए है। यहां के पदाधिकारी, यहां के कर्मचारी को जो तनख्वाह मिलती है। वह आपकी सेवा के लिए मिलती है। आज हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ये गांव जायें और आपकी समस्या का समाधान करें। आप सभी हौसला बुलंद रखिए। आप मजबूती से खड़ा रहें। एक आदिवासी मुख्यमंत्री को हटाने के लिए एक दर्जन से अधिक मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री तक लगे हुए हैं। एक तरफ पूंजीपति लोग हैं, और दूसरी तरफ झारखण्ड के गरीब-गुरूबा। इनकी ताकत भी हम देख लेते हैं।
ये कहते हैं कि संथाल परगना को अलग राज्य बना दो। ये पूंजीपति लोग, यहां आकर फिर से इस राज्य को बांटने का कोशिश कर रहे हैं। ये लोग कहते हैं कि आदमी भी खरीद लेंगे। यही वजह है कि आप कभी-कभी सुनेंगे कि इन लोगों ने कभी मंत्री, तो कभी विधायक और पार्टी को भी खरीद लिया। लेकिन झारखण्ड के लोग स्वाभिमानी हैं। देखते हैं कितने लोगों को खरीदोगे? खरीदते-खरीदते तुम्हारी जिंदगी खत्म हो जाएगी लेकिन झारखण्डी समाप्त नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले भी कहा है और आज भी कह रहे हैं, ये गांव से चलने वाली सरकार है। अधिकारी आप लोगों की मदद करने आपके बीच आ रहे हैं। आज आपके द्वार पहुंच कर वह आपकी समस्याओं का समाधान कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि वे जब आपके हक-अधिकार के लिए काम करता थे तो विपक्ष के लोग तरह-तरह के हथकंडे अपना कर उसे बाधित करते थे। अगर किसी को नौकरी दी तो उसके लिए भी न्यायालय में अपील करते थे। मंईयां योजना को लेकर भी ये न्यायालय चले गए। हम स्थानीय के लिए नियोजन नीति बनाते हैं तो उसे कोर्ट से असंवैधानिक घोषित करा देते हैं।
चुनाव को देखते हुए, वोट लूटने के लिए पूरे देश से भारतीय जनता पार्टी के लोग इस राज्य में घुसने जा रहे हैं। अभी बड़े-बड़े नेता आ रहे हैं। ये लोग हिंदू-मुस्लिम, सिख-ईसाई, आदिवासी-गैर आदिवासी, दलित-पिछड़ा की लड़ाई लड़ाने में माहिर हैं। लेकिन एकता के सिद्धांत पर चलने वाला यह राज्य न कभी किसी से डरा है, न कभी किसी के सामने झुका है और न झुकेगा। उन्होंने कहा कि 2021 में खूंटी की वीर भूमि उलिहातु से ही उन्होंने आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम का शुभारंभ किया था। आज इस कार्यक्रम के चौथे चरण में हम सभी हैं।
आप लोगों ने 2019 में हमें जो जिम्मेदारी दी, उसका निर्वहन हम लोग कर रहे हैं। आप सभी ने मुझे राज्य का मुखिया बनाया। 2019 से लेकर अब तक कई चुनौतियां हमने देखी है। सरकार गठन के बाद दो वर्ष हम कोरोना महामारी में जीवन और जीविका बचाने में लगे रहे। उस बीच आपकी सरकार आप सभी के लिए कार्य करती रही। किसी की मौत भूख से नहीं हुई।
मंईयां सम्मान यात्रा महज एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनांदोलन
उन्होंने कहा कि उन्हें याद है आज भी वह दिन, जब गांव में दीदियों ने संक्रमण काल में लोगों को खाना बनाकर खिलाने का काम किया। उसी समय उन्होंने संकल्प लिया था कि वे राज्य की महिलाओं को सशक्त करेंगे। इसलिए आज से मंईयां सम्मान यात्रा भी शुरु हुई हैं। “मंइयां सम्मान यात्रा” महज एक कार्यक्रम नहीं, यह एक आंदोलन है जो पूरे राज्य को एकजुट करेगा, हर जिले, हर गाँव तक पहुंचेगा।
यह यात्रा हमारे समाज में महिलाओं के योगदान को पहचानने और उन्हें वह सम्मान देने का प्रयास है, जिसकी वे हकदार हैं। आइए, हम सब मिलकर इस अभियान का हिस्सा बनें। क्योंकि जब झारखंड की महिलाएं आगे बढ़ेंगी, तो पूरा राज्य विकास के नए आयाम छुएगा। हमारी बहनों की प्रगति में ही हमारे राज्य की प्रगति छिपी है