राजनीति

जब चुनाव आया तो PM मोदी को आदिवासी याद आने लगे, PM बताएं कि आदिवासियों से इतना ही प्रेम है तो आदिवासी CM हेमन्त सोरेन को झूठे आरोप में पांच माह तक जेल में बंद क्यों रखाः सुप्रियो

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आजकल आदिवासियों के प्रति प्रेम कुछ ज्यादा ही उमड़ रहा है। वे बार-बार झारखण्ड का दौरा कर रहे हैं। तो ऐसे में वे खुद बताएं कि एक आदिवासी मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को झूठे केस में पांच महीने उन्होंने जेल में क्यों रखा? जनता को इसका जवाब चाहिए। एक फर्जी आरोप में इतने दिन क्यों जेल में बंद रखा? जिस पर हाई कोर्ट ने भी कह दिया कि प्रथम दृष्टया तो इस पर केस बनता ही नहीं हैं।

सुप्रियो ने यह भी कहा कि वहीं ईडी झूठे आरोप में हेमन्त सोरेन को जेल में बंद करता है और वहीं ईडी एक आरोपी और वारंटी को केन्द्रीय वित्त मंत्री से मिलवाता भी है। आदिवासियों के चिंता करने का यह ढकोसलाबाजी अब यहां नहीं चलेगा। झारखण्ड को हम चारागाह बनने नहीं देंगे। आपकी ही रघुवर सरकार ने जैसे अडानी को गोड्डा में जमीन दिया, कोयला दिया, पानी दी और बिजली बांगलादेश को दे दिया। अब ये सब यहां नहीं चलेगा।

सुप्रियो ने कहा कि अब आपका सपना टूटेगा। आप सिंगल डिजिट में रहेंगे। हरियाणा-महाराष्ट्र से ज्यादा बुरा हाल झारखण्ड में आपका होगा। इस बार चुनाव आयोग को भी हमने कह दिया है कि जैसे पिछली बार प्रधानमंत्री के चुनावी दौरे का बहाना बनाकर नो फ्लाइंग जोन घोषित कर दिया जाता था। इस बार नहीं चलेगा। राजनीतिक प्रतिस्पर्द्धा में सभी को समान नजरों से देखा जाना चाहिए। हम भी चाहते है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में कोई कमी नहीं होनी चाहिए पर इसी का बहाना बनाकर दूसरे को चुनावी सभा करने से रोकना ये सब अब मंजूर नहीं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय से सूचना आई है कि पीएम मोदी कल हजारीबाग में एकलव्य विद्यालयों के संबंध में कुछ घोषणा करेंगे। जनजातीय समाज के उन्नयन के लिए कुछ आवंटन करेंगे। चुनाव आया, इन्हें आदिवासी याद आने लगे। राष्ट्रपति को भी इन्होंने तंत्र बना दिया। हम कहते हैं कि हमें सौगात नहीं चाहिए और न ही हमें किसी की दया चाहिए। हमें तो सिर्फ अपना हक और अधिकार चाहिए।

सुप्रियो ने कहा कि पीएम मोदी बताएं कि झारखण्ड का बकाया एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये कब देंगे? क्योंकि ये कोई सामान्य रकम नहीं। ये तो किसी-किसी राज्य के वार्षिक बजट से भी ज्यादा का बकाया है। हमे खैरात देने की कोई कोशिश न करें। हमें हमारा बकाया दें। नहीं तो झारखण्ड की मेहनतकश जनता इन्हें सबक सिखाने के लिए इस बार के चुनाव में तैयार बैठी है।

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