राजनीति

सुप्रियो ने EC की उड़ाई धज्जियां, कहा EC और BJP फिल्म ‘बंटी और बबली’ की तरह काम कर रही हैं, EC ने जो प्रेस कांफ्रेस में ड्राफ्ट पढ़ा, उसे असम भवन में तैयार कर दीनदयाल उपाध्याय मार्ग से अनुमोदित किया गया था

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज ताल ठोककर भारत निर्वाचन आयोग के कार्य प्रणालियो पर अंगूली उठाते हुए कहा कि भारत निर्वाचन आयोग और भारतीय जनता पार्टी इस देश में 2005 में बनी सुप्रसिद्ध हिन्दी फिल्म बंटी और बबली की तरह भूमिका का निर्वहण कर रहे हैं। जैसे उक्त फिल्म में बंटी और बबली ने अपनी करामात से ताजमहल को बेच दिया था, ठीक उसी प्रकार इन दोनों ने देश के लोकतंत्र को बेच रखा है।

सुप्रियो ने यह भी कहा कि कल जो भारत निर्वाचन आयोग के सीइओ राजीव कुमार ने अपने संवाददाता सम्मेलन जो कुछ पढ़ा। उसकी ड्राफ्टिंग असम भवन में, अनुमोदन दीनदयाल उपाध्याय मार्ग में और उसके बाद इसे अशोका रोड से जारी कर दिया गया। सुप्रियो ने यह भी कहा कि ठीक है, हम चुनाव आयोग द्वारा जारी इस चुनौती को स्वीकार करते हैं।

लेकिन यह रेखांकित भी करते हैं कि वो संस्था को इतना नीचे मत गिराये। कल से चुनाव आयोग सर्वोच्च कार्यपालिका के रूप में हैं। उसका ये संवैधानिक दायित्व भी बनता है कि वो किसी के साथ भेदभाव न करें। सभी जिलों में एक साथ चुनाव करायें। रामगढ़, रांची, हजारीबाग को उसकी सूची से अलग न करें। नहीं तो हमें ये कहने में कोई गुरेज नहीं कि आप 2005 की तरह बंटी और बबली के रूप में कार्य कर रहे हैं।

सुप्रियो ने कहा जब से हेमन्त सरकार बनी, उसके बाद दो साल तो वैश्विक महामारी ने इनका ले लिया और बाकी जो उसके बाद समय मिला तो केन्द्र की सरकार ने अपनी केन्द्रीय एजेंसियों का इस प्रकार इस्तेमाल किया कि हेमन्त सरकार को काम तक नहीं करने दिया। सुप्रियो ने आज के संवाददाता सम्मेलन में चुनाव आयोग की धज्जियां उड़ा दी। उन्होंने कहा कि पिछली बार हरियाणा चुनाव महाराष्ट्र के साथ हुआ था। इस बार अकेले कराया गया। आज चुनाव परिणाम घोषित हुए आठ से नौ दिन बीत गये। लेकिन अभी तक न तो विधानसभा गठित हुआ और न ही सरकार बनी।

उन्होंने कहा कि 26 नवम्बर को महाराष्ट्र सरकार का कार्यकाल पूरा होना है। हमारी सरकार का कार्यकाल पांच जनवरी को पूरा होना है। फिर भी झारखण्ड का चुनाव, महाराष्ट्र के साथ कराने की घोषणा कर दी गई। इस बात की आशंका हमें पूर्व में ही थी। इसलिए जब पिछले दिनों जब राजीव कुमार आये थे तो हमने कह दिया था कि ऐसा होना नहीं चाहिए, लेकिन आप ऐसा ही करने जा रहे हैं। सुप्रियो ने कहा कि उन्होंने पहले भी आप संवाददाताओं को कहा था कि ये दो चरणों में यहां चुनाव करायेंगे। 23-24 को चुनाव परिणाम भी आ जायेगा। वहीं हुआ भी। क्योंकि चुनाव आयोग और भाजपा दोनों यहां फिल्म बंटी और बबली की तरह काम कर रहे हैं। जैसे बंटी और बबली ने मिलकर फिल्म में ताजमहल बेच दिया था। ये दोनों लोकतंत्र को बेच दे रहे हैं।

सुप्रियो ने कहा कि उन्होंने जो आशंका जाहिर किया था कि जैसे लोकसभा चुनाव में हुआ। हरियाणा विधानसभा चुनाव में हुआ। अब ये झारखण्ड में भी दुहराने का काम करेंगे। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि आपने 43 और 38 की लिस्ट जरुर देखी होंगी। आखिर ये 43, 47 भी हो सकता था, वो आखिर 43 क्यों रह गया। दरअसल यही बंटी और बबली का खेल है। जिसे समझने की जरुरत है। सुप्रियो ने कहा, क्योंकि यही 43 में मांडू और रामगढ़ नहीं हैं। खिजरी और सिल्ली नहीं हैं।

सुप्रियो ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव आयोग के सीइओ राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेस शुरु करते ही कहा था कि ‘कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना, छोड़ो बेकार की बातों को, कहीं भूल न जाये रैना …’। प्रेस कांफ्रेस के दौरान उनकी मुस्कान बता रही थी कि वो एक बड़ा खेल खेलने जा रहे हैं और वो बड़ा खेल था – मांडू और रामगढ़ तथा सिल्ली और खिजरी विधानसभा के चुनाव की तिथि।

सुप्रियो ने कहा कि मांडू विधानसभा दो जिलों में हैं – एक रामगढ़ और दूसरा हजारीबाग। हजारीबाग के सभी विधानसभा क्षेत्र चाहे बरकट्ठा हो या बड़कागांव या हजारीबाग सदर, इन सभी की तिथि एक है। यानी यहां चुनाव 13 नवम्बर को संपन्न होंगे। लेकिन मांडू में चुनाव 20 को कराये जा रहे हैं। मतलब 13 तारीख को आप बिशुनपुर में खड़ा होकर हजारीबाग जिला में प्रधानमंत्री व गृह मंत्री पूरे चुनाव को प्रभावित करेंगे। यहीं नहीं उसका केवल दायरा हजारीबाग ही नहीं रहेगा, उधर कोडरमा और गिरिडीह भी प्रभावित हो जायेगा।

सुप्रियो ने कहा के वे रामगढ़ में खड़ा होकर, रांची, कांके, बड़कागांव को प्रभावित करेंगे, क्योंकि पतरातू सीमा तक इधर कांके और उधर रामगढ़ है। खेल यहीं छुपा हुआ है। ये सोनाहातू जायेंगे 13 को ताकि तमाड़ से शुरु होकर ईचागढ़, रांची, हुलहुंडू जायेंगे जो खिजरी में पड़ता है, वहां से खिजरी, तोरपा, तमाड़, हटिया। ये हैं बंटी और बबली का खेल। सुप्रियो ने कहा कि आखिर एक जिला में दो-दो निर्वाचन क्यों? अगर यही करना है तो पलामू, गढ़वा, पं. सिंहभूम, पू, सिंहभूम, खरसावां, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार, चतरा आदि जिलों में ये सब क्यों नहीं हुआ? आखिर ये कौन सा खेल है?

सुप्रियो ने कहा कि आज भी हरियाणा का चुनाव चीख-चीखकर कह रहा है कि चुनाव आयोग ने वहीं काम किया जो उसने चंडीगढ़ में किया था। उन्होंने संवाददाताओं को इशारा करते हुए कहा कि आपलोग जो रिकार्डिंग करते हैं। आपका कैमरा, आपकी बैट्री यही मेरे बोलने से पहले जितना चार्ज था। हमारे बोलने के बाद कुछ न कुछ तो डिस्चार्ज अवश्य होगा या बिना डिस्चार्ज हुए ही फुल स्टोर दिखायेगा। यदि इवीएम का कनेक्शन कही और से नहीं, उसके बैट्री एक साथ है। तो हरियाणा में 25 ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां इवीएम नौ घंटे चलने के बाद भी उसकी बैट्री 99 प्रतिशत कैसे दिखाई दे रही थी? बाकी जगहों पर यही बैटरी 52 से 55 प्रतिशत कैसे दिखा रही थी?

सुप्रियो ने कहा कि चुनाव आयोग समझता है कि वो ही बहुत चालाक है, लेकिन उसे नहीं मालूम की उसकी चालाकी को कोई 2005 में पहले ही भांप लिया था, तभी तो उसने बंटी और बबली फिल्म बना दी। उन्होंने कहा कि आजकल हिमंता को जैसे सब कुछ मालूम रहता है। ठीक उसी प्रकार जैसे कभी ईडी क्या करने जा रही हैं। भाजपा के एक सांसद को पहले मालूम हो जाता था और वे ट्विट कर दिया करते थे। दरअसल ये सारा खेल दीनदयाल उपाध्याय मार्ग से चलता है। चुनाव आयोग हो या प्रवर्तन निदेशालय या डीआरटी या सीबीआई या आईटी और अब चुनाव आयोग।

सुप्रियो ने कहा कि दरअसल चुनाव आयोग लोकतंत्र को ठगना चाहता है। ये कहते है कि लेवल प्लेइन्ग फील्ड होगा। उन्होंने अपने प्रेस कांफ्रेस में झारखण्ड का नाम लेते हुए कहा कि उनकी नजर सभी नोडल ऑफिसर और डीओएस पर रहेगी। लेकिन ये बोलने के समय महाराष्ट्र का नाम नहीं लिया। आखिर ये क्या माजरा है? चुनाव आयोग भाजपा की भाषा पर तो चुप्पी साध लेता है, लेकिन दूसरी की बातों पर मुखर हो जाता है। ये सुरक्षा के नाम पर नो फ्लाइँग जोन बना देते हैं। अरे जब तुम्हारा स्टार प्रचारक चुनाव प्रचार करने जा रहा हैं और आप उसे सहुलियत दे रहे हो तो हमारा भी तो स्टार प्रचारक हैं, उसे भी वहीं सुविधा क्यों नहीं?