राजनीति

जिस असम के CM ने यहां के आदिवासियों को अपने यहां आदिवासी का दर्जा नहीं दिया, अधिकार नहीं दिये, उन्हें भूखा मरने छोड़ दिया, वो यहां आकर आदिवासियत की बात कर रहाः हेमन्त

आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आज समापन हो गया। इसकी शुरुआत झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने 2021 में भगवान बिरसा मुंडा की वीर भूमि उलिहातु से की थी और आज इसका समापन सिदो-कान्हू, फूलो झानो और चांद भैरव की वीर भूमि में संपन्न हो गया। इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि जनता का आशीर्वाद उन्हें विरोधियों के विरुद्ध लड़ने के लिए शक्ति देता है। इस सरकार को जनता का आशीर्वाद मिलता रहे यही उनकी सदैव इच्छा रही हैं।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने इस अवसर पर कहा कि उनके काम में अड़ंगा लगाने के लिए भाजपा के लोगों ने ऐड़ी-चोटी एक कर दी है। अभी भाजपा के कई मुख्यमंत्री इस राज्य में आए हैं। असम का मुख्यमंत्री झारखंड में है। इन्होंने असम में तो झारखण्ड के आदिवासियों को आदिवासियों का दर्जा दिया नहीं। हमारे आदिवासी भाईयों-बहनों को वहां अधिकार नहीं दिया। उन्हें भूखा मरने के लिए छोड़ दिया गया है।  ये बतायें,  क्यों झारखण्ड के आदिवासी परिवारों को हक-अधिकार नहीं दिया जा रहा है?  क्यों हमें आदिवासी धर्म कोड नहीं दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि झारखण्ड के कुछ नेताओं को भाजपा ने खरीद लिया है। इनका काम ही है नेताओं को खरीदों और उनका दुरुप्रयोग करो। हिंदू, मुस्लिम सिख, ईसाई की बातें अब शुरू होगी। गांव-गांव में ये यही सब करेंगे। कई मन्दिर-मस्जिदों में ये असामाजिक तत्वों के जरिए साजिश रचने की कोशिश करेंगे। याद रखियेगा जो लोग इस तरह का कार्य करेगा,  उन लोगों को पकड़कर रखियेगा और पुलिस के हवाले कर दीजियेगा। किसी से डरने की आवश्यकता नहीं है।

उन्होंने कहा कि झारखण्ड वीरों का राज्य है। हमलोग जब तक लड़ते हैं,  तब तक जीवित रहते हैं। अगर हम ऐसी लड़ाई नहीं लड़ेंगे तो जिस तरह से अंग्रेजों ने हमको अलग-अलग क्षेत्रों में बांट दिया, उसी तरह ये व्यापारी लोग हमें फेंक कर आ जायेंगे। इसलिए इन पूंजीपतियों को झारखण्ड में खड़ा नहीं होने देना है। यह झारखण्ड, यहां के मूलवासियों-आदिवासियों का है। यहां का जल,  जंगल हमारा है और आने वाले समय में अपना हक-अधिकार लड़कर हमें अपने घर-घर तक लेकर आना है। इस संकल्प के साथ हमें इस चुनाव को अंजाम तक पहुंचाना है।

उन्होंने कहा कि ये डेमोग्राफी खराब करने और बांग्लादेशी घुसपैठिए की बात करेंगे। वे उनको कहना चाहेंगे कि जाकर भारत सरकार का आंकड़ा निकाल कर देख लें कि कौन सा जिला,  कौन से राज्य में,  किस तरह से आंकड़ों में बदलाव हुआ है? जहां लोग एक साथ अमन चैन से रहते हैं वह इनको अच्छा नहीं लगता है। जहां-जहां लोग लड़ते हैं वहां इनकी राजनीति रोटी पकती है। इसलिए इनको गांव में घुसने नहीं देना है। ये लोग पैसा, हड़िया, शराब लेकर घुसेगा।

यह आरएसएस के लोग चूहे की तरह अंदर-अंदर घुसकर हमारे समाज को तोड़ने का काम करेंगे। इन्हें भी आप लोगों को पहचान कर रखने की जरूरत है ताकि आने वाला चुनाव में हमारे लोगों से कोई गलती ये लोग ना करा सके। मिलकर इन्हें करारा जवाब देना है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को आज बरहेट के भोगनाडीह में स्वयं उपस्थित होना था। लेकिन भारी बारिश तथा मौसम के खराब होने के कारण नहीं पहुंच सकें। इसलिए वे वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से जनता को संबोधित किया। आश्चर्य इस बात की भी रही कि मुख्यमंत्री के नहीं पहुंचने के बावजूद भी बरहेट में भीड़ में कोई कमी नहीं दिखी और न उत्साह में कमी दिखा। शायद यही हेमन्त सोरेन की लोकप्रियता का बड़ा पैमाना है।