अपनी बात

धनबाद के भाजपा नेताओं द्वारा संचालित अस्पताल में हुआ अमानवीय कृत्य, प्रदेश के एक भाजपा नेता ने इस कृत्य पर सरकार को दोषी ठहरा फेसबुक पर किया पोस्ट, जब लोगों ने दिखाया आईना तब पोस्ट किया डिलीट

एक अखबार संभवतः धनबाद से प्रकाशित दैनिक जागरण की कटिंग, विद्रोही24 के हाथ लगी है। जो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की गंदी व अमानवीय हरकतों की पोल खोलकर रख दी है। भारतीय जनता पार्टी धनबाद महानगर का कोषाध्यक्ष प्रदीप मंडल, जिसका बेटा नित्यानन्द मंडल भारतीय जनता युवा मोर्चा महानगर का जिलाध्यक्ष है, यानी ये दोनों बाप-बेटा भारतीय जनता पार्टी धनबाद के प्रमुख पदों पर कब्जा किये हुए हैं।

इन दोनों का एक अस्पताल भी धनबाद में चलता है। जिसका नाम है जेपी हास्पिटल एंड रिसर्च सेन्टर। जानते हैं, इनके हॉस्पिटल में क्या घटना घटी है। ये समाचार सुनकर आप हैरान हो जायेंगे। वो भी उस पार्टी से जुड़ा हुआ व्यक्ति का अस्पताल जिसके नेता पं. दीन दयाल उपाध्याय एकात्म मानववाद की शिक्षा देते थे। वैसी पार्टी से जुड़े आधुनिक नेताओं के अस्पतालों में एकात्म मानववाद क्या गुल खिला रहा है। वो हैं धनबाद का ये हृदय विदारक घटना।

अखबार ने “मां दम तोड़ रही थी, बिल नहीं भरने पर बेटे को नहीं छोड़ा अस्पताल ने” नामक हेडिंग से खबर दी है। जो इन भाजपाई बाप-बेटों की अमानवीय हरकतों का पोल खोलती है। अखबार लिखता है कि उसकी मां दम तोड़ रही थी, वह बिलख रहा था, बावजूद अस्पताल प्रबंधन बिना बिल दिए उसे जाने नहीं दे रहा था। अंततः मां ने दम तोड़ दिया, उसके दूसरे दिन उसे अस्पताल से 40 हजार रुपये लेने के बाद ही छोड़ा गया। यह वाकया जेपी अस्पताल में दिखा।

अखबार ने आगे लिखा है कि गिरिडीह के ताराटाड़ ठाडी महुआ गांव का दीपक महतो दैनिक मजदूरी करता है। उसके भाई अशोक भोक्ता ने बताया कि 26 सितम्बर को दीपक को डायरिया हो गया। तब अस्पताल लेकर आये। 27 सितम्बर को उसकी हालत सुधरी। इधर गांव में बुजुर्ग मां की तबियत खराब हो गई। उनकी गंभीर स्थिति को देख स्वजन अस्पताल प्रबंधन से अनुरोध किया कि दीपक को छुट्टी दे दें।

इस पर अस्पताल प्रबंधन ने 76 हजार रुपये का बिल थमा दिया। उसका परिवार इतनी बड़ी राशि देने में असमर्थ था। कोई कमानेवाला उसके घर नहीं है। इसी बीच रात में खबर आई कि इसकी मां चल बसी। शनिवार को अस्पताल प्रबंधन को बताया गया कि मां के अंतिम संस्कार के लिए दीपक को छोड़ दें। फिर भी अस्पताल प्रबंधन का दिल नहीं पसीजा। जैसे-तैसे आखिरकार उस गरीब आदमी से 40 हजार रुपये लेने के बाद ही उसके बेटे को अस्पताल प्रबंधन ने छोड़ा।

अब सवाल उठता है कि इन भाजपा नेताओं प्रदीप मंडल और उसके बेटे नित्यानन्द मंडल को होर्डिंग बनाने, बैनर बनाने, भाजपा के फंड में पैसे देने के लिए हैं और उसके अस्पताल में कोई गरीब इलाज करा रहा है और ऐसी स्थिति में जबकि इलाज करा रहे बेटे की मां की अंतिम स्थिति आ गई हैं। उस पर दया दिखाने की होश तक नहीं। अरे भाई, तुम्हें नेता किसने बना दिया। तुम तो नेता बनने के लायक ही नहीं। तुम तो विशुद्ध व्यवसायी हो। व्यवसाय करो।

आश्चर्य अब और देखिये। भाजपा का एक बड़ा नेता जो प्रदेश का बहुत बड़ा नेता है। दैनिक जागरण के इस कटिंग को लगाते हुए, हेमन्त सरकार पर तीखी टिप्पणी करता है। लेकिन जैसे ही उसके धनबाद के ही कुछ नेता, उन्हें फोन कर याद दिलाते हैं कि जिसके खिलाफ आप फेसबुक पर टिप्पणी कर रहे हैं। वो कोई और नहीं, अपने ही भारतीय जनता पार्टी का धनबाद का ही बड़े पदाधिकारी का हॉस्पिटल है। तो अपने पोस्ट को शीघ्र डिलीट कर देता है। मतलब कितने चालाक है ये भाजपा के नीचे से लेकर उपर में बैठे नेता, वे जनता को कितना मूर्ख समझते हैं और खुद को चालाक। क्या इस प्रकार की घटियास्तर की हरकतों से भाजपा के पाप धूल जायेंगे।