अपनी बात

सजायाफ्ता धनबाद के भाजपा सांसद ढुलू के बयान से भड़का सवर्ण समाज तथा भड़के भाजपा कार्यकर्ता, खुब सुना रहे ढुलू को खरी-खोटी, विधानसभा चुनाव के वक्त भाजपा की खटिया खड़ी होना तय

सजायाफ्ता तथा 45 अपराधिक मामलों को झेल रहे धनबाद के भाजपा सांसद ढुलू महतो के सवर्ण विरोधी बयान तथा अपने ही नेताओं पर की गई छीटाकशीं से पूरा जमशेदपुर का सवर्ण समाज और भाजपा के कार्यकर्ता आक्रोशित है। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि ढुलू महतो और रघुवर दास के गठजोड़ की घटिया राजनीति जमशेदपुर में तो कम से कम नहीं चलेगी।

जिनको घटियास्तर की राजनीति या जातिवादी राजनीति में विश्वास है। वे आनेवाले विधानसभा चुनाव में अपना अंजाम भुगतने को भी तैयार रहे। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास को ओडिशा के राजभवन में मन नहीं लग रहा। वे झारखण्ड विधानसभा चुनाव में फिर से इस बार विधायक बनने के लिए छटपटा रहे हैं। इसलिए वे अपने चाहनेवाले सजातीय भाजपा सांसदों को जमशेदपुर बुलवाकर अपने परिवार के साथ मिल सवर्ण विरोधी बयान दिलवा रहे हैं, ताकि उनके पक्ष में माहौल बने। लेकिन यहां दांव उलटा पड़ता दिख रहा है।

भाजपा कार्यकर्ता तो ढुलू के कल के बयान से इतने उद्वेलित हैं कि सोशल साइट पर भाजपा के प्रदेश नेताओं की बखिया उधेड़ने में लगे हैं। वे सवाल पर सवाल दागे जा रहे हैं। लेकिन किसी की हिम्मत नहीं कि उनके सवालों का जवाब दे दें। राजहंस प्रसाद तिवारी फेसबुक पर लिखते हैं कि भारतीय जनता पार्टी का एक सांसद जिस तरह का बयानबाजी करके जमशेदपुर से जाता है सोचना पड़ेगा पूरे झारखण्ड में सवर्ण समाज को।

इन्हीं के वॉल पर राजीव रंजन सिंह टिप्पणी करते हैं कि ढुलू को टिकट दिलाने में भाजपा के किस नेता (इनका इशारा साफ रघुवर दास की ओर है।) का योगदान था। शायद आप सबको पता है। सांसद ढुलू महतो को सोची समझी साजिश के तहत जमशेदपुर बुलाया गया था। इसके उपर अगर नकेल नहीं कसा गया तो यह आनेवाले चुनाव में भाजपा को बर्बाद कर देगा।

वीर कुमार सिंह लिखते हैं कि अगर बात राजपूत या सवर्ण समाज की है तो हमारे लिए समाज प्रथम, हमारे समाज के लोगों ने ही पार्टी को सींच के खड़ा किया है। अरविन्द सिंह लिखते हैं कि कोयला चोर से सावधान, जिसके उपर 56 केस, वो सवर्ण समाज को गाली दे रहा है संत ढुलू महतो। रंजन सिंह, ढुलू पर व्यंग्य बाण चलाते हुए लिखते है कि प्रख्यात संत जिसके उपर ना जाने कितने केस है सांसद ढुलू महतो का बयान किस के इशारे पर और क्यूं, इसका जवाब देगा सवर्ण समाज।

अविनाश मोहंती लिखते हैं कि ये जमशेदपुर की धरती है। यहां के लोग लोहा बनाना भी जानते हैं और लोहा गलाना भी जानते हैं। कृपया बाहरी लोग अपना ज्ञान देना बंद करें। राजीव चौहान लिखते है कि अब जमशेदपुर में बाहर से लोग आकर राजनीतिक वध करेंगे। अपना आदत नहीं है। फेसबुक में हवाबाजी करने का। उतना ही खोदो जितना अच्छा लगे। राजनीति करिये। बाहुबल मत दिखाइये। ये लौहनगरी है महोदय, यहां पहले से ही हमलोग के खून में लोहा का मात्रा ज्यादा है। एक बार इतिहास उठा के देख लीजिये। यहां बैकवर्ड-फारवर्ड वाला कार्ड नहीं चलता है। बाकी आराम से रहिये और समय का इंतजार करिये।

सौरभ बबलू लिखते है कि क्या भाजपा जमशेदपुर महानगर ढुलू महतो के बयान का समर्थन करता है? व्यक्ति विशेष का विरोध हो कोई बात नहीं किन्तु फारवर्ड-बैकवर्ड वाला जहर चुनाव से पूर्व नहीं घोलना चाहिए। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि सोशल साइट पर ढुलू के खिलाफ लिखा जा रहा आक्रोशित बयान, बताने के लिए काफी है कि भाजपा के लोग चुनाव के पूर्व अपना जनाजा निकालने के लिए पहले से ही बेताब है और इसमें मुख्य भूमिका वो निभा रहे हैं। जिन्होंने पूर्व में जमकर सत्ता सुख प्राप्त किया है। आज भी सत्ता सुख भोग रहे हैं।

लेकिन इनके मुख से कल भी और आज भी जहर ही निकलता है। ताकि इस जहर की वजह से उन्हें सत्ता का परम सुख प्राप्त होता रहे। लेकिन ढुलू के बयान के बाद जो आक्रोश भड़का है। अगर ये आक्रोश बरकरार रहा तो भाजपा के टेंट में इतना बड़ा सुराख चुनाव आते-आते तक हो जायेगा कि भाजपा इस सुराख को कितना भी कोशिश कर लें, बंद नहीं कर पायेंगी और भाजपा इस पूरे इलाके से अपनी करनी के कारण ही साफ हो जायेगी।

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